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अजब गजब डीईओ: कल ही विभाग ने किया डीईओ के पोस्ट से सस्पेंड, आज खुद फिर से डीईओ के पद पर कर लिया कार्यभार ग्रहण और जारी कर दिया यह आदेश

अजब गजब डीईओ: कल ही विभाग ने किया डीईओ के पोस्ट से सस्पेंड, आज खुद फिर से डीईओ के पद पर कर लिया कार्यभार ग्रहण और जारी कर दिया यह आदेश
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shikshak news

By NPG News

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में जो भी हो जाए वह कम है विभाग किस तरीके से चल रहा है इसकी बानगी देखनी हो तो यह आदेश देखिए जो जिला जशपुर के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी हुआ है , इस आदेश की विशेषता यह है कि इसे आज जारी किया गया है और जिस अधिकारी जे के प्रसाद ने इस आदेश को जारी किया है वह कल एक दूसरे मामले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निलंबित किए जा चुके हैं । अब पूरा मामला समझिए , अक्टूबर में जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद का स्थानांतरण स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा रायपुर किया गया था और उनके स्थान पर बेमेतरा की जिला शिक्षा अधिकारी मधुलिका तिवारी का स्थानांतरण जशपुर जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर किया गया था इससे क्षुब्ध होकर जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद ने न्यायालय की शरण ली थी इधर एक अन्य मामले में कल विभाग ने पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद को निलंबित कर दिया था उनके द्वारा विभागीय पोर्टल में गलत जानकारी अपडेट करने और प्रमाणित करने की बात निकल कर सामने आई थी जिससे विभाग ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनका मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय रायपुर निर्धारित किया था ।


इधर इस आदेश को निकले 1 दिन हुआ भी नहीं है कि जिला शिक्षा अधिकारी जे के प्रसाद ने ट्रांसफर के विरुद्ध उच्च न्यायालय में दर्ज की अपनी याचिका के निर्णय के परिपालन में खुद ही एक तरफा कार्यभार ग्रहण कर लिया और बतौर जिला शिक्षा अधिकारी विभाग के उच्च अधिकारी से लेकर निम्न अधिकारी तक सबको यह निर्देशित कर दिया की उनके कार्यालय को भेजे जाने वाले समस्त शासकीय और अर्ध शासकीय पत्र उनके नाम पर भेजे जाए , यही नहीं उन्होंने एक और आदेश जारी करते हुए शासन द्वारा बनाए गए डीईओ मधुलिका तिवारी को एक तरफा कार्य मुक्त करते हुए उनके पूर्व संस्था के लिए रिलीव कर दिया है ।

जबकि न्यायालय ने जो निर्णय दिया है उसमें विभाग को आदेश जारी करने का निर्देश दिया था और हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन करते हुए विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया जाना था , अगर नियमों की बात करें तो विभाग द्वारा लेटलतीफी होने की स्थिति में जेके प्रसाद के पास न्यायालय की अवमानना याचिका दायर करने का भी अधिकार था लेकिन किसी भी हाल में इस तरीके से एकतरफा कार्यभार ग्रहण करना और फिर शासन द्वारा बनाए गए डीईओ को एकतरफा कार्यमुक्त करने का अधिकार नहीं था लेकिन कहते हैं न कि स्कूल शिक्षा विभाग में सब कुछ संभव है और सबसे बड़ी बात जहां से हम से हमने शुरुआत की थी की कल की डेट पर जे के प्रसाद निलंबित भी हो चुके हैं ऐसे में सीधे तौर पर स्कूल शिक्षा विभाग को चुनौती देते हुए निलंबित कर्मचारी ने आज बतौर डीईओ कार्यभार ग्रहण कर लिया और ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों को नया निर्देश प्रदान कर दिया अब देखना होगा कि विभाग इस निर्देश के विरुद्ध क्या आदेश जारी करता है और जब अधिकारी ऐसे नाफरमानी करेंगे तो फिर कर्मचारियों का क्या हाल होगा इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है

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