शिक्षा बिग ब्रेकिंग : 10वीं-12वीं के बच्चों को हर महीने पूरा करना होगा असाइनमेंट…..10 दिन असानमेंट तैयार करने व 5 दिन जांचने के लिए मिलेगा वक्त…9 बिंदुओं का गाइडलाइन किया गया जारी
रायपुर 22 सितंबर 2020। कोरोना काल में जहां पढ़ाई का तरीका बदल गया है…तो वहीं बच्चों की परीक्षा का तरीका भी बदलने जा रहा है। अब 10वीं-12वीं के परीक्षार्थियों को पढ़ाई के बाद अपना असाइनमेंट भी पूरा करना होगा, हालांकि हर महीने से ये असाइनमेंट घर बैठकर ही छात्रों को पूरा करना होगा। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए 10वीं और 12वीं के सिलेबस में 30 से 40 फीसदी की कटौती कर इकाईवार विभााजन किया गया है। इन्हीं विषयों के असाइनमेंट छात्रों को पूरे करने होंगे। स्कूल शिक्षक इनकी जांच कर छात्रों को नंबर प्रदान करेंगे।
दरअसल जिस वक्त राज्य सरकार ने 10वीं-12वीं के सिलेबस में कटौती का निर्देश जारी किया था, उसी वक्त ये तय कर दिया गया था कि सिलेबस को वक्त पर पूरा किया जाये और छात्र उस सिलेबस के आधार अपना पाठयक्रम पूरा करें, इसे लेकर भी आकलन किया जायेगा। उसी कड़ी में राज्य सरकार ने असाइनमेंट का निर्देश जारी किया है। 10वीं और 12वीं के छात्रों को अब घर बैठ कर हर महीने अपना असाइनमेंट पूरा करना होगा। इसे वे स्कूल में जमा करेंगे। इसी आधार पर छात्रों की कॉपियों की जांच होगी और नंबर शिक्षा मंडल की वेबसाइट पर डाले जाएंगे। अगर किसी छात्र के नंबर कम आए तो स्कूल उन्हें पढ़ाने की विशेष व्यवस्था करेगा।
नंबर होंगे वेबसाइट में अपलोड
छात्रों को 10 दिनों का वक्त दिया जायेगा, जिमें उन्हें अपना असाइनमेंट पूरा करोना होगा।प्रत्येक माह के अंतिम दिन मंडल की वेबसाइट पर असाइनमेंट उपलब्ध होगा। इसकी सूचना वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए स्कूल छात्रों को दी जाएगी। बच्चों को 10 दिन असाइनमेंट बनाने और शिक्षकों को 5 दिन उसे जांचने के लिए वक्त दिया जायेगा। जिसका अंक माशिम की वेबसाइट में अपलोड होगा। 10वीं कक्षा के लिए : हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान। 12वीं कक्षा के लिए : हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, लेखाशास्त्र, व्यवसाय अध्ययन व अर्थशास्त्र।
20 अंकों का होगा असाइनमेंट
यह असाइनमेंट 20 अंकों का होगा। संबंधित शिक्षक अपने छात्रों को वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर असाइनमेंट के दौरान विषय से संबंधित कठिनाई को दूर करेंगे। इसके लिए उनका मागदर्शन और पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराएंगे। अगर किसी छात्र को कम नंबर मिलते हैं तो उसे विशेष रूप से पढ़ाने की व्यवस्था स्कूल स्तर पर होगी।
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