SFURTI Yojana: पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने सरकार की स्फूर्ति योजना, 8 करोड़ रुपए तक की आर्थिक सहायता, ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन
पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2005 में प्रधानमंत्री स्फूर्ति योजना की शुरुआत की थी। 2019 और 2021 में इस योजना को अपडेट भी किया गया। SFURTI योजना के तहत अधिकतम 8 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है। योजना के तहत हेरिटेज क्लस्टर के लिए अधिकतम 8 करोड़ रुपए की राशि दी जाती है। आइए हम आपको बताते हैं योजना से जुड़ी सभी मुख्य जानकारी...
रायपुर, एनपीजी न्यूज। विज्ञान और टेक्नोलॉजी के विकास और आधुनिकीकरण के चलते धीरे-धीरे पारंपरिक उद्योग सिमटते चले जा रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का रोजगार भी छिना है। पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्फूर्ति योजना की शुरुआत की थी। साल 2005 में भारत सरकार ने स्फूर्ति योजना की शुरुआत की थी।
पारंपरिक उद्योगों को बचाने के लिए योजना
इस योजना के तहत कारीगरों को सरकार फंड देती है, ताकि पारंपरिक उद्योग नष्ट नहीं हो जाएं। जो लोग भी लघु या मध्यम (Small or Medium) स्केल का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, वे प्रधानमंत्री स्फूर्ति योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसमें लोगों को किसी कला को सीखने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है। साल 2021 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने MSME क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये 18 राज्यों में विस्तृत 50 कारीगर आधारित स्फूर्ति क्लस्टर्स का भी उद्घाटन किया था।
ये संस्थाएं उठा सकती हैं योजना का लाभ
प्रधानमंत्री स्फूर्ति योजना का लाभ गैर-सरकारी संगठन यानि NGO उठा सकते हैं। इसका फायदा पंचायती राज संस्थान, क्लस्टर विशिष्ट निजी क्षेत्र भी ले सकते हैं। इसके अलावा योजना का लाभ केंद्र और राज्य सरकारों के अर्ध-सरकारी संस्थान और संस्थान, राज्य और केंद्र सरकारों के फील्ड अधिकारी व कॉर्पोरेट्स और कॉर्पोरेट रेस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फाउंडेशन ले सकते हैं।
SFURTI Yojana के तहत ये भी होंगे लाभार्थी- उद्यमी, कच्चे माला प्रदाता, मशीनरी निर्माण करने वाले, श्रमिक, सहकारी संघ, शिल्पकार संघ, निजी व्यवसाय विकास सेवा प्रदाता, संस्थागत विकास सेवा प्रदाता, उद्यम संघ, स्वयं सहायता समूह, उद्यमों के नेटवर्क, कारीगर। एमएसएमई यानी माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम मिनिस्ट्री द्वारा स्फूर्ति योजना को शुरू किया गया है।
ट्रेनिंग के साथ-साथ कारीगर एक्सचेंज
इस योजना में कारीगरों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ कारीगर एक्सचेंज भी किए जाएंगे। इससे कारीगर दूसरे उद्योगों से संबंधित काम भी सीख सकेंगे। इससे कारीगरों की क्षमता भी बढ़ेगी।
अधिकतम 8 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद
SFURTI के तहत अधिकतम 8 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है। योजना के तहत हेरिटेज क्लस्टर के लिए अधिकतम 8 करोड़ रुपए की राशि दी जाती है। इसमें 1 हजार से लेकर 2,500 कारीगर तक हो सकते हैं। वहीं प्रमुख क्लस्टर के लिए अधिकतम 3 करोड़ रुपए तक की आर्थिक मदद दी जाती है। इसमें कारीगरों की संख्या 500 से लेकर एक हजार तक हो सकती है। वहीं मिनी क्लस्टर के लिए अधिकतम एक करोड़ रुपए की फाइनेंशियल हेल्प दी जाती है। इसमें कारीगरों की संख्या 500 तक हो सकती है।
2005 से शुरू की गई इस योजना को साल 2019 में अपडेट किया गया। इसमें कई ऐसे उद्योगों को जोड़ा गया, जिनसे भारी संख्या में कुशल और अकुशल ग्रामीण श्रमिक जुड़े हुए थे। इन अकुशल श्रमिकों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर उनका आर्थिक विकास करना और गांव को आर्थिक का विकास करने का काम शुरू किया गया है। स्फूर्ति योजना-2021 के तहत इस योजना में बांस, खादी और शहद से जुड़े ग्रामीण एमएसएमई उद्योगों का उत्थान करने का विशेष इंतजाम किया गया है।
प्रधानमंत्री स्फूर्ति योजना के तहत आवेदन करने के लिए इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत, जान लें पात्रता
- आवेदक भारत का नागरिक और स्थायी निवासी भी हो। विदेश में जाकर बस गए भारतीयों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- आधार कार्ड
- आवास प्रमाण पत्र
- इनकम सर्टिफिकेट- जनसेवा केन्द्रों से जारी होने वाले आय प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे।
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- बैंक डिटेल
- आवेदक का अगर अपना मकान हो तो, जमीन और इमारत के मालिकाना हक से जुड़ा डॉक्यूमेंट।
- अगर आवेदक किराए के मकान में रहता हो, तो रेंट एग्रीमेंट औप बिजली का बिल लगेगा।
योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का तरीका
सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। होम पेज पर Apply Now पर क्लिक करें। फिर एप्लीकेशन फॉर्म दिखाई देगा, इसे सावधानीपूर्वक भर लें। जो भी जानकारी मांगी जा रही है, उसे दर्ज करें। अगर एप्लीकेशन फॉर्म भरने में गलती होती है, तो आपका आवेदन रिजेक्ट हो सकता है, इसलिए पूरी सावधानी बरतें। एक बार रिचेक जरूर करें। इसके बाद आपको फॉर्म में दी गई जानकारी से संबंधित दस्तावेजों की स्कैनिंग कॉपी को अपलोड करना होगा।
इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक कर फॉर्म को सबमिट करें। इस तरह से आपके द्वारा आवेदन का प्रोसेस पूरा हो जाएगा।
स्फूर्ति योजना में शामिल उद्योग
केन और बांस उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, स्टील और लकड़ी के फर्नीचर, फल एवं सब्जी प्रसंस्करण, लोहार और कृषि उपकरण, खादी वस्त्र उद्योग, मधुमक्खी पालन उद्योग, बढ़ई, रेशमी वस्त्र व रेशम का कीड़ा पालन उद्योग, आयुर्वेद, रिवर शैल बटन और लाख, ऊन उत्पादन और ऊनी वस्त्र निर्माण उद्योग, धातु और मिट्टी के वर्तनों का निर्माण, पारंपरिक आभूषण, पॉटरी उद्योग, हाथ से बुने कालीन, सींग और हड्डी से जुड़ा काम, हस्त निर्मित कागज और रेशा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण एवं स्वास्थ्य पेय उद्योग, अगरबत्ती, धूप बत्ती और हवन सामग्री
कॉमन फैसिलिटी सेन्टर्स का रोल अहम
स्फूर्ति योजना के तहत कॉमन फैसिलिटी सेन्टर्स (CFC) के माध्यम से पारंपरिक उद्योगों की स्थापना से लेकर विपणन तक का काम देखा जाता है। इसके तहत बुनियादी ढांचे की स्थापना, नई मशीनरी की खरीद, कच्चे माल का स्टोरेज, डिजाइन में बदलाव, बैहतर पैकेजिंग, कारीगरों का कौशल विकास संबंधी काम है।
PM SFURTI योजना शुरू करने का मकसद
- कारीगरों और पारंपरिक उद्योगों को क्लस्टर में व्यवस्थित करना
- ग्रामीण अंचलों के पारंपरिक उद्योगों का व्यवस्थित रूप से कौशल विकास करना है
- कारीगरों के कौशल में सुधार, इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है
- पारंपरिक उद्योगों में स्थिरता लाने का काम
- कारीगरों के लिए बेहतर उपकरणों और उपकरणों की व्यवस्था
- क्लस्टर शासन प्रणालियों को मजबूती देना (Strengthening cluster governance systems)
- रोजगार के मौके पैदा करना
- ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक उद्योगों को चलाने के दौरान पैदा होने वाली समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने और उनका हल निकालने के लिए स्फूर्ति योजना को प्रभावी बनाया गया है।