Begin typing your search above and press return to search.

मुकेश अग्निहोत्री की जीवनी | Mukesh Agnihotri Biography in Hindi

Mukesh Agnihotri Biography in Hindi: मुकेश अग्निहोत्री का जन्म पंजाब के संगरूर में 9 अक्तूबर 1962 को ओंकार चंद शर्मा के घर हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ऊना जिले में ही हुई।मुकेश अग्निहोत्री के बड़े भाई चिकित्सक डा. राकेश अग्निहोत्री हैं। उनकी तीन बहनें हैं।

मुकेश अग्निहोत्री की जीवनी | Mukesh Agnihotri Biography in Hindi
X
By NPG News

Mukesh Agnihotri Biography in Hindi: मुकेश अग्निहोत्री का जन्म पंजाब के संगरूर में 9 अक्तूबर 1962 को ओंकार चंद शर्मा के घर हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ऊना जिले में ही हुई।मुकेश अग्निहोत्री के बड़े भाई चिकित्सक डा. राकेश अग्निहोत्री हैं। उनकी तीन बहनें हैं। विदेश में पढ़ाई कर चुकी उनकी बेटी आस्था अग्निहोत्री पीएचडी कर रही हैं। पत्नी सिम्मी अग्निहोत्री प्रोफेसर हैं। अग्निहोत्री का ससुराल मंडी शहर में है। मुकेश ने गणित विषय में एमएससी की डिग्री ली।

  • नाम मुकेश अग्निहोत्री
  • पार्टी कांग्रेस
  • आयु 60 वर्ष
  • लिंग पुरुष
  • शैक्षिक योग्यता परास्नातक
  • प्रोफेशनल व्यवसाय राजनेता
  • आपराधिक मामले 5
  • देनदारियां ₹ 4,920,000
  • चल संपत्ति ₹ 43,000,000
  • अचल संपत्ति ₹ 12,000,000
  • संपत्ति ₹ 55,000,000

बाद में पब्लिक रिलेशन विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया और पत्रकार बन गए। राजनीति में आने से पहले मुकेश अग्निहोत्री शिमला और दिल्ली में पत्रकार के रूप में करीब दो दशक सेवाएं दे चुके हैं। दिल्ली में ही पत्रकारिता करते हुए मुकेश की कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नजदीकियां बढ़ी। बाद में वह पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के करीबियों में शुमार रहे। यहीं से उन्होंने पत्रकारिता से राजनीति में कदम रखा।

वर्ष 1993 में वीरभद्र सिंह के सीएम बनने पर मुकेश के पिता पंडित ओंकार चंद शर्मा को प्रदेश एग्रो पैकजिंग विभाग का उपाध्यक्ष बनाया गया था। 1998 के विस चुनाव में मुकेश के पिता ओंकार शर्मा को कांग्रेस ने संतोषगढ़ क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें भाजपा प्रत्याशी पंडित जयकिशन शर्मा से हार का सामना करना पड़ा। साल 2003 के विस चुनाव में मुकेश को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया। मुकेश पहली बार ही चुनाव जीते। वीरभद्र सरकार में सीपीएस रहे।

2007 में संतोषगढ़ विस क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वर्ष 2012 में डिलिमिटेशन होने के कारण संतोषगढ़ ऊना विस क्षेत्र में चला गया। हरोली विधानसभा क्षेत्र का उदय हुआ। तीसरी दफा मुकेश ने हरोली क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीते। साल 2017 में उन्होंने लगातार चौथी दर्ज की, लेकिन सरकार भाजपा की बनी।

Next Story