Sukma district : सुकमा जिले का गठन 1 जनवरी 2012 को हुआ । इससे पहले ये दंतेवाड़ा जिले का हिस्सा हुआ करता था। यह छत्तीसगढ़ के सबसे दक्षिणी भाग में स्थित है। सुकमा जिले की सीमा तीन राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा से लगी हुई है। नक्सलवाद का दंश झेल रहे इस जिले को 'पुलिस जिला' का उपनाम दिया जाता है। छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी इसी जिले में निवासरत है। यहाँ दोरला, गोंड, मारिया, मुरिया, धुरवा, हल्बा जनजातियां पाई जाती हैं। इसे सर्वाधिक वनाच्छादित और टिन उत्पादक जिले के रूप में भी जाना जाता है। छत्तीसगढ़ का पहला साइंस पार्क इसी जिले में स्थापित किया गया। यहां शबरी नदी पर कोंटा से लेकर आंध्र प्रदेश के कुंनावरम तक जल परिवहन की सुविधा है। सुकमा के बारे में विस्तार से इस आलेख में पढ़िए।
इतिहास
प्राचीन काल से दंडकारण्य के नाम से जानी जाने वाली यह भूमि विभिन्न प्रकार के जनजातीय समुदायों का निवास स्थान रही है।कहा जाता है कि यहां के जमींदारों के पूर्वज राजाओं-महाराजाओं के आधिपत्य और शर्तों-दंडों से त्रस्त होकर जगह- जगह भटके। दंडकारण्य क्षेत्र के जनजातीय समुदायों के बीच आकर उन्हें सुकून का अहसास हुआ। इसी वजह से उन्होंने इस क्षेत्र को सुकमा नाम दिया।
आधुनिक काल की बात करें तो यह क्षेत्र 1952 में बस्तर क्षेत्र के तहत एक उप-तहसील था, जिसे बाद में 1956 में तहसील बनाया गया। जब दंतेवाड़ा 1998 में बस्तर से विभाजित हुआ तो सुकमा दंतेवाड़ा जिले के अंतर्गत आया। सुकमा साल 2012 में एक नए जिले के रूप में अस्तित्व में आया।
प्रशासनिक जानकारी
सुकमा जिले का क्षेत्रफल 5635.79 वर्ग किलोमीटर है। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 2,50,159 है।जिला मुख्यालय सुकमा है। इसके अंतर्गत 4 तहसील, 3 विकासखंड, 1 नगर पालिका, 2 नगर पंचायत, 135 ग्राम पंचायत और 385 कुल गांव हैं।
कृषि
धान व तिल, सरसों की फसल सुकमा में परंपरागत रूप से ली जाती रही है। यहां ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का जैसे मिलेट का भी उत्पादन होता है। किसान केला, अनार व हल्दी, सब्ज़ियों की फसल भी ले रहे हैं।
अर्थव्यवस्था
सुकमा जिले की भूमि खनिजों से समृद्ध है। यहाँ टिन, कोरंडम, अभ्रक, और चूना पाया जाता है। जिले की अर्थव्यवस्था को पुख्ता बनाने में इनका महत्वपूर्ण स्थान है। वनोपज , पाम ऑइल, सुगंधित चावल, तिखुर, मसालों की काफी मांग रहती है। हस्तशिल्प और बुनकर क्राफ्ट का विक्रय भी होता है।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
प्रमुख काॅलेज
शासकीय शहीद बापूराव स्नातकोत्तर महाविद्यालय
शासकीय आई टी आई कॉलेज
सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज
लाइवलीहुड काॅलेज आदि
प्रमुख स्कूल
एकलव्य आदर्श स्कूल
सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल
मदर टेरेसा स्कूल
जवाहर नवोदय विद्यालय
डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल
गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकंडरी
केंद्रीय विद्यालय आदि
जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल
तुंगल ईको पर्यटन स्थल
जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 3 किमी दूर स्थित है तुंगल ईको पर्यटन स्थल। यहाँ तुंगल बांध देखने पर्यटक आते हैं। बांध के पास में ही बच्चों के खेलने के लिए सुंदर चिल्ड्रन्स पार्क है। नौका विहार के लिए मोटर बोट,पैडल बोट उपलब्ध हैं। सरकार द्वारा हट वगैरह का निर्माण किया गया है।
दोरनापाल पुल
सुकमा से लगभग 37 KM दूर स्थित है दोरनापाल पुल। यह छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क पुल है। इस पुल के निर्माण के कारण ओडिशा पहुंचने के लिए केवल 3 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है।
दुधमा पर्यटक स्थल
दुधमा पर्यटक स्थल और बांध भी सुकमा का एक अच्छा पर्यटन स्थल है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण लोकप्रिय है। यह सुकमा से लगभग 28 किमी दूर स्थित है। जलप्रपात के पास शिव भगवान का एक छोटा सा मंदिर भी है। जहां श्रद्धालु सावन में शिव भगवान का जलाभिषेक करने आते हैं।
चिटमिट्टीन माता मंदिर
यह सुकमा जिले का प्रमुख धार्मिक आकर्षण है। यह मंदिर चिटमिट्टीन माता को समर्पित है। मंदिर में उनकी सुंदर मूर्ति स्थापित है। कहते हैं प्रभू श्री राम ने अपने वनवास काल के दौरान यहां की यात्रा की थी। यहां पर श्री राम और भक्त हनुमान की सुंदर प्रतिमाएं हैं।
कैसे पहुँचे
प्लेन से
जगदलपुर हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है, यह सुकमा से 100 किमी दूर है। राजमुंदरी हवाई अड्डा दूसरा निकटतम हवाई अड्डा है, जो सुकमा से 200 किमी की दूरी पर स्थित है।
ट्रेन से
दंतेवाड़ा और जगदलपुर रेलवे स्टेशन सुकमा के निकटतम रेलवे स्टेशन हैं।
सड़क मार्ग से
सुकमा जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग NH-30 और NH 221 गुजरते हैं। NH 30 की वजह से रायपुर और हैदराबाद के लिए अच्छी सड़क मिल जाती है। ।दंतेवाड़ा और जगदलपुर से सुकमा पहुंचने के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं।