पक्के मकान का सपनाः मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में 15 हजार नए आवास स्वीकृत, पूरा होगा अपना घर का सपना
गरीबों का जीवन स्तर उपर उठाने की दिशा में काम कर रही विष्णुदेव साय सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना पर बड़ा काम कर रही है। उन्होंने केद्र स्तर पर प्रयास करके 15 हजार नए आवास शुरू कराए हैं।
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत तेजी से पूर्ण किए आवासों और योजना में अच्छे प्रदर्शन के कारण भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए 15 हजार नए आवास स्वीकृत किए गए हैं। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत 15 हजार नए आवासों की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल और उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की कोशिशों से राज्य के सभी शहरों के लिए ये आवास स्वीकृत किए गए हैं।
भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अन्तर्गत 15 हजार नवीन आवासों की सैद्धांतिक स्वीकृति का पत्र प्रेषित किया गया है। पत्र में केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को मार्च-2025 तक 15 हजार नए आवासों की स्वीकृति के साथ ही इन नए आवासों को मंजूरी प्रदान करने के पीछे राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के त्वरित क्रियान्वयन का भी उल्लेख है। राज्य के सभी नगरीय निकायों के लिए आवास स्वीकृत करते हुए मंत्रालय ने इसकी सूची भी भेजी है। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्य शासन को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पात्र हितग्राहियों का परीक्षण करते हुए विधिवत प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिए हैं।
रैपिड असेसमेंट सर्वे की शुरुआत
भारत सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में ’सबके लिए आवास’ मिशन के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 का क्रियान्वयन 1 सितम्बर 2024 से प्रारंभ किया गया है। इसके तहत कमजोर आय वर्गों, निम्न आय वर्गों और मध्यम आय वर्गों के शहरी गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को किफायती दरों पर आवास निर्माण, खरीदी या किराए पर उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ में योजना को सभी नगरीय निकायों में लागू करते हुए भारत सरकार के यूनिफाइड वेब पोर्टल पर हितग्राही सर्वेक्षण कार्य (रैपिड असेसमेंट सर्वे) 15 नवम्बर से प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वेक्षण के दौरान हितग्राहियों की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज की जा रही है।
हर पात्र परिवार को आवास दिलाने प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नए आवासों की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल के प्रति आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहरों के लिए 15 हजार नए आवासों की स्वीकृति पर केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य में जल्दी ही हर गरीब के पक्के मकान का सपना पूरा होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आवासों का निर्माण तेजी से पूरा किया जा रहा है। सरकार अंतिम छोर पर खड़े हर व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुँचाना सुनिश्चित करेगी। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने 15 हजार नए आवासों की स्वीकृति पर खुशी जताई और कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हर पात्र परिवार को आवास देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी नगरीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा हितग्राहियों तक योजना का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
साव ने वर्तमान में चल रहे हितग्राही सर्वेक्षण के दौरान अनिवार्य दस्तावेजों की कमी के कारण आवेदनों को तत्काल निरस्त नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दस्तावेजों की पूर्ति के लिए संबंधित परिवारों को पर्याप्त समय देने के साथ ही नगरीय निकायों को राजस्व विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने हरसंभव प्रयास करने को कहा है। उप मुख्यमंत्री साव के निर्देश पर नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव ने राजस्व कार्यालयों में हितग्राहियों के लंबित जाति प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र प्राथमिकता से जारी करने राजस्व विभाग को पत्र भी लिखा है।
क्या है पीएम आवास योजना शहरी?
पीएम आवास योजना शहरी ऐसे शहर के लोगों के लिए हैं जो कमजोर, मध्यम और निम्न आय वर्गों के तहत आते हैं। इन लोगों को केंद्र सरकार की तरफ से रियायती दरों पर आवास उपलब्ध कराया जाता है। छत्तीसगढ़ में योजना को सभी नगरीय निकायों में लागू करते हुए भारत सरकार के यूनिफाइड वेब पोर्टल पर सर्वेक्षण का काम भी शुरू कर दिया गया है।
’हमारे बच्चे पक्के मकान में रहेंगे’
कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के अंतर्गत डूमरकछार निवासी पीवीटीजी श्यामलाल बिरहोर का कहना है कि हम पांच पीढ़ी से यहां रह रहे हैं। गरीबी इतनी थी कि कभी इतना पैसा भी नहीं जोड़ पाये कि अपने कच्चे घर को पक्का बना लें। मिट्टी का ही घर था, और इसी घर में हमारी कई पीढ़ी आई और चली गई। हम लोग भी बचपन से लेकर अभी तक इस कच्चे मकान में रह रहे हैं। बारिश के समय तो कच्चे घरों में मानों मुसीबत का पहाड़ ही टूट कर गिरता है। खपरैल से पानी की धार घर पर गिरती है। कपड़े से लेकर अन्य जरूरी सामानों को भिगाने के साथ हमारे बैठने-सोने की जगह को बर्बाद कर देती है। गरज-चमक के बीच घर में ही कैद होकर रहना पड़ता है और तेज बारिश में उखड़ती दीवारें हमारी धड़कनों को बढ़ाने के साथ हमें डरने और सहम कर रहने के लिए विवश करता है। हमें खुशी है कि भले अभी तक हमने और हमारी माता-पिता सहित दादा-दादी ने यह मुसीबतें सही, लेकिन हमारी आने वाली पीढ़ी कच्चे मकानों में नहीं रहेंगी।
उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से मिले पीएमजनमन आवास में खुशियों के साथ बिना किसी डर और मुसीबत के रहने का मौका मिलेगा। श्यामलाल ने बताया कि हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी है कि पक्के आवास का सपना हमारे लिए महज सपना ही है। हमारा जो कच्चा मकान है वही ठीक-ठाक नहीं है, ऐसे में पक्के मकान बनाने की सोंच भी नहीं सकते थे। श्याम लाल ने बताया कि घर पर उनकी पत्नी, बच्चे और बूढ़ी मां रहती है। वे पारम्परिक रूप से बांस लाकर टोकरी, सूपा आदि सामग्री बनाकर उसे बेचने का काम करते हैं। कुछ खेती है, उस पर धान की फसल उगाते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वे इतना पैसा कमा कर जोड़ सके कि पक्का घर बन पाए। उन्होंने बताया कि अभी तक की जिंदगी झोपड़ी में ही बीत गई। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति समाज की सुध ली और पीएम जनमन अंतर्गत हम जैसे अति गरीब परिवारों को पक्का आवास बनाकर दिया। उन्होंने बताया कि पक्का आवास बनकर तैयार है और वे अपने नये घरों में शिप्ट होंगे। बिरहोर श्यामलाल का कहना है कि कच्चे घरों में जो बारिश के दिनों की तकलीफें है वह आने वाली पीढ़ी को नहीं भुगतनी पड़ेगी। उनके बच्चे और नाती पक्के घर में बेफिक्र होकर आराम से रह पायेंगे।