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त्योहार में नकली खोया की मिठाईयों से रहें दूर, नहीं तो सेहत तो होगा बड़ा नुकसान, इस तरह से करें असली-नकली की पहचान

अभी त्योहार का सीजन है। ऐसे में मिठाईयों में मिलावट लोगों की एक बड़ी समस्या है। खासतौर पर खोये में मिलावट या नकली खोये से बनी मिठाईयों से आपकी सेहत को बड़ा नुकसान हो सकता है। आज हम जानेंगे कि आप किस तरह से असली-नकली खोये की पहचान कर सकते हैं।

त्योहार में नकली खोया की मिठाईयों से रहें दूर, नहीं तो सेहत तो होगा बड़ा नुकसान, इस तरह से करें असली-नकली की पहचान
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By Pragya Prasad

रायपुर, एनपीजी न्यूज। अभी त्योहार का सीजन है। जहां आज 18 अक्टूबर से कार्तिक मास की शुरुआत हुई है, वहीं आने वाले इन एक महीने में करवा चौथ, धनतेरस, रूप चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी जैसे तमाम पर्व आने वाले हैं। ऐसे में मिठाईयों में मिलावट लोगों की एक बड़ी समस्या है।

खासतौर पर खोये में मिलावट या नकली खोये से बनी मिठाईयों से आपकी सेहत को बड़ा नुकसान हो सकता है। नकली खोये में सिंथेटिक दूध, यूरिया, चॉक, व्हाइटनर, डिटर्जेंट, आलू, आयोडीन और कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं, जिससे आप बीमार पड़ सकते हैं। आज हम जानेंगे कि नकली खोये या मावे से बनी मिठाईयों से आपको क्या नुकसान हो सकता है, साथ ही आप किस तरह से असली-नकली खोये की पहचान कर सकते हैं।

नकली खोये की मिठाईयों से नुकसान

  • किडनी और लिवर को नुकसान पहुंच सकता है।
  • पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे- उल्टी, डायरिया, और फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
  • सिर और पेट में दर्द, स्किन एलर्जी, जॉन्डिस और आंतों में संक्रमण हो सकता है।
  • कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
  • ब्रेन कैंसर, माउथ कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ल्यूकेमिया, और श्वास संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
  • मिठाई को सजाने के लिए चांदी के वर्क की जगह एल्यूमिनियम का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए घातक है।
  • नकली या म‍िलावट वाला खोया खाने से पेट में दर्द हो सकता है।

नकली मावा की ऐसे करें पहचान

  • नकली मावा दानेदार और चिकना होता है।
  • नकली मावा मुंह में च‍िपकता है।
  • म‍िलावटी मावा पानी में डालने से टूटकर अलग हो जाएगा।
  • नकली मावे में देसी घी की खुशबू नहीं आती।
  • नकली मावे में चीनी डालकर गरम करें। अगर वो पानी छोड़ने लगे, तो समझ लें कि खोया म‍िलावटी है।
  • अगर खोया नीले रंग का हो, तो समझ लें कि उसमें किसी चीज की मिलावट की गई है।
  • थोड़ा सा खोया उंगलियों पर लेकर रगड़ें। अगर नकली खोया होगा, तो रगड़ने पर रबड़ जैसा महसूस होगा और केमिकल जैसी गंध भी आएगी।
  • असली मिठाई को हथेली पर रगड़ने पर केमिकल की गंध नहीं आती।
  • पीले आयोडिन टिंचर मिलाने पर मावे का रंग पीला होने की बजाय काला हो, तो समझ लें कि मावा नकली है।

हथेलियों पर रगड़ने से पता चलेगा कि मावा असली है या नकली

फ्रेश मावे का टेक्सचर ग्रिनी और ऑयली होता है। जब आप इसे अपने हाथों पर रगड़ेंगे, तो यह आपकी हथेलियों पर हल्का ऑयल छोड़ जाएगा। इसके साथ ही ताजे खोए का स्वाद मीठा होता है।

गरम पानी और नमक में डुबोने से चलेगा पता

गरम पानी में हल्का सा नमक मिलाएं और खोए को खरीदने से पहले खोए के टुकड़े को इसमें डुबो दें। अगर खोया आयोडीन के संपर्क में आते ही ब्लू रंग का हो जाता है, तो मतलब मावे में स्टार्च है। यानि ये शुद्ध नहीं है, इसे बिल्कुल भी नहीं खरीदें।

सल्फ्यूरिक एसिड का करें यूज

खोए को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए दूध में केमिकल जैसे कि फॉर्मलीन की मात्रा का पता लगाने के लिए आप सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल करें। थोड़ा सा खोया लेकर इसे कंसंट्रेटेड सल्फ्यूरिक एसिड में डुबोएं। अगर ये शुद्ध नहीं होगा, तो ऐसे में तैयार किए गए सल्फ्यूरिक एसिड के सैम्पल का रंग वॉयलेट रंग में बदल जाएगा।

Pragya Prasad

पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव। दूरदर्शन मध्यप्रदेश, ईटीवी न्यूज चैनल, जी 24 घंटे छत्तीसगढ़, आईबीसी 24, न्यूज 24/लल्लूराम डॉट कॉम, ईटीवी भारत, दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद अब नया सफर NPG के साथ।

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