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भारत सरकार के फैलोशिप कार्यक्रम के तहत तालाब संरक्षण पर परिचर्चा का आयोजन

भारत सरकार के फैलोशिप कार्यक्रम के तहत तालाब संरक्षण पर परिचर्चा का आयोजन
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By NPG News

रायपुर। परंपरागत तालाबों के संरक्षण व संवर्धन के बहुआयामी सोच के संदर्भ में विचार विमर्श हेतु विशेषज्ञों की उपस्थिति में महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन बूढ़ातालाब-स्वामी विवेकानंद सरोवर परिसर में आयोजित हुआ। विशेषज्ञों ने कहा कि तालाब के साथ सह-अस्तित्व के साथ आम लोगों का जलीय तंत्र के साथ बेहतर जुड़ाव होना चाहिए, जिससे कि तालाब का शुद्धिकरण व उपयोगिता निरंतर बनी रहे। शहरी आवासन एवं कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के फैलोशिप कार्यक्रम से संबद्ध युवाओं ने रायपुर स्मार्ट सिटी लि. व नगर निगम के साथ मिलकर इस संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें एन.जी.ओ., जैव पारिस्थितिकी, पुरातत्व व ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण में जुटे विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया।

इस संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए ग्रीन आर्मी के संस्थापक श्री अमिताभ दुबे ने छत्तीसगढ़ सहित देश में तालाबों के प्रति आम लोगों की आस्था का जिक्र करते हुए कहा कि तालाब भारतीय संस्कृति का आधार है और इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि रायपुर में तालाबों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में शासन स्तर पर सकारात्मक प्रयास हुए है, जिससे तालाबों को नया जीवन मिल रहा है। बूढ़ातालाब को नया जीवन देने के लिए उन्होंने रायपुर स्मार्ट सिटी व नगर निगम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि नगर की स्वयंसेवी संस्थाओं व जन जागरूकता से नया जीवन मिला है और निर्जन हो रहे स्थल में आम लोगों की आवाजाही से पूरा परिसर अब गुलज़ार है।

धरोहर संरक्षण समिति की अध्यक्ष ऑर्किटेक्ट श्रीमती शिवी जोशी उपाध्याय ने तालाबों के ऐतिहासिक स्वरूप का प्रभावी विश्लेषण करते हुए कहा कि इतिहास के हर कालखंड में तालाबों के निर्माण व संरक्षण में जो प्रयास हुए है, उसका ही प्रतिफल है कि हर शहर में असंख्य तालाब आज भी आम निस्तारी के लिए सुलभ है, अब वर्तमान पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है कि उपलब्ध सभी आधुनिक व परंपरागत संसाधनों के साथ आम लोगों की जागरूकता से इन तालाबों को संरक्षित करें। उन्होंने विसर्जन कंुड के जरिए अब सीधे तालाबों में प्रतिमाओं के विसर्जन नहीं होने से पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।

पर्यावरण विशेषज्ञ व कलिंगा विश्वविद्यालय के वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर श्री सैज़ बख्श ने तालाबों के शुद्धिकरण को वनस्पति व जीवों के लिए अति उपयोगी बताते हुए कहा कि बूढ़ातालाब व अन्य तालाब, जिनके संवर्धन हेतु महत्वपूर्ण काम हुए है, वहां जलीय जीवों का संवर्धन तेजी से हो रहा है और जैव पारिस्थितिकी में अपेक्षित सुधार आया है। उन्होंने कहा कि गांवों की तर्ज पर हर घर तालाबों के शुद्धिकरण व संरक्षण से जुड़े यह आवश्यक है।

संगोष्ठी में उप अभियंता श्रीमती अर्जिता दीवान ने तालाबों के संरक्षण की दिशा में रायपुर नगर निगम व रायपुर स्मार्ट सिटी लि. के निरंतर प्रयासों के संबंध में सभी अवगत कराया और रायपुर के तालाबों को जीवन देने किए गए आधारभूत कार्यों व व्यवहार परिवर्तन संबंधी कार्यक्रमों विस्तार से जिक्र किया।

प्रकृति की ओर संस्था के प्रमुख श्री मोहन वर्ल्यानी ने कहा कि तालाबों को प्रदूषित जल से बचाने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के साथ ही आम लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्षा जल के संरक्षण हेतु रेन वॉटर हार्वेस्टिंग हर घर में स्थापित करने सभी को जागरूक करने की आवश्यकता है और जन सहभागिता से जल संरक्षण की दिशा में तेज कदम बढ़ाना अब समय की आवश्यकता है। संगोष्ठी में नागरिकों ने विशेषज्ञों से पर्यावरण संरक्षण से संबंधित प्रश्न किए एवं अपने सुझाव भी दिए।

इस संगोष्ठी का संचालन शहरी आवासन एवं कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्मार्ट सिटी मिशन फैलोशिप कार्यक्रम से जुड़ी फैलो दिव्या चांद ने किया एवं रायपुर स्मार्ट सिटी लि. अपनी सेवाएं दे रही फैलो ओवीया तंगराज, उपमा घोष, हर्षा आर्या ने सहयोग दिया।

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