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कोविड -19 के दौरान श्रमिक स्पेशल गाड़ियों में यात्रा करते हुए 97 की मौत..51 की ही पीएम रिपोर्ट आई..46 की पीएम रिपोर्ट ही नहीं मिली

कोविड -19 के दौरान श्रमिक स्पेशल गाड़ियों में यात्रा करते हुए 97 की मौत..51 की ही पीएम रिपोर्ट आई..46 की पीएम रिपोर्ट ही नहीं मिली
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By NPG News

नई दिल्ली,17 सितंबर 2020। कोरोनो के दौर में श्रमिकों के लिए चलाई गई विशेष रेल गाड़ियों में यात्रा करते हुए 97 यात्रियों की मौत हो गई थी। इनमें से 51 यात्रियों की ही पीएम रिपोर्ट मिली जिनमें मौत का कारण हार्ट अटैक/ ब्रेन हेमरेज /पुरानी गंभीर बीमारी/ फेफड़ों की गंभीर बीमारी/लिवर की गंभीर बीमारी बताया गया है। शेष मृतक यात्रियों की पीएम रिपोर्ट ही सरकार तक नहीं पहुँची है।
जो जानकारी इसे लेकर रेल मंत्री पियुष गोयल ने दी है उसके अनुसार यात्रियों की यात्रा करते हुए मौतें 97 की हुई लेकिन 87 का ही पोस्टमार्टम कराया गया, और इनमें से भी केवल 51 की ही रिपोर्ट केंद्र सरकार तक पहुँची है।
दस मृतकों के पीएम क्यों नहीं कराए गए या कि 46 की पीएम रिपोर्ट क्यों नहीं मिली इसका ब्सौरा भी रेल मंत्री पियुष गोयल का जवाब देता है। केंद्र सरकार ने इस मसले को लेकर किसी पर दोषारोपण नहीं किया है लेकिन स्पष्ट किया है –
“रेल पर पुलिस व्यवस्था राज्य का विषय है,रेल परिसर अथवा चलती रेलगाड़ी में अपराध की रोकथाम, अपराध का पंजीकरण,जांच और क़ानून व्यवस्था बनाना राज्य का दायित्व है, जिसका निर्वहन जीआरपी के द्वारा किया जाता है।जबकि आरपीएफ याने रेल सुरक्षा बल यात्री क्षेत्र और यात्रियों की बेहतर रक्षा और सुरक्षा करने में राजकीय पुलिस याने जीआरपी की मदद करता है।”
केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल की ओर से आगे लिखा गया है
“राज्य सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर कोविड के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेन में यात्रा करते हुए 9 सितंबर तक 97 यात्रियों की मौत की जानकारी है।राज्य पुलिस ने आगे की कार्यवाही करते हुए धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया और 97 यात्रियों में से 87 मामलों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, इन 87 में से 51 की रिपोर्ट राज्य से केंद्र को मिली है।”
अब इस जानकारी के बाद दो मसले हैं, पहला तो यह कि शेष दस के पीएम क्यों नहीं कराए गए इसका जवाब फ़िलहाल तो नहीं मिल रहा है। दूसरा मसला यह है कि, कोरोना संक्रमित मरीज़ों के मौत का ब्यौरा देखा जाए तो लक्षण वही है जिसका ज़िक्र 51 के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिलता है। केंद्र सरकार का जवाब स्पष्ट नहीं बताता कि मृतकों को कोरोना था या नही .. यह सवाल भी उठता है कि। मृतकों का कोरोना टेस्ट हुआ था या नही .. और यदि हुआ था तो सरकार इसे स्पष्ट क्यों नहीं बता रही कि यात्रा के दौरान मारे गए लोगों में कोविड संक्रमण पाया गया था या कि यह टेस्ट ही नहीं किया गया।इसके साथ यह सवाल अपनी जगह है कि दस मृतक यात्रियों के पीएम क्यों नहीं कराए गए।

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