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PMGDISHA: ग्रामीण भारत को डिजिटल साक्षर करना सरकार का लक्ष्य, नौकरी-रोजगार में भी मददगार, जानिए प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान की खास बातें

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) की शुरुआत साल 2017 में की गई थी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी।

PMGDISHA: ग्रामीण भारत को डिजिटल साक्षर करना सरकार का लक्ष्य, नौकरी-रोजगार में भी मददगार, जानिए प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान की खास बातें
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By Pragya Prasad

रायपुर, एनपीजी न्यूज। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) की शुरुआत साल 2017 में की गई थी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी।

ग्रामीणों को इंटरनेट का इस्तेमाल करने की दी जाती है ट्रेनिंग

इसके तहत केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कम्प्यूटर और डिजिटल उपकरणों जैसे टेबलेट, स्मार्ट फोन की ट्रेनिंग, ईमेल भेजना और रिसीव करना, इंटरनेट चलाना, इंटरनेट से सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाना, इंटरनेट पर जानकारी ढूंढना और ऑनलाइन पेमेंट करना जैसी जरूरी बातों की ट्रेनिंग दे रही है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के बारे में जानें

इस अभियान को देश के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए लागू किया गया है। इसका फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के उन परिवारों को दिया जाता है, जिनके यहां कोई भी सदस्य डिजिटल तरीके से साक्षर ना हो यानि परिवार के किसी भी सदस्य को इंटरनेट, ऑनलाइन या कम्प्यूटर का इस्तेमाल नहीं आता हो।

परिवार के एक सदस्य को दी जाएगी ट्रेनिंग

योजना में परिवार के एक सदस्य को कम्प्यूटर से संबंधित ट्रेनिंग दी जाती है। जो लोग प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा।

PMGDISHA का उद्देश्य

सर्वे के मुताबिक, आज भी गांवों के लोग बेहद कम पढ़े-लिखे हैं। अधिकतर लोग तो पढ़े-लिखे भी नहीं हैं। साल 2014 में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) ने शिक्षा को लेकर एक सर्वे किया था, जिसके मुताबिक भारत में केवल 6 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास घर में एक कम्प्यूटर है। इसका मतलब है कि 15 करोड़ से ज्यादा परिवारों के पास कम्प्यूटर नहीं है। इन्हीं बातों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2017 में प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) की शुरुआत की थी।

अभियान के जरिए देश के ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों में डिजिटल जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देना है। ग्रामीण परिवारों के एक सदस्य को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान की खास बातें

देश के करीब 6 करोड़ लोगों को डिजिटल साक्षरता प्रदान की जाएगी। PMGDISHA के तहत 2020 तक तकरीबन 52.5 लाख लोगों को आईटी (IT) की ट्रेनिंग दी गई। इस योजना के लाभार्थियों की पहचान CSC-SPV द्वारा डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेंस सोसाइटी (DeGS), ग्राम पंचायतों और ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारियों के साथ मिलकर की जाती है।

PMGDISHA 2024

  • प्रशिक्षित लोगों को कम्प्यूटर, टैबलेट, स्मार्ट फोन जैसे डिजिटल उपकरणों के संचालन में कुशल बनाया जाएगा।
  • योजना के तहत ट्रेनिंग लेकर लोग अपने दैनिक जीवन में इंटरनेट का यूज कर नागरिक सेवाओं, स्वास्थ्य सेवाओं, वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
  • ग्रामीणों को ऑनलाइन बुकिंग के नए-नए तरीकों के बारे में बताया जाएगा।
  • ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान 2024 के तहत गैर स्मार्ट फोन, उपयोगकर्ता, अंत्योदय परिवार, कॉलेज छोड़ चुके व्यक्ति, राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के प्रतिभागी को प्राथमिक दी जाएगी।
  • कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं जो डिजिटल साक्षर नहीं हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
  • जिन स्कूलों में कम्प्यूटर ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा।
  • अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), गरीबी रेखा से नीचे (BPL), महिलाओं, दिव्यांगों और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • इस योजना के लाभार्थियों की पहचान CSC-SPV द्वारा डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेंस सोसाइटी (DeGS), ग्राम पंचायतों और ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारीयों के साथ मिलकर की जाएगी।

अभियान के लिए पात्रता

  • आवेदक भारतीय नागरिक हो।
  • उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए।
  • आधार कार्ड
  • पहचान पत्र
  • एज सर्टिफिकेट
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटो

डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। इसके तहत बैंक खातों को आधार से जोड़ना, विभिन्न आंकड़ों का डिजिटल रूप में संग्रहण, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना जैसी पहल शामिल है।

गांवों में डिजिटलीकरण को लेकर चुनौतियां

  • डिजिटलीकरण के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी।
  • बिजली, ब्रॉडबैंड नेटवर्क कनेक्टिविटी, बैंकिंग सुविधाओं की कमी।
  • भुगतान के लिए ग्रामीण आबादी नकद पर जितना विश्वास करती है और उसके इस्तेमाल में सहज होती है, उतनी सहज वो डिजिटल भुगतान टेक्नोलॉजी के प्रति नहीं होती। इसके पीछे साइबर क्राइम भी एक मुख्य वजह है।
  • भारत की ग्रामीण आबादी डिजिटल रूप से अशिक्षित है। डिजिटल व्यवहार में इस्तेमाल होने वाली भाषा को पढ़ने-लिखने, समझने और एक्सप्रेस करने और नई तकनीकों की जानकारी नहीं होना डिजिटल ग्रामीण भारत की राह में बाधा है।
  • देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मूल रूप से अनौपचारिक (असंगठित) क्षेत्र से संबंधित है, जिसके संचालन के लिए नकद का यूज डिजिटल भुगतान की बजाय ज़्यादा आसान होता है।

देश के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में खाप पंचायतों और अन्य धार्मिक समूहों द्वारा महिलाओं के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाना आम बात है। GSMA-रिपोर्ट 2016 (शीर्षक- कनेक्टेड वूमन) के अनुसार, भारत में 72% महिलाएं मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करती हैं। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी भारत में भी मोबाइल फोन का उपयोग करने वाली 38% महिलाएं ही इंटरनेट का इस्तेमाल करती हैं, जबकि ग्रामीण भारत में यह आंकड़ा मात्र 12% है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के लिए आवेदन का प्रोसेस

  • सबसे पहले इसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुलेगा।
  • इस होम पेज पर आपको Direct Candidate का ऑप्शन दिखाई देगा।
  • आप इस ऑप्शन पर क्लिक कर दें।
  • इस ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने आगे का पेज खुल जाएगा।
  • इस पेज पर Login फॉर्म खुल जाएगा।
  • इस लॉग इन फॉर्म के नीचे आपको Register का विकल्प दिखाई देगा।
  • आप इस ऑप्शन पर क्लिक कर दें।
  • इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपके सामने registration form खुल जाएगा।
  • इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको पूछी गई सभी जानकारी जैसे UIDAI Number, Student Name, Gender, Date of Birth भरना होगा और नीचे दिए गए निर्देश को पढ़कर सही के निशान पर क्लिक करना होगा।
  • उसके बाद Add पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद आगे के पेज पर आपको अगला चरण ई-केवाईसी है, जो या तो फिंगर प्रिंट स्कैन कर या आंखों को स्कैन करके या मोबाइल फोन में ओटीपी सत्यापित करके किया जा सकता है। जिनके पास फिंगरप्रिंट स्कैनर या रेटिना स्कैनर नहीं है, वे तीसरे विकल्प को चुन सकते हैं, जो मोबाइल फोन ओटीपी सत्यापन है।
  • इसके लिए आपको वैलिड मोबाइल नंबर देना होगा, जिसमें ओटीपी भेजा जायेगा।
  • सही ओटीपी इंटर करने के बाद आपको वैलिडेट ओटीपी पर क्लिक करना होगा।
  • फिर आप स्टूडेंट टैब में जाकर अपनी सभी जानकारी की जांच कर सकते हैं।
  • एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद छात्र उसमें यूजर आईडी और पासवर्ड जनरेट करके अपना नया अकाउंट खोल सकते हैं।
  • PMGDISHA सर्टिफिकेट आपको ट्रेनिंग के बाद मिलता है। ट्रेनिंग के बाद ऑनलाइन टेस्ट होता है। इस ऑनलाइन टेस्ट में 25 सवाल पूछे जाते हैं, जिनमें से अगर 7 का सही उत्तर दे दिया जाए, तो उम्मीदवार परीक्षा पास कर जाता है। इसके बाद उसे PMGDISHA सर्टिफिकेट दिया जाता है।

Pragya Prasad

पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव। दूरदर्शन मध्यप्रदेश, ईटीवी न्यूज चैनल, जी 24 घंटे छत्तीसगढ़, आईबीसी 24, न्यूज 24/लल्लूराम डॉट कॉम, ईटीवी भारत, दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद अब नया सफर NPG के साथ।

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