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APAAR ID School Education News: अपार आईडी नहीं तो शासन की योजनाओं का लाभ भी नहीं, सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए अपार आईडी को किया जरुर

APAAR ID School Education News: स्कूल शिक्षा विभाग के ताजा निर्देश पर नजर डालें तो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अब अपार आईडी को जरुरी कर दिया है। इसके बिना आनेव वाले दिनों में राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा।

APAAR ID School Education News: अपार आईडी नहीं तो शासन की योजनाओं का लाभ भी नहीं, सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए अपार आईडी को किया जरुर
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By Radhakishan Sharma

APAAR ID School Education News: बिलासपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के ताजा निर्देश पर नजर डालें तो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अब अपार आईडी को जरुरी कर दिया है। इसके बिना आनेव वाले दिनों में राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा।

अपार आईडी ना होने की स्थिति में छात्रों को छात्रवृत्ति के अलावा स्कूल यूनिफार्म, बुक बैंक से बुक व अन्य योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा। 12 डिजिट का अपार आईडी, हर एक स्टूडेंट की डिजिटल पहचान है। आईडी में स्टूडेंट्स के शैक्षणिक रिकॉर्ड को अपलोड किया जाता है। यह आईडी एक तरह से स्टूडेंट की पहचान है। इसमें छात्र के शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा उनके रिकॉर्ड को डिजिटल फाॅर्म में सुरक्षित रखा जाता है। अपार आईडी बनाने का कार्य पिछले एक वर्ष से जारी है, जिसे वार्षिक परीक्षा से पहले पूरा करने का टारगेट राज्य शासन ने तय किया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक प्रदेश के 33 जिलों में औसतन 87.17% अपार आईडी बनाने का काम पूरा कर लिया गया है।

अपार आईडी आंकड़ों पर नजर

छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में से 8 जिले में 67 से 79%, 12 जिले में 80 से 89% और 13 जिले में 90 से 96% तक अपार आईडी बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। जिन छात्रों ने आधार कार्ड जमा नहीं किया है उनका आईडी नहीं बन पाया है। यू-डाइस पोर्टल पर आधार व पहचान पत्र के सत्यापन के बाद अपार आईडी को जनरेट किया जा रहा है। अपार आईडी जनरेट करने में आधार, यू-डाइस और स्कूल रजिस्टर का डेटा मेल नहीं खा रहा। कई छात्रों के आधार में नाम, पिता के नाम की मात्रा या जन्मतिथि में अंतर होने से आईडी बनाने में तकनीकी दिक्कतें आ रही है।

अपार आईडी बन जाने के बाद छात्रों को किसी भी राज्य या देश में जाने पर मूल दस्तावेज साथ ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दुर्घटना होने, टूर पर जाने या अन्य स्थिति में 12 डिजिट के इस यूनिक नंबर से छात्र की सभी जानकारी मिल सकेगी। किसी भी स्थान से इस यूनिक आईडी के माध्यम से छात्रों से संबंधित सभी जानकारी एकत्रित की जा सकेगी, जिससे उन्हें त्वरित मदद मिलेगी।

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