Begin typing your search above and press return to search.

इस बच्चे ने सूझबूझ से बचाईं आधे दर्जन लोगों की जिंदगियां, वीरता पुरस्कार के लिए हुए नामांकित

इस बच्चे ने सूझबूझ से बचाईं आधे दर्जन लोगों की जिंदगियां, वीरता पुरस्कार के लिए हुए नामांकित
X
By NPG News

धमतरी 13 जनवरी 2022। ग्राम सेनचुवा के 13 वर्षीय बालक शौर्यप्रताप चंद्राकर ने अपने नाम के अनुरूप सूझबूझ से 6-7 लोगों की जिंदगियों को मौत में तब्दील होने से बचा लिया। खेत में काम कर रहे किसानों व मजदूरों को समय पर जानकारी देकर न सिर्फ उन्हें करंट की चपेट में आने से बचाया, बल्कि बिजली विभाग के कर्मचारी को फोन करके तुरंत मेन लाइन बंद भी करवाई जिससे बड़ा हादसा टल गया।

धमतरी विकासखण्ड के ग्राम सेनचुवा निवासी 13 वर्षीय बालक शौर्यप्रताप चंद्राकर अपने पिता भूषण चंद्राकर के साथ 13 जून 2021 को खेत देखने गया था, जहां पर पिता के साथ किसान एवं ग्रामीण महेन्द्र तारक, परसराम साहू, योगेश्वर साहू, डोमन पटेल, विजय आदि खेतों में खरपतवार की साफ-सफाई का काम कर रहे थे। इसी बीच सहसा बिजली का हाईटेंशन तार हवा के झोंके से बबूल पेड़ की एक शाखा को छू लिया, जिससे टहनी में आग लग गई। इससे बेखबर किसान अपने खेतों में काम करने में मशगूल थे। पेड़ पर आग लगते देख बालक शौर्य ने चीख-चीखकर मजदूरों को खेत से बाहर निकलने कहता रहा। जब मजदूरों को करंट से आग लगने का पता चला तो वे सरपट दौड़कर बाहर निकल आए। महज डेढ़-दो मिनट के भीतर जली हुई टहनी के साथ तार खेतों में गिर गया, जो पानी से भरा हुआ था। अगर मजदूर खेतों में ही रह जाते तो करंट की चपेट में आकर सभी झुलस जाते। पिता ने मजदूरों के साथ खेत में जाने से पहले बालक शौर्य को मोबाइल दे दिया था, जिसका उसने विवेकपूर्ण इस्तेमाल करते हुए तत्काल छाती सब-स्टेशन के लाइनमैन सुरेन्द्र ध्रुव को कॉल करके तार के गिरने की सूचना दी, जिसके उपरांत विभाग के कर्मचारियों ने तुरंत विद्युत आपूर्ति को बंद किया। अगर समय पर शौर्य की आवाज सुनकर मजदूर व उनके पिता खेत से बाहर नहीं आते तो बड़ा हादसा घटित होना तय था। उसकी सूझबूझ और धैर्यपूर्वक कार्य से आधे दर्जन मजदूर व उनके पिता की जान बच गई।

छोटी उम्र में शौर्य की बहादुरी और अदम्य साहसिक कार्य को देखते हुए कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने बालक के नाम की अनुशंसा राज्य वीरता पुरस्कार के लिए करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य कल्याण परिषद को अग्रेषित किया था, जिसे महिला एवं बाल विकास मंत्री ₹ अनिला भेड़िया की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय 11 सदस्यीय ज्यूरी द्वारा शौर्य को राज्य वीरता पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। इस तरह आधे दर्जन लोगांे को जीवनदान देने वाले शौर्यप्रताप के जज्बे को सलाम करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रशस्ति-पत्र एवं पुरस्कार से नवाजा जाएगा...

Next Story