Begin typing your search above and press return to search.

जिला पंचायत की घोर लापरवाही के चलते 4 महीने से नहीं मिला है इस शिक्षिका को वेतन…. विवेक दुबे की शिकायत पर DPI ने लिया मामले का संज्ञान तो निकलकर यह गंभीर चूक आई सामने…

जिला पंचायत की घोर लापरवाही के चलते 4 महीने से नहीं मिला है इस शिक्षिका को वेतन…. विवेक दुबे की शिकायत पर DPI ने लिया मामले का संज्ञान तो निकलकर यह गंभीर चूक आई सामने…
X
By NPG News

रायपुर 6 जनवरी 2021। जिला पंचायत कबीरधाम की लापरवाही के चलते एक महिला शिक्षिका 4 महीने से संविलियन और वेतन से वंचित है और सबसे बड़ी बात कि कई बार आवेदन के बावजूद जिला पंचायत ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, अब जब पूरे मामले की शिकायत लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक जितेंद्र शुक्ला से हुई है तो यह मामला निकल कर सामने आया है कि जिला पंचायत ने लोक शिक्षण संचालनालय को गलती में सुधार करने के लिए पत्र भेजा ही नहीं है जबकि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा इस संबंध में पत्र भेजा गया है और जिला पंचायत की लापरवाही के चलते ही पूरी प्रक्रिया रुकी हुई है ऐसे में अब सर्व शिक्षक संघ ने दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग रखी है ।

आखिर क्या है पूरा मामला

यह मामला है जिला कबीरधाम शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सहसपुर लोहारा में पदस्थ संगीता कौशिक का, जो वाणिज्य विषय की व्याख्याता है। पंचायत विभाग द्वारा राज्य कार्यालय को सूची भेजते समय इसमें त्रुटि कर दी गई जिसके कारण विभाग द्वारा संविलियन आदेश जारी करते समय उनके नाम के स्थान पर जयप्रकाश का नाम लिख दिया गया है जो कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सहसपुर लोहारा में पदस्थ ही नहीं है और वहां कार्यरत संगीता कौशिक का नाम सूची से गायब हो गया है । संविलियन आदेश जारी होते ही उन्होंने अपने जिला पंचायत कार्यालय और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को इस बात से कई बार अवगत कराया और इसकी जांच करके जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से भी दिसंबर माह में ही संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को त्रुटि सुधार हेतु पत्र लिखा गया है लेकिन जिस जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पूरी संविलियन प्रक्रिया का नोडल अधिकारी बनाया गया है उनके यहां से त्रुटि सुधार हेतु पत्र ही डीपीआई को प्रेषित नहीं किया गया है चूंकि संगीता कौशिक पूर्व में जिला पंचायत की कर्मचारी थी अतः त्रुटि सुधार हेतु जिला पंचायत से पत्र जाना था ऐसे में जिला पंचायत से पत्र न मिलने के चलते डीपीआई ने कोई कार्यवाही नहीं की है और इसकी पुष्टि डीपीआई कार्यालय द्वारा 4 मार्च को जारी किए गए पत्र से होती है और इस प्रकार जिला पंचायत की लापरवाही के चलते आज पर्यंत तक राज्य कार्यालय से संगीता कौशिक का आदेश जारी नहीं हो सका है जिसके चलते जहां सभी शिक्षाकर्मियों को वेतन भुगतान हो रहा है वही संगीता कौशिक आर्थिक और मानसिक परेशानी से जूझ रही है लगातार आवेदन देने के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है ।

मामले से राज्य कार्यालय को कराया था अवगत तो हुआ मामले का खुलासा – विवेक दुबे

जिला पंचायत द्वारा हेतु पात्र शिक्षाकर्मियों की सूची भेजते समय गड़बड़ी की गई है जिसके चलते राज्य कार्यालय से आदेश जारी करते समय शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सहसपुर लोहारा में जयप्रकाश नामक व्याख्याता को इस पद पर पदस्थ दिखाया गया है और संगीता कौशिक का नाम गायब है जिससे उन्होंने स्थानीय कार्यालय को अवगत कराया था , जिला पंचायत द्वारा यह जानकारी भी दी गई थी कि उनके द्वारा त्रुटि सुधार हेतु डीपीआई को पत्र प्रेषित किया गया है किंतु अब जब हमारे द्वारा मामले की शिकायत लोक शिक्षण संचनालय के संचालक जितेंद्र शुक्ला से की गई है तो यह मामला निकल कर सामने आया है कि जिला पंचायत द्वारा डीपीआई को पत्र ही नहीं भेजा गया है जिसके चलते कार्यवाही नहीं हो सकी है और अब एक बार फिर डीपीआई ने पत्र लिखकर तत्काल संशोधन हेतु पत्र मांगा है ऐसे में जिन अधिकारी कर्मचारियों की गलती से महिला शिक्षिका परेशान हुई है उन पर कार्यवाही करना आवश्यक है ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो, हमें उम्मीद है कि राज्य कार्यालय तत्काल इस पर एक्शन लेगा और जो लेटलतीफी हुई है वह आगे नहीं होगी ।

Next Story