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UP Tourism: नेचर के करीब और पैसा वसूल है यूपी की ये जगहें, बारिश के मौसम में कर सकते हैं ट्रिप का प्लान

UP Tourism: नेचर के करीब और पैसा वसूल है यूपी की ये जगहें, बारिश के मौसम में कर सकते हैं ट्रिप का प्लान
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By NPG News

रायपुर - UP Tourism I बरसात के मौसम में घूमने और नेचर आनंद लेने का अपना ही मजा है। इन दिनों प्रकृति के मनोरम दृश्य देखने का अपना ही मजा है। इसमें ऊचाई से गिरते झरने सबको बरबस अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। ऊंचे पर्वतों और बर्फ के ग्लेशियर से निकलकर समुद्र तक अपना रास्ता बनाने वाले झरने वाकई में बहुत खूबसूरत होते हैं। वैसे तो झारखंड ,उतराखँड में झरनो की भरमार है, लेकिन इसमें यूपी यानि उत्तरप्रदेश भी पीछे नहीं है। यहां भी कई खूबसूरत झरने है। जो आपको सुख-शांति के साथ देते हैं। जानते हैं उत्तरप्रदेश के इन झरनों के बारे में...

खूबसूरती का आनंद ले चूना दरी

यूपी में लगभग 165 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला चूना दरी झरना झरना बेहद खूबसूरत है। चूनादरी झरना लखियाना दरी झरने के पास ही मौजूद है। लेकिन दोनों झरनों के बीच का रास्ता काफी मुश्किल है। झरने की तलहटी में एक बड़ा सा पत्थर मौजूद है जो आकर्षण का केंद्र है। मानसून में इस झरने का रंगत देखते ही बनती है। चूना दरी झरना की खूबसूरती का आनंद आप झरने के निचले स्तर स्तर से या ऊपरी स्तर से ले सकते हैं।

मुक्खा फॉल बेस्ट पिकनिक स्पॉट

यहां सोनभद्र जिले में बेलन नदी पर स्थित मुक्खा फॉल एक मनोरम दृश्य सजोए हुए है। रोबर्ट्सगंज से इसकी दूरी लगभग 50 किलोमीटर है। झरने से थोड़ी दूरी पर ही सलखन फॉसिल पार्क मौजूद है, जो दुनिया का सबसे पुराना जीवाश्म पार्क है। साथ ही इसके आसपास में कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं। यहां पर छुट्टियों के दिनों में भारी संख्या में पर्यटक इसका आनंद लेने आते हैं। इसे पिकनिक जगह के रुप में भी काफी पसंद किया जाता है।

सुकून की तलाश में जाये तंडा झरना

आप हर दिन के भागदौड़ भरी और व्यस्त जिंदगी से कुछ समय का ब्रेक लेकर किसी शांतिमय और खूबसूरत जगह पर जाना चाहते हैं तो आपके लिए तंडा झरना सबसे बेहतर विकल्प है। तंडा झरने के प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर आपके मन को सुकून का अहसास होगा। दक्षिण में मिर्जापुर से 14 किमी दूर ये झरना बहता है। बरसात के मौसम में इस झरने के आसपास कई तरह की वनस्पतियां और जीव देखने को मिलते हैं।

सिद्धनाथ की दारी

मन को तृप्त करने वाला झरना है 'सिद्धनाथ की दारी'। यूपी के इस झरने का पानी जब 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है, तो मनमोहक दृश्य को देखते ही बनता है। यह एक फेमस पिकनिक की जगह भी है। इस झरने के चारों तरफ मौजूद हरियाली और प्राकृतिक खूबसूरती बेहतरीन और सुंदर नजारों की झलक मिलती हैं। इन झरने का नाम सिद्धनाथ बाबा के नाम पर पड़ा है जो यहां प्राचीन समय में साधना करे थे।

अद्भूत और मनोरम दृश्य की झलक

इस झरने का नाम ब्रिटिश संग्राहक विंधाम के नाम पर पड़ा है। यह अत्यंत सुंदर झरना मिर्जापुर में स्थित है। वाराणसी से 90 किमी दूर स्थित विंधाम झरना आसपास के पर्यटकों के लिए पिकनिकस्पॉट से कम नहीं है। ये पूरी घाटी ही हरियाली से भरी हुई है। नीले रंग के आकाश के नीचे सफेद पानी का झरना और हरी-भरी घास का दृश्य मन को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस जगह पर कुकआउटस्पॉट भी है।

पूर्वांचल का स्वर्ग

लगभग 65 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद राजदारी और देवदारी झरने को पूर्वांचल का स्वर्ग कहा जाता है। चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य के बीच मौजूद इस झरने को उत्तर-भारत में मौजूद सबसे बेहतरीन और खूबसूरत झरनों में से एक माना जाता है। बरसात के मौसम में इसका रंगत देखते ही बनता है। आपको बता दें कि राजदारी के ठीक बगल में मौजूद है देवदारी झरना जिसे संयुक्त रूप से राजदारी और देवदारी वॉटरफॉल के नाम से जाना जाता है। ये भी बता दें कि ये उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में मौजूद है और वाराणसी से अधिक दूर भी नहीं है।

ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए बेहतर विकल्प

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में अहरौरा के पास स्थित शानदार झरना आपका मन मोह लेगा। वाराणसी शहर की सड़कों पर पड़ने वाला ये झरना लोगों के दिल में बसता है। मॉनसून के मौसम में तो इसकी खूबसूरती दोगुनी हो जाती है। 150 मीटर की ऊंचाई से बहने वाला ये झरना अद्भुत लगता है। इस झरने से आसपास के गांवों में खेतों में सिंचाई की जाती है। ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए भी ये जगह एडवेंचर से भरी हुई है। चू झरने का बहाव बहुत तेज होता है इसलिए यहां आने पर सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। आसपास खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए अपने साथ ही खाने का सामान लेकर आ

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