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अच्छी खबर: आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल छत्तीसगढ़ के गरीब और कमजोर वर्गो के बच्चों के लिए बना वरदान, अब प्री प्रायमरी में भी दाखिला...

अच्छी खबर: आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल छत्तीसगढ़ के गरीब और कमजोर वर्गो के बच्चों के लिए बना वरदान, अब प्री प्रायमरी में भी दाखिला...
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By Gopal Rao

रायपुर 22 मई 2023 I छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई अंग्रेजी स्कूलों की श्रृंखला से जिला और विकासखंड स्तर पर बड़ी संख्या में गरीब और कमजोर वर्ग के प्रतिभावान बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। बहुत ही कम समय में इन स्कूलों में लोकप्रियता हासिल कर ली है। राज्य सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में विश्व स्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं। स्वामी आत्मानंद स्कूलों की लोकप्रियता का अंदाजा मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों के दौरान इन स्कूलों की मांग और इन स्कूलों में पढ़ने वाले फर्राटेदार अंग्रेजी से लगाया जा सकता है। इन स्कूलों के प्रारंभ होने से गरीब और कमजोर तबके के प्रतिभावान बच्चों के पालकों को निजी स्कूलों की महंगी फीस से काफी राहत मिली है। इन स्कूलों में नाममात्र की फीस पर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा के साथ-साथ् विश्व स्तरीय सुविधाएं, बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा इन स्कूलों को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के प्रतिभावान छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य राज्यों के विद्यार्थियों से पीछे न रहे। सभी अंगेजी माध्यम और हिन्दी माध्यम स्कूलों में सीबीएससी का पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

इस साल से प्री-प्रायमरी की कक्षाएं भी

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट योजना के तहत संचालित हो रहे राजधानी के नए इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भी प्री-प्रायमरी की कक्षाएं शुरू होंगी। जिन स्कूलों में बेहतर सुविधा है वहां सबसे पहले पीपी-1 व पीपी-2 की क्लास लगाई जाएगी। इसके लिए संबंधित स्कूलों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं। रायपुर जिले में अभी 21 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं। इनमें केवल तीन स्कूलों में ही प्री-प्रायमरी की पढ़ाई हो रही है। सबकुछ ठीक रहा है तो ऐसे स्कूलों की संख्या एक दर्जन से भी ज्यादा हो जाएगी जहां प्री प्रायमरी की पढाई कराई जाएगी। स्वामी आत्मानंद के लगभग सभी स्कूलों में अभी पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई हो रही है।

रायपुर में खुलेंगे 7 नए स्वामी आत्मानंद स्कूल

प्रदेश सरकार इस शिक्षा सत्र से रायपुर में सात नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल शुरू करने की योजना बना रही है। इसके लिए स्कूलों का नाम तय कर दिया गया है। रायखेड़ा, बरबंदा, गोगांव, चंदखुरी, खरोरा, खोरपा और गनियारी के स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। स्कूलों में जरूरी सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। नए स्कूल खुलने से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को फायदा मिलेगा। पहली से आठवीं तक हर कक्षा में 50 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। नौवीं से 12 वीं तक हर कक्षा में 80 छात्रों को प्रवेश मिलेगा। सरकार ने बजट में भी 101 नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा की है।

नए स्कूल के लिए 870 करोड़ का बजट

राज्य बनने के बाद पहला ऐसा मौका है जब नए सरकारी स्कूल खोलने के लिए 870 करोड़ का भारी-भरकम बजट का प्रविधान रखा गया है। इस बजट को एक साल में ही खर्च करना है। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में बिल्डिंग, हाईटेक क्लास, प्रैक्टिकल लैब और खेल-खेल में पढ़ाई के हर संसाधन होंगे। अफसरों का कहना है कि स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूलों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। इस योजना के तहत अभी जिले में 21 इंग्लिश और 4 हिंदी मीडियम स्कूल संचालित हो रहे हैं। पांच और इंग्लिश मीडियम खोलने का प्रस्ताव है।

निजी स्कूलों में कम होने लगे स्टूडेंट

स्वामी आत्मानंद स्कूल खुलने से राजधानी समेत प्रदेशभर के निजी स्कूलों में लगतार छात्रों की संख्या कम होने लगी है। इसका असर शिक्षा का अधिकार कानून से होने वाले प्रवेश पर भी पड़ा है। पिछले साल तक प्रदेश में आरटीई की लगभग 80 हजार सीटें थीं, जो इस शिक्षा सत्र में घटकर लगभग 50 हजार हो गई है। निजी स्कूलों को पहली कक्षा में 15 फीसद सीटें आरटीई के लिए आरक्षित होती हैं। पहले निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए काफी मारामारी मची रहती थी, अब आसानी से प्रवेश हो रहा है। स्थिति यह है कि निजी स्कूल वालों ने प्रचार-प्रसार का बजट बढ़ा दिया है।

पीएमश्री में 211 स्कूल चयनित

केंद्र सरकार भी शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में जुटी है। केंद्र ने प्रधानमंत्री स्कूल फार राइजिंग इंडिया यानी पीएमश्री योजना शुरू की है। इसके तहत स्कूलों को नई शिक्षा नीति के तहत डेवलप किया जा रहा है। पहली सूची में छत्तीसगढ़ से 211 स्कूलों का चयन किया गया है। इनमें रायपुर जिले के 11 स्कूल शामिल है। केंद्रीय टीम आकर स्कूलों का परीक्षण करेगी, इसके बाद स्कूलों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।

प्रदेश में 247 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल

प्रदेश में 247 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल और हिंदी माध्यम के 32 स्कूल संचालित हैं, वहीं आगामी शिक्षण सत्र से 422 स्कूलों का संचालन किया जाना भी प्रस्तावित है। नये प्रस्तावित स्कूलों में सरगुजा और बस्तर संभाग के 252 स्कूल शामिल होंगे, ताकि सुदूर अंचलों एवं पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर सके। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र से अंग्रेजी माध्यम कॉलेज प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया गया है। 3 जुलाई 2020 को प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल की सबसे पहले शुरूआत हुई थी। योजना के अंतर्गत प्रांरभ हुए 247 स्कूलों में लगभग ढ़ाई लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। इन स्कूलों में अत्याधुनिक लाइब्रेरी, लैंग्वेज लैब, कम्प्यूटर और साइंस लैब के साथ ही टेनिस और बैडमिंटन सहित विभिन्न खेलों की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है।

नए सत्र में दाखिले की प्रक्रिया शुरू

स्वामी आत्मानंद स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया 10 अप्रैल 2023 से शुरू हो गई है। एडमिशन के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन लिए जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन का प्रोसेस 10 अप्रैल 2023 से शुरू होकर 5 मई 2023 तक चलेगी। 5 मई से 10 मई के बीच सीट का आवंटन होगा, वहीं 11 मई से 15 मई के मध्य दाखिले की आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यनतम उम्र 5 साल और अधिकतम 6 साल 6 महीने से ज्यादा नहीं होनी चाहिये। दाखिले में महतारी दुलार योजना के तहत आने वाले बच्चों को प्राथमिकता दी जायेगी। आवेदन के बाद लॉटरी के आधार पर सीटें बांटी जाती हैं। इसके अनुसार ही छात्र दाखिला लेते हैं। इस प्रक्रिया में एक से डेढ़ महीने का समय लग जाता है। स्कूलों का नया सत्र 15 जून से शुरू होता है। पिछली बार दाखिले की प्रक्रिया देर तक चली थी। तब राज्य में 76 नए स्कूल शुरू किए गए थे। इस बार सत्र शुरू होने से पहले दाखिले की प्रक्रिया पूरी हो जाए इसलिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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