Rajmergarh Hill Top, Chattisgarh: नए साल में एक्सप्लोर करें राजमेरगढ़ हिल टाॅप, यहां से निहारिए अमरकंटक की खूबसूरती...
Rajmergarh Hill Top, Chattisgarh: नया साल है तो उसके स्वागत का तरीका भी थोड़ा हटकर, थोड़ा नया हो तो फिर बात ही क्या! इस बार नया साल मनाने छत्तीसगढ़ आएं तो 'राजमेरगढ़ हिल टाॅप ' को एक्सप्लोर करें। यहां ट्रेकिंग का अपना अलग ही मजा है। जंगली रास्तों से गुज़रते हुए टाॅप पर पहुंचने के दौरान जब ताज़ी-ताज़ी ठंडी हवा आपके चेहरे को छूकर जाएगी तो अजब सी झुरझुरी महसूस होगी। फिर खुद को चैलेंज देना, ऊंचे-ऊंचे साल वृक्षों से टिककर खड़े होना, तस्वीरें लेना, बंदरों को कुछ खिलाना, उनकी शैतानियों को देखना यानी ऐसा बहुत कुछ है जो राजमेजगढ़ की यात्रा को यादगार बनाएगा। यहां आपको खूबसूरत व्यू पाॅइन्ट मिलेगा जहां से आप दूर तक फैले अमरकंटक के खूबसूरत नज़ारों का लुत्फ उठा पाएंगे। ऊंचाई पर समतल जगह पर बैठकर फैमिली और फ्रैंड्स के साथ पिकनिक का मज़ा ले सकते हैं। गौरेला-पैंड्रा- मरवाही जिले के अंतर्गत आने वाले इस खूबसूरत पिकनिक स्पाॅट पर आकर आप नए साल की खूबसूरत शुरूआत कर सकते हैं।
राजमेरगढ़ का अद्भुत है सौंदर्य
प्राकृतिक नज़ारों में वो ताज़गी होती है जिसकी जगह कोई आधुनिक निर्माण नहीं ले सकता। राजमेरगढ़ हिल टाॅप कुछ ऐसा ही है। आपको बताएं कि राजमेरगढ़ टाॅप की ऊंचाई 3720 फीट है। यह अमरकंटक (3438 फीट) से 282 फीट अधिक ऊंचा है। बंटवारे के बाद अमरकंटक का जो हिस्सा छत्तीसगढ़ में आया, राजमेरगढ़ टाॅप उसी के अंतर्गत है और गौरेला -पैंड्रा- मरवाही जिले के अंतर्गत आता है। राजमेरगढ़ हिल टाॅप रायपुर से करीब 240 किमी दूर है। गौरेला-अमरकंटक के रास्ते में लगभग 25 किमी दूरी पर जलेश्वरधाम स्थित है । यहां से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर जंगली पगडंडियों से होकर आप राजमेरगढ़ हिल टाॅप पहुंच सकते हैं। यहां से आप अमरकंटक की खूबसूरती को निहार सकते हैं। दूर-दूर तक फैली हरियाली के बीच बसे गांव, नीला आसमान, हल्की धुंध, प्रदूषण रहित ताजी हवा, पंछियों, और जीव-जंतुओं को निहारना काफी राहतभरा अहसास है। यह यात्रा सुरक्षित भी है।
सूरज की छनकर आती किरणें लुभाती हैं
राजमेरगढ़ हिल टाॅप के रास्ते में जंगल से गुजरते वक्त अमरकंटक की तरह इतने घने जंगल नहीं हैं कि आप तक सूरज की किरणें न पहुंच सकें। यहां साल और सेंधा के ऊंचे खड़े वृक्षों के बीच से छन-छनकर आती सूरज की किरणों से रौशन जंगली रास्तों में घूमने और फोटो क्लिक करने का भी अपना अलग ही आनंद है।
टाॅप पर पहुंचकर जो शानदार व्यू आपको मिलेगा वो आपको रोमांचित कर देगा। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में यही वह जगह है जहां सूरज की पहली किरण पड़ती है। यहां टाॅप से आप करीब 20 किमी दूर तक के अमरकंटक के खूबसूरत नज़ारे देख सकते हैं जो आपका मन मोह लेंगे। यहां से अमरकंटक के जैन मंदिर भी आपको नज़र आएंगे। वाॅच टाॅवर से आप गौरेला की खूबसूरती भी देखेंगे। यहां पर पठार जैसी समतल जगह पर आप पिकनिक का मज़ा ले सकते हैं। बर्तन -चूल्हा और सामान हो तो कुकिंग भी कर सकते हैं।
ज्वालेश्वर धाम में नवाएं शीष, है बड़ी महत्ता
आप नए साल में गौरेला -पैंड्रा-मरवाही जिले के ज्वालेश्वर धाम में शीष नवा कर साल की शुभ शुरुआत कर सकते हैं। यह राजमेरगढ़ पहुंच मार्ग में ही है। जैसा की आप जानते हैं कि पवित्र नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम अमरकंटक से हुआ है तो जोहिला का उद्गम स्थल ज्वालेश्वर महादेव मंदिर के निकट है। कहा जाता है कि यहां स्वयंभू शिव स्थापित हैं। पुराणों में इस स्थान को महा रूद्र मेरु कहा गया है। यहां के कण-कण में शिव का वास है। सावन में यहां श्रद्धालु नर्मदा नदी का जल लाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। ऐसा कहा जाता है गंगोत्री का जल रामेश्वर में चढ़ाने में जितना पुण्य मिलता है उतना ही पुण्य नर्मदा का जल ज्वालेश्वर महादेव में चढ़ाने से मिलता है।
झोझा जलप्रपात भी देखें
इस ट्रिप पर निकलें तो झोझा जलप्रपात भी ज़रूर देखें। 100 फीट की ऊंचाई से चट्टानी परतों के बीच झरता पानी यहां बेहद खूबसूरत लगता है। यह वाॅटरफाॅल गौरेला के अंतिम छोर पर बस्तीबगरा ग्राम पंचायत के पास लगभग 45 किमी दूरी पर है । वाॅटर फाॅल के करीब पहुंचने के लिए रास्ता थोड़ा कठिन है। पगडंडी के रास्ते आपको बढ़ना है। लेकिन यहां पहुंचना एक रोमांचक सफर हैं।
कैसे पहुंचें
प्लेन से आएं तो रायपुर हवाई अड्डे पर उतरें। यहां से पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन लगभग 230 किमी दूर है। सड़क मार्ग से रायपुर से NH130 से इसकी दूरी करीब 236 किमी है। जिसमें आपको करीब साढ़े चार घंटे का समय लगेगा।