National Savings Certificate: पोस्ट ऑफिस से NSC लेकर कमाएं अच्छा मुनाफा, जानें टैक्स छूट और दूसरी विशेषताएं
राष्ट्रीय बचत पत्र यानी नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में निवेश के कई फायदे हैं। भारतीय डाकघर से मिलने वाले NSC को लेने की योग्यता और शर्तें, इसे लेने से कितना मुनाफा होता है, क्या ब्याज दर है, टैक्स में कितनी छूट मिलती है, इसे कैसे ट्रांसफर किया जा सकता है और इसके प्रीमैच्योर क्लोजर के क्या नियम हैं, ये हम आपको बताने जा रहे हैं।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) केंद्र सरकार की एक ऐसी पहल है, जिसमें निवेश कर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ये एक फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट स्कीम है। कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी डाकघर से नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट ले सकता है। इसे पासबुक के रूप में जारी किया जाता है।
NSC को सिंगल या ज्वॉइंट, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग द्वारा, नाबालिग के नाम पर वयस्क द्वारा, दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के नाम पर उसके अभिभावक द्वारा खरीदा जा सकता है। NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है। इस पर अप्रैल-जून 2021 तिमाही के लिए सालाना ब्याज दर 6.8 फीसदी है। ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है और भुगतान मैच्योरिटी पर किया जाता है।
मिनिमम एक हजार रुपए से किया जा सकता निवेश
NSC में एक हजार रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
NSC की खास बातें
पहले NSC 5 साल (NSC VIII) और 10 साल (NSC IX) जैसी दो अवधियों के लिए उपलब्ध था। लेकिन अब NSC IX को समाप्त कर दिया गया है। ऐसे में आप सिर्फ 5 साल की अवधि के लिए ही इस योजना में निवेश कर सकते हैं। NSC VIII की खास बातें इस प्रकार हैं-
- पोस्ट ऑफिस से 5 साल की मैच्योरिटी अवधि वाले NSC को खरीद सकते हैं।
- NSC पर लागू ब्याज दर वित्त मंत्रालय की घोषणा के अनुसार बदलती रहती है।
- निवेश की न्यूनतम राशि एक हजार रुपए, अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं।
- आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 C के तहत एनएससी में इन्वेस्ट किए गए मूलधन पर टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है।
- ब्याज सालाना जमा किया जाता है, लेकिन बिना कोई टीडीएस काटे ब्याज का भुगतान निवेशक को केवल मैच्योरिटी के समय ही किया जाता है।
- एनएससी को 100 रुपए, 500 रुपए, 1000 रुपए, 5000 रुपए और 10,000 रुपए में जारी किया गया है ।
- आप सभी प्रमुख बैंकों और NBFC में लोन के लिए NSC को गिरवी रख सकते हैं। इसमें इन्वेस्टर या निवेशक खुद अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है।
NSC 3 तरह का होता है
- सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट- व्यक्ति खुद के लिए या किसी नाबालिग की तरफ से एक अभिवावक के तौर राष्ट्रीय बचत पत्र खरीद सकता है।
- जॉइंट ए टाइप सर्टिफिकेट- इसमें दो निवेशक मिलकर राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदते हैं और मैच्योरिटी राशि दोनों को बराबर हिस्सों में दी जाती है।
- जॉइंट बी टाइप सर्टिफिकेट- इसे भी दो लोग मिलकर खरीदते हैं, लेकिन इसमें मैच्योरिटी राशि सिर्फ एक को दी जाती है।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) खरीदने के लिए योग्यता और शर्तें
- भारत के रहने वाले हों।
- वयस्क व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से (3 वयस्कों तक), 10 वर्ष से अधिक उम्र के नाबालिग या नाबालिग की ओर से अभिभावक एनएससी में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
- कोई भी अनिवासी भारतीय यानी NRI एनएससी नहीं खरीद सकता है। हालांकि अगर उनके पास NRI बनने से पहले की एनएससी है, तो वे उसे मैच्योरिटी तक रख सकता है।
- ट्रस्ट और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) एनएससी में निवेश नहीं कर सकते हैं।
- HUF के मुखिया केवल अपने नाम से ही एनएससी में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
ये लोग नहीं कर सकते NSC में निवेश
- हिंदू अनडिवाइडेड फैमिलीज (HUFs)
- ट्रस्ट्स
- प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कंपनियां
- अनिवासी भारतीय यानी NRI
प्रीमैच्योर क्लोजर किन हालातों में
वैसे तो NSC को 5 साल का मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले भुनाने की अनुमति नहीं है, लेकिन एकल खाता धारक की मौत होने/संयुक्त खाते के मामले में एकल या सभी खाताधारकों की मौत पर पर ऐसा किया जा सकता है। इसके अलावा राजपत्रित अधिकारी द्वारा जब्ती या कोर्ट के आदेश देने पर भी एनएससी के प्रीमैच्योर इनकैशमेंट की अनुमति है।
NSC में निवेश का तरीका
- NSC को ऑनलाइन नहीं खरीदा जा सकता है। KYC डाक्यूमेंट्स को जमा कर इसे किसी भी भारतीय डाकघर से ले सकते हैं।
- NSC एप्लीकेशन फॉर्म लेकर भरें।
- आवश्यक KYC डाक्यूमेंट्स की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी जमा करें।
- कैश या चेक के माध्यम से निवेश की जाने वाली राशि का भुगतान करें।
- जब आपके द्वारा खरीदे गए NSC पर राशि की मुहर लग जाए, तो आप अपने प्रिंटेड एनएससी को पोस्ट ऑफिस से ले सकते हैं।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट किया जा सकता है ट्रांसफर
एनएससी को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके लिए 2 ऑप्शन हैं। पहला एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर। इसके लिए उस पोस्ट ऑफिस में आवेदन भरकर देना होगा, जिसने पहले मूल प्रमाणपत्र जारी किया था।
दूसरा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को- इसके लिए कुछ शर्त्तों को लागू करके आवेदन भरवाकर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को एनएससी को ट्रांसफर किया जा सकता है। ये केवल एक बार योजना की मैच्योरिटी के समय तक किया जा सकता है।