जिनके पास अधिकार उनके पास सोच नहीं और जिनके पास सोच, उनके पास अधिकार नहीं...इसीलिए देश की हालत ठीक नहीं: बाबा संभव राम
सर्वेश्वरी समूह के देश भर में फैले विभिन्न आश्रमों में मनाया गया स्थापना दिवस, समाज को एकता के सूत्र में बांधने के लिए किया गया श्री सर्वेश्वरी समूह का गठन
रांची/पड़ाव। श्री सर्वेश्वरी समूह के 62वें स्थापना दिवस के अवसर पर श्री सर्वेश्वरी समूह के अध्यक्ष औघड़ गुरुपद संभव राम जी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि हमलोग जब भी एकत्रित होते हैं तो कोई भाषण या प्रवचन न करके उन करुणामय अघोरेश्वर की वाणियों का आपस में आदान-प्रदान करते हैं जिससे हमें, हमारे परिवार, समाज और राष्ट्र को एक बल मिले, उन्नति हो। अघोरेश्वर महाप्रभु की ही करुणा के फलस्वरूप आज 21 सितम्बर के दिन हमारी संस्था की स्थापना हुई क्योंकि आज दिन और रात बराबर होता है। यह सभी मनुष्यों को एक बराबर मानने की प्रेरणा देता है। लेकिन हमारे समाज के कुछ ऐसे लोग हैं जो उसको पसंद नहीं करते हैं। इसी तरह औघड़-अघोरेश्वर की दृष्टि में भला-बुरा, पाप-पुण्य, अन्धकार-प्रकाश या दिन व रात एक समान रहता है। क्योंकि वह एक साथ ही सबके सुधार के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। लेकिन कोई भी कार्यक्रम या परिवार से लेकर समाज और राष्ट्र तक चलाने के लिए एक व्यवस्था दी जाती है। पूज्य बाबा ने आगे कहा कि अभी का समय बहुत ही विपरीत चल रहा है, चाहे वह प्राकृतिक हो, मानवकृत हो, शारीरिक हो या भौतिक हो और आने वाला भविष्य भी बढ़िया होगा, ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है। क्या होगा, क्या नहीं होगा यह तो ईश्वर ही जानता है। हमारे समाज में जिनके पास अधिकार है उनके पास वह सोच-विचार नहीं है और जिनके पास अधिकार नहीं है उनके पास समाज, राष्ट्र और मनुष्यों को एकता के सूत्र में बांधने की सोच है, विचार है। वह लोग अपने स्तर से, अपने कृत्यों-कर्तव्यों से, अपनी भावनाओं से अपने-अपने क्षेत्र में प्रयत्न कर रहे हैं। जैसे कहा गया है- "यथा राजा तथा प्रजा", तो कुछ ऐसे हमारे नायक लोग हैं, शासक-प्रशासक लोग हैं जिनका आचरण-व्यवहार, चरित्र अनुकरणीय नहीं है, लेकिन उनका बहुत बड़ा प्रभाव समाज पर, जनमानस पर पड़ता है और आज जनमानस की हालत देख ही रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सभी लोग उसी तरह हैं। बहुत से लोग बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य यही है कि उनके पास अधिकार नहीं है। इसीलिए मानवता पीड़ित, दुखित व प्रताड़ित है, एक-दूसरे में बँटवारा-झगड़ा करने लगी हुयी है। यह सब हमारे अगुआ लोगों की ही देन है। उनके अपने निजी स्वार्थ के लिए अमीर-गरीब, भाषा-क्षेत्र, धर्म-मजहब, जाति-वर्ग, ऊँच-नीच जैसे सैकड़ों चीजों के नाम पर हमको अलग किया जाता है। जबकि हमारी संस्कृति में हमारे शास्त्रों-पुराणों में हमारे महापुरुषों ने दिखाया है कि हमारे वह पुराण-पुरुष अपने पैर के अंगूठों को अपने मुख में रखे हुए हैं। यह समाज के सभी वर्गों की एकता का प्रतीक है। समाज को चलाने की जो व्यवस्था दी गई थी कि सिर ब्राह्मण, भुजा क्षत्रिय, उदर वैश्य और पैर शूद्र, लेकिन आज जिनको ज्ञान देना था वह अज्ञानता से ग्रस्त हो गए। जिनको समाज, देश की, अबलाओं की रक्षा करणी चाहिए थी वह रक्षा न करके स्वयं भी दिग्भ्रमित हो गये हैं, और हमारे वैश्वानर में आहुति की जिनकी जिम्म्मेदारी थी जिससे तेज-बल बढ़ता है उसमें भी सब जगह मिलावट हो गयी है जिसके कारण सभी रोगग्रस्त हो रहे हैं, और अपने पैर जिनको शूद्र कहा गया है उनकी उपेक्षा करेंगे तो हमारा पर्यावरण, हमारा जल, वायु सब प्रदूषित हो जायेगा। यह सब उन्ही की वजह से सुरक्षित था। उनका अनादर करने से ही हम अपने स्वास्थ्य को खो रहे हैं। आज मनुष्यों की हालत तो जानवरों से भी बदतर हो गई है। जब तक हम पहले मनुष्य नहीं होंगे तब तक हम महापुरुषत्व के बारे में सोच ही नहीं सकते। हम अपना आंकलन करें, अपने-आपमें झांकें, अपने आपमें रहें और अपनी आत्मा की सुनें।
उक्त बातें पूज्यपाद बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी ने झारखण्ड प्रान्त स्थित श्री सर्वेश्वरी समूह शाखा रांची में आयोजित संस्था के 62 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहीं।
श्री सर्वेश्वरी समूह का 62 वाँ स्थापना दिवस देशभर में स्थित सभी शाखाओं व आश्रमों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
पड़ाव (वाराणसी) में भी
अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम में आज श्री सर्वेश्वरी समूह का 62वाँ स्थापना दिवस, संस्था अध्यक्ष औघड़ गुरुपद संभव राम जी के सान्निध्य में और संस्था के पदाधिकारियों और सैकड़ो सदस्यों व श्रद्धालुओं की उपस्थिति में मनाया गया। प्रातःकालीन आरती तथा सफाई व श्रमदान के पश्चात् सुबह 6 बजे एक प्रभातफेरी निकाली गई। एक वाहन की छत पर परमपूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु का विशाल चित्र लगाकर उसके आगे मोटर सायकिल तथा पीछे चार पहिया वाहनों की कतार में श्रद्धालुगण प्रभातफेरी लेकर पड़ाव से मैदागिन, लहुराबीर कचहरी से पांडेयपुर होते हुए सारनाथ स्थित "अघोर टेकरी" पर पहुंचे। यहाँ अवस्थित अघोरेश्वर चरण पादुका का पूजन संस्था के मंत्री डॉ० एस०पी० सिंह जी ने किया और सर्वेश्वरी ध्वज फहराया। श्री पृथ्वीपाल जी द्वारा सफलयोनि पाठ के पश्चात् प्रभातफेरी आशापुर से पांडेयपुर, चौकाघाट होते हुए पड़ाव आश्रम वापस आ गई। यहाँ पर संस्था के उपाध्यक्ष डॉ० ब्रजभूषण सिंह जी ने अघोराचार्य महाराजश्री बाबा कीनाराम जी की प्रतिमा का पूजन करने के पश्चात् सर्वेश्वरी ध्वजारोहण किया। डॉ० अशोक कुमार सिंह जी द्वारा सफलयोनि पाठ के बाद प्रसाद वितरण हुआ। दोपहर 12 बजे एक गोष्ठी आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता कोलकाता के श्री अशोक पाण्डेय जी ने की। अन्य वक्ताओं में संस्था के मंत्री डॉ० एस०पी० सिंह , उपाध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह, व्यवस्थापक हरिहर यादव, डॉ० अशोक कुंर, वैद्य बैकुंठनाथ पाण्डेय, डॉ० विजय, धर्मेन्द्र गौतम, और श्रीमती पूनम सिंह जी थे। मंगलाचरण सुष्मिता और भजन गिरिजा तिवारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्था के उपाध्यक्ष सुरेश सिंह तथात सञ्चालन प्रचारमंत्री पारसनाथ यादव ने किया।
उल्लेखनीय है कि श्री सर्वेश्वर समूह की देशभर में फैले सैकड़ों शाखा कार्यालयों तथा आश्रमों में या कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रत्येक जगहों पर प्रभातफेरी, ध्वजारोहण व गोष्ठी का आयोजन किया गया।