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डॉ. गीतेश ने बनाई पहली वृहद् छत्तीसगढ़ी व्याकरण छत्तीसगढ़ी भाषा का पहला व्याकरण जिसमें रस, छंद, अलंकार सहित पत्र और निबंध लेखन

डॉ. गीतेश ने बनाई पहली वृहद् छत्तीसगढ़ी व्याकरण छत्तीसगढ़ी भाषा का पहला व्याकरण जिसमें रस, छंद, अलंकार सहित पत्र और निबंध लेखन
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By NPG News

रायपुर, 7 जनवरी 2021। मेडिकल कॉलेज रायपुर के भूतर्पूव चिकित्सक डॉ. गीतेश कुमार अमरोहित ने समग्र छत्तीसगढ़ी व्याकरण एक किताब लिखी है। इस तरह की किताब राज्य में पहली बार बनाई गई है। यूं तो छत्तीसगढ़ी का पहला व्याकरण अठारहवीं शताब्दी में हिन्दी व्याकरण के पहले ही हीरालाल काव्योपाध्याय ने लिख दिया था, जिसे अंग्रेजों ने अपने गजेटियर में प्रकाशित करवाया था। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद पीएससी, व्यापम और अन्य राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ी भाषा एवं व्याकरण के अलग से प्रश्र पूछे जाने लगे। लेकिन बाजार में निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकों का अभाव था। इस बात को ध्यान में रखते हुए डॉ. गीतेश कुमार अमरोहित ने समग्र छत्तीसगढ़ी व्याकरण नामक एक पुस्तक लिखी। यह पुस्तक पूर्णत: सीजी पीएससी के सिलेबस पर आधारित है।
चार सौ पचास से अधिक पृष्ठों वाली इस किताब की खासियत यह है कि छत्तीसगढ़ी वर्णमाला से किताब की शुरूवात होती है। पचास से अधिक अध्यायों में छत्तीसगढ़ी व्याकरण के समस्त पहलुओं को सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है। प्रत्येक अध्याय के अंत में अभ्यास हेतु प्रश्र भी प्रस्तुत किए गए हैं।
पुस्तक की एक खास बात यह है कि राज्य में पहली दफे छत्तीसगढ़ी भाषा में रस, छंद, अलंकार, निबंध, पत्र लेखन व अपठित गद्यांश को भी स्थान दिया गया है। समग्र छत्तीसगढ़ी व्याकरण पुस्तक में छत्तीसगढ़ी भाषा में शासकीय टिप्पणियां, प्रशासनिक शब्दावली, शासकीय पत्र लेखन का भी समावेश है। इससे शासकीय कार्य में छत्तीसगढ़ी भाषा का उपयोग करने में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आसानी होगी। दूसरी ओर इसी पुस्तक के एक अलग खंड में वृहद छत्तीसगढ़ी शब्दकोश भी प्रदर्शित है। इस शब्दकोश की खासियत यह है कि छत्तीसगढ़ी शब्दों के हिन्दी अर्थ के साथ अंग्रेजी अर्थ और उच्चारण भी प्रदर्शित हैं।

कौन हैं डॉ. गीतेश अमरोहित

लंबे समय तक मेकाहारा में चिकित्सक पद पर सेवा देने के पश्चात डॉ. गीतेश कुमार अमरोहित अब पूर्णरूपेण छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य लेखन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य में उनकी अब तक एक दर्जन से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ी पहाड़ा भी लिखा है। इसी महीने उनकी ही लिखी छत्तीसगढ़ का इतिहास पुस्तक प्रकाशित हो रही है। डॉ. गीतेश अमरोहित की लिखी चिकित्सा विज्ञान की पुस्तकें देश और विदेश के अनेक चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ाई जाती है।

क्या है पुस्तक की खासियत

सीजीपीएससी के सिलेबस पर आधारित यह पुस्तक प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा दोनों के लिए उपयेागी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी भाषा को जानने और सीखने के उत्सुक लोगों के लिए भी यह कारगर है। राज्य के विभिन्न विश्व विद्यालयों के एम.ए. छत्तसीगढ़ी पाठ्यक्रमों के लिए भी यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी। सरस्वती बुक्स से प्रकाशित इस पुस्तक का मूल्य कम रखा गया है ताकि सभी वर्ग के विद्यार्थी इस पुस्तक का लाभ ले सके।

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