साय सरकार का बड़ा काम, श्रमिकों और उनके परिवारों का रखा ध्यान, कल्याण और सम्मान
सायश्रम यनि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय श्रमिकों के कल्याण के लिए निरंतर योजनाओं और फैसलों के जरिए श्रम को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

रायपुर। श्रमिकों को अब उचित श्रम और उनके परिवारों की हर परिस्थितयों में ध्यान छत्तीसगढ़ प्रदेश की विष्णु सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। सायश्रम यनि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय श्रमिकों के कल्याण के लिए निरंतर योजनाओं और फैसलों के जरिए श्रम को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम साय कहते हैं श्रमिक प्रदेश विकास की रीढ़ हैं। विकसित छत्तीसगढ़ में उनका योगदान प्रमुख है। एक वर्ष के भीतर श्रम विभाग के तीन मंडलों के अंतर्गत 375 करोड़ की राशि श्रमिक हित में जारी की जा चुकी है। श्रमिकों के खातों में डाली गई इस राशि का लाभ सीधे उन्हें और उनके परिवारों को मिल रहा है। उनके बच्चों की शिक्षा, परिवार के स्वास्थ्य की सुविधा से लेकर उन्हें पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। इससे श्रमिकों आर्थिक तौर सशक्त होने क साथ-साथ अपने बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
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श्रमिकों की जिंदगी बदलती साय सरकार की योजनाएं
राजनांदगांव जिले की तुलसी बेहद मेहनती है। वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में असमर्थ थीं लेकिन साय सरकार की श्रम नीतियों ने उनकी राह आसान कर दी। तुलसी की बेटी, ख्याति, जिसने 12वीं की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया, उच्च शिक्षा के लिए चिंतित थी। तभी उन्हें पता चला कि साय सरकार ने श्रमिकों के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक योजना चलाई है। तुलसी ने योजना के तहत आवेदन किया, और कुछ समय बाद उनका आवेदन स्वीकृत हो गया। अब ख्याति की कॉलेज फीस का भार सरकार ने उठा लिया है, जिससे उनका सपना साकार हो सका।
ऐसी ही कहानी बिलासपुर जिले के लक्ष्मी प्रसाद की है। लक्ष्मी प्रसाद एक निर्माण श्रमिक हैं और उनके छह सदस्यीय परिवार को मिट्टी के दो कमरों के घर में रहना पड़ता था। इस कठिन परिस्थिति में भी परिवार किसी तरह गुजर-बसर कर रहा था। तभी उन्होंने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास योजना के बारे में सुना, जो श्रमिकों को आवास सहायता प्रदान करती है। लक्ष्मी प्रसाद ने तुरंत अपने आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज जुटाए। कुछ इंतजार के बाद उनका आवेदन स्वीकृत हो गया, और उन्हें श्रम विभाग से 1,00,000 रुपये की सहायता मिली। अब उनका परिवार एक बेहतर घर में रहने का सपना साकार कर पाया है।
ये केवल तुलसी और लक्ष्मी प्रसाद की ही कहानी नहीं है, बल्कि प्रदेश के हजारों श्रमिकों के जीवन को साय सरकार की योजनाओं ने नई दिशा दी है।
अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना और तीन नई योजनाओं का शुभारंभ
प्रदेश के 28 लाख निर्माण श्रमिकों के लिए साय सरकार ने तीन नई योजनाओं को मंजूरी दी है। श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन की अध्यक्षता में इन योजनाओं का अनुमोदन किया गया।
नई योजनाएं:
1. अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना: निर्माण श्रमिकों के बच्चों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मदद।
2. निर्माण मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना: श्रमिक परिवारों और बच्चों के कौशल उन्नयन के लिए।
3. नि:शुल्क कोचिंग योजना: आईआईटी, जेईई, नीट और सीए जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए।
श्रम अन्न योजना का विस्तार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की घोषणा के अनुसार, शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना का विस्तार सभी जिलों में किया गया है। वर्तमान में 9 जिलों में 33 भोजन केंद्र संचालित हैं।
नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण
26 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों और उनके परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण नि:शुल्क कराया जाएगा। यह परीक्षण स्वास्थ्य विभाग, ईएसआईसी और निजी संस्थानों के सहयोग से किया जाएगा।
अपंजीकृत श्रमिकों को सहायता
अब अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों की कार्यस्थल पर मृत्यु होने पर उनके परिवार को 1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसका त्वरित क्रियान्वयन शुरू हो चुका है। महासमुंद जिले के श्रमिक परमानंद ध्रुव की मृत्यु पर उनकी पत्नी को यह सहायता राशि दी गई।
श्रमिक कल्याण
मंडल का नाम श्रमिक संख्या लाभन्वित राशि (₹)
छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल 59,807 37,90,37,660
छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार, राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल 5,165 7,90,62,000
श्रम कल्याण मंडल 2,049 1,01,20,541
श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाएं
1. विभागीय वेबसाइट
श्रम विभाग ने पारदर्शी और सुगम कार्यप्रणाली के लिए "श्रमेव जयते" नामक यूजर-फ्रेंडली वेबसाइट बनाई है।
2. श्रमेव जयते मोबाइल एप
श्रमिकों के पंजीकरण और योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु श्रमेव जयते मोबाइल एप विकसित किया गया है।
3. मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केंद्र
श्रमिक हितों की सुरक्षा और शिकायतों के समाधान के लिए रायपुर में राज्य स्तरीय सहायता केंद्र स्थापित किया गया।
4. मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केंद्र
सभी जिलों और विकासखंडों में श्रमिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु संसाधन केंद्र बनाए गए हैं। अब तक 36,295 श्रमिकों को सहयोग दिया गया।
5. पंजीकरण हेतु स्वघोषणा प्रमाणपत्र
श्रमिक पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाते हुए स्वघोषणा प्रमाणपत्र के आधार पर पंजीकरण का प्रावधान किया गया है।
6. मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना
श्रमिकों को मकान निर्माण या आवास खरीदने के लिए 1 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। 30 नवंबर 2024 तक 558 श्रमिकों को लाभ मिला।
7. नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना
कक्षा 10वीं और 12वीं के मेधावी बच्चों को 1 लाख रुपये और दोपहिया वाहन क्रय हेतु प्रोत्साहन राशि दी जाती है। अब तक 1,528 छात्रों ने लाभ उठाया।
8. प्रसूति सहायता योजना
महतारी जतन योजना के तहत 69,083 महिलाओं को कुल 138.16 करोड़ रुपये की सहायता दी गई।
9. मोबाइल कैंप संचालन
9 दिसंबर 2024 तक 4,641 मोबाइल कैंप आयोजित हुए, जिनमें 1,02,631 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 87,980 का समाधान हो चुका है।
10. शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना
श्रमिकों को 5 रुपये में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। 26 केंद्रों में प्रतिदिन 5,500 श्रमिक लाभान्वित हो रहे हैं।
11. निशुल्क कोचिंग योजना
पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को PSC, SSC, रेलवे, पुलिस भर्ती आदि के लिए कोचिंग दी जाती है। अब तक 2,474 बच्चों ने लाभ उठाया।
12. मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन योजना
60 वर्ष की आयु के बाद पंजीकृत श्रमिकों को ₹1,500 मासिक पेंशन और मृत्यु उपरांत परिवार को 50% पारिवारिक पेंशन दी जाती है।
13. मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना
सामान्य मृत्यु पर ₹1 लाख, कार्यस्थल पर मृत्यु पर ₹5 लाख और स्थायी दिव्यांगता पर ₹2.5 लाख की सहायता दी जाती है।
14. असंगठित कर्मकार मृत्यु व दिव्यांग सहायता योजना
असंगठित कर्मकार की मृत्यु पर ₹1 लाख और स्थायी दिव्यांगता पर ₹50,000 की सहायता दी जाती है।
15. शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना
श्रमिकों के बच्चों को कक्षा 1 से उच्च शिक्षा तक ₹3,000 से ₹30,000 तक की छात्रवृत्ति दी जाती है।
16. कारखाना श्रमिक प्रशिक्षण
नवंबर 2024 तक 77 कारखानों में 1,32,679 श्रमिकों को उनके कार्य के अनुरूप प्रशिक्षण दिया गया।