नई शिक्षा नीति को लागू करने में छत्तीसगढ़ अव्वल, प्रोफेशनल कोर्सेज पर फोकस करने के साथ ही उद्योगों में कराए जा रहे इंटर्नशिप
पीएम योजना में छत्तीसगढ़ के चयनित ढाई सौ से अधिक स्कूलों में एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं। विद्यार्थियों को इन स्कूलों में आईसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा एवं स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जा रहा है।
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन और विकास का संकल्प लेकर काम करना प्रारंभ कर दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के खुशहाली के सपने को साकार कर रही है। मुख्यमंत्री साय का कहना है कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। इसके लिए नई शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर बच्चों को आने वाले जीवन के लिए तैयार करेंगे। प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास के ध्येय वाक्य के साथ विकसित भारत बनाने का लक्ष्य दिया है। इसे प्राप्त करने के लिए हम शिक्षित और विकसित छत्तीसगढ़ बनाएंगे।
‘प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राईजिंग इंडिया’ प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना के आधार पर छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम श्री योजना में शामिल किया गया है, जिसके तहत 2-2 करोड़ प्रति स्कूल राशि खर्च कर स्कूलों को बड़े शहरों और विश्व स्तर के आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। पीएम श्री योजना में छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं। विद्यार्थियों को इन स्कूलों में आईसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा एवं स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जाएगा। पीएम श्री योजना के द्वितीय चरण में छत्तीसगढ़ की अपेक्षाओं के अनुरूप अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति 2020 में कक्षा 8वीं तक बच्चों को मातृभाषा और स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार सरकारी चैनल शुरू करेगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी सहित हल्बी, गोंडी, भतरी, सरगुजिया जैसी भाषाएं भी शामिल होंगी। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और टेक्नालॉजी पर विशेष जोर दिया गया है। कक्षा 6वीं से 12वीं तक सभी विद्यार्थियों को भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, आर्ट, स्पोर्टस, पेंटिंग, संगीत-नृत्य जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। स्कूली बच्चों को 10 दिनों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा।
प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए 33 हजार शिक्षकों की भर्ती अगले सत्र में की जाएगी। समग्र शिक्षा के अंतर्गत 1086 नये पदों का सृजन किया जाएगा। स्कूलों के रखरखाव और अधोसंरचना विकास के लिए बजट में 265 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सूरजपुर एवं गरियाबंद में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के साथ ही जिला कोण्डागांव, सुकमा एवं बलरामपुर के विकासखण्ड कुसमी के बाइट को उन्नत करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाया जाएगा।
प्रदेश के 25 हजार स्कूलों में पहली से लेकर 12वीं तक एक सेक्शन इंग्लिश मीडियम स्थापित किया जाएगा। प्रदेश के स्कूलों में स्मार्ट क्लास के तहत इंटरनेट प्रोजेक्टर की सहायता से शिक्षा प्रदान की जाएगी। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति, शिक्षकों द्वारा अध्ययन, अध्यापन, शैक्षणिक मूल्यांकन की नियमित एवं त्वरित मॉनिटरिंग के लिए केन्द्रीयकृत विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित किया जाएगा। सरस्वती सायकल योजना के तहत अब 9 वीं कक्षा के सभी छात्राओं को निःशुल्क सायकल मिलेगी। राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग को मिलने वाली छात्रवृत्ति संत शिरोमणि गुरू घासीदास, अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रवृत्ति को वीर गुण्डाधुर के नाम पर किए जाने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की तर्ज पर स्कूल अवधि में बच्चों को गर्म पका भोजन उपलब्ध कराने ’न्यौता भोजन’ शुरू किया गया है। यह सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 21 फरवरी को अपना जन्मदिन अपने पैतृक गांव बगिया के बालक आश्रम शाला के बच्चों के बीच पहुंचे और बच्चों के साथ ’न्योता भोज’ किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक परंपरा की शुरुआत की है जिसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना को सामुदायिक सहयोग से और अधिक पोषक बनाने की पहल की गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के हित में एक बड़ा निर्णय लिया गया है। राज्य शासन के निर्णय अनुसार एक शैक्षणिक सत्र में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर द्वारा प्रथम मुख्य परीक्षा मार्च माह में आयोजित हो रही है एवं द्वितीय मुख्य परीक्षा जून-जुलाई में आयोजित की जायेगी। स्वामी आत्मानंद स्कूलों का संचालन अब शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने ’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ को लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत प्रदेश के विद्यार्थियों को कॉलेज आने-जाने के लिए मासिक ट्रैवल्स अलाउंस दिया जाएगा। प्रदेश के तीन लाख विद्यार्थियों को 6000 रूपए प्रतिवर्ष डीबीटी से सीधे उनके खाते में भुगतान की जाएगी। प्रदेश के विद्यार्थियों को नियमित अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं एवं राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा जैसे- यूपीएससी, पीएससी, सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा की कोचिंग की व्यवस्था भी सरकार करने जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय दूधाधारी राजेश्री महंत वैष्णव दास स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय रायपुर को विश्वविद्यालय में अपग्रेड करने का संकल्प लिया है।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 4200 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। राज्य के 15 शासकीय महाविद्यालयों में नवीन स्नातक विषय संकाय एवं 23 शासकीय महाविद्यालयों में नवीन स्नातकोत्तर संकाय प्रारंभ किए जाएंगे। प्रदेश के 12 महाविद्यालयों के भवन का निर्माण और 9 महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण किया जाएगा। शासकीय महाविद्यालय दुर्गकोंदल जिला-कांकेर एवं भोपालपट्नम् जिला बीजापुर में छात्रावास भवन के निर्माण के साथ ही 50 शासकीय महाविद्यालयों में शौचालय निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के विश्वविद्यालयों के वार्षिक अनुदान राशि में वृद्धि की गई है।