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शेर आजाद और आप पिंजरे में: शहर के बीच जंगल का मजा लीजिए एशिया के सबसे बड़े मानवनिर्मित 'जंगल सफारी' में

शेर आजाद और आप पिंजरे में: शहर के बीच जंगल का मजा लीजिए एशिया के सबसे बड़े मानवनिर्मित जंगल सफारी में
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Jungle Safari

By NPG News

NPG NEWS

रुटीन लाइफ़ थकाती है। ऑफिस का तनाव हो या घर की तमाम ज़िम्मेदारियों के बीच तालमेल बिठाने की कशमकश, या फिर बच्चों के लिए पढ़ाई का टेंशन, हर कोई थोड़ी सी राहत, थोड़ा-सा बदलाव चहता है और यदि यह बदलाव शहर के भीतर ही उपलब्ध हो तो? फिर न यात्रा के बंदोबस्त का तनाव होगा न अधिक खर्च। बात कर रहे हैं नया रायपुर स्थित "नंदनवन जंगल सफारी" की, जो एशिया की पहली मानव निर्मित जंगल सफारी है। यहाँ जंगली जानवर मज़े से खुले में विचरते हैं और आप होते हैं पिंजरेनुमा गाड़ी में। रोमांच गज़ब का होता है न पास से खुले शेर और बाघ जैसे भयंकर जानवरो को देख लेने का, जब वे आपकी गाड़ी के पास ही से गुज़रते हैं। आप को एकटक देखते हैं पर आप सेफ़ भी होते हैं और आनंदित भी। तो फिर देर किस बात की, जंगल सफ़ारी के बारे में जान लीजिए और देखने का मन भी बना लीजिए।

* कहाँ स्थित है जंगल सफारी

जंगल सफारी खंडवा ग्राम के नज़दीक नया रायपुर के बीच में स्थित है जो 800 एकड़ में फैला हुआ है। जंगल सफारी में आपको कई तरह के जानवर और हरियाली से परिपूर्ण वातावरण देखने को मिलेगा। साथ ही यहां 130 एकड़ में खंडवा जलाशय है जो सफ़ारी की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। यह कई सारे प्रवासियों पक्षियों को अपनी ओर खींचता है। इसमें आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं। जंगल सफारी में चारो ओर हरियाली ही हरियाली है। सफारी और सर्विस रोड के साथ ग्रीन बेल्ट बनाया गया है और करीब 55000 पौधे लगाए गए हैं।

* चार मुख्य बाड़े हैं जंगल सफारी में

800 एकड़ जमीन में बनाए गए जंगल सफारी में वन्य जीवों के लिए 4 अलग अलग बाड़े बनाए गए है।जहां एक सुरक्षित बस के जरिए सफारी में जंगली जानवरों को नजदीक से देख सकते हैं।

* शाकाहारी वन्यप्राणी सफ़ारी-पहला गेट पार करने पर शाकाहारी वन्य प्राणी सफारी है, जो कि 30 हेक्टेयर क्षेत्र में है। इसमें 80 हर्बिवोर को रखा गया है। यहां चीतल, हिरन, बुलबुल, बार्किंग डीयर, और ब्लैक बक आदि शामिल हैं। यहां साम्बर प्रजाति के हिरन आपको देखने को मिलेंगे। यहाँ खुले में दौड़ते हुए हिरन मन मोह लेते हैं ।

* भालू सफ़ारी-दूसरे गेट में आपको खुले में भालू दिखेंगे वर्तमान में चार भालू सफारी में है। बच्चों को भालू देखना बहुत अच्छा लगता है। यहाँ आप उनकी खुशी में शामिल होकर लुत्फ़ उठा सकते हैं। भालू सफारी 20 हेक्टेयर क्षेत्र में है।

* टाइगर सफ़ारी-तीसरे गेट के बाद 20 हेक्टेयर के जंगल में कहीं से भी टाइगर अपको विचरण करते दिख जाएंगे। फिलहाल इस सफारी में 2 नर और 2 मादा टाइगर हैं।टाइगर विश्व में पाए जाने वाले कुल 6 बाघ की किस्मों में से एक हैं। सफारी के चारों तरफ 5.5 मीटर ऊंची चैनलिंक फेंसिंग बनाई गई है। लगभग 2.3 किमी लम्बी सड़क है, जिसमे आप खुले में विचरण करते हुए टाइगर को देखने का लुफ्त सकते है।

* शेर सफ़ारी-इसके बाद अंत में 20 हेक्टेयर में शेर की मौजूदगी है।

इसके अलावा क्रोकोडाइल एक्जिबिट सफारी 9500 वर्गमीटर में फैली हुई है,मार्श क्रोकोडाइल प्रजाति प्रदेश में मिलती है। पानी में उतरते फिर ऊपर जाकर धूप सेंकते क्रोकोडाइल आपको यहां नज़र आएंगे। बच्चे इन्हें पास से देखकर रोमांचित होंगे।

* जंगल सफारी के लिए टिकट कैसे बुक करें

जंगल सफारी के लिए आप आसानी से ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट बुक कर सकते हैं, यहां पर्यटकों के लिए एसी बस, नॉन एसी बस, इत्यादि उपलब्ध है। बसों में आपको गाइड मिलेंगे जो आपको हर सफारी और जानवरों के बारे में जानकारी देते है जो पर्यटकों के लिए उपयोगी हैं।

* जंगल सफारी खुलने का समय

नंदनवन जंगल सफारी मार्च से सितम्बर तक सुबह 10 बजे से 4 बजे तक और अक्टूबर से फरवरी तक सुबह के 9:30 से 3:30 तक खुला रहता है। इस टाइमिंग के दौरान आप जंगल सफारी में टिकट बुकिंग कर सकते हैं और इसी टाइमिंग के दौरान ही आप जंगल सफारी में प्रवेश कर सकते हैं।

"सोमवार" को जंगल सफारी बंद रहता है।

* जंगल सफारी की टिकट कितने की है

जंगल सफारी का टिकट अलग अलग उम्र और अलग अलग बस (एसी और नाॅन एसी ) के हिसाब से है।

अगर आपकी 18 प्लस है तो आपको एसी बस का 150 और नाॅन एसी बस का 100 रूपये में एक टिकट मिलेगा। इसी तरह 12 से 18 उम्र वालों को एसी बस का 50 और नाॅन एसी बस का 25 रूपये में एक टिकट मिलेगा।

* कैसे पहुँचें

नज़दीकी हवाई अड्डा – स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर, केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है। आप बस या टैक्सी से पहुंच सकते हैं।

नज़दीकी रेलवे स्टेशन – रायपुर रेलवे स्टेशन, 30 किलोमीटर की दूरी पर है, जहां से सिटी बस या टैक्सी के द्वारा पहुंच सकते हैं।

जंगल सफारी के आसपास देखने योग्य जगहें

पुरखौती मुक्तांगन – छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और आदिवासियों के रहन सहन की झलक देखना चाहते हैं तो आपको रायपुर में स्थित पुरखौती मुक्तांगन अवश्य जाना चाहिए।

महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय – भारत के सबसे पुराने संग्रहालय में से एक है। इस संग्रहालय में आपको प्राचीन मूर्तियां, शिलालेख, बौद्ध कांस्य, कपड़े गहने इत्यादि देखने मिलेंगे। पुराने जमाने के हथियारों की झलक भी आप देख सकेंगे।

राजीव लोचन मंदिर – राजिम जिसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है,रायपुर के समीप ही है आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।यहां पर सबसे प्राचीन मंदिर है राजीव लोचन मंदिर, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। माघ पूर्णिमा में यहां शानदार मेला लगता है जिसमें देशभर के भक्त और पर्यटक आते हैं और दर्शन करते हैं।

तो आपको नया रायपुर स्थित जंगल सफारी की जानकारी मिल गई है। ज्यादातर स्कूली बच्चे अभी-अभी अपनी परीक्षाओं से फ्री हुए हैं, उन्हें प्राकृतिक पर्यावरण में घुमाने, जंगली जानवरों और वनस्पति से रूबरू कराने, उनका मन बदलने के लिए यह अच्छा समय है। परिवार के साथ एक यादगार अनुभव जुटाने जंगल सफारी जाने की प्लानिंग कर लीजिए।

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