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मिनी माता महतारी योजनाः गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी बन रही छत्तीसगढ़ की मिनी माता महतारी योजना...

मिनी माता महतारी योजनाः गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी बन रही छत्तीसगढ़ की मिनी माता महतारी योजना...
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By Gopal Rao

रायपुर 23 मई 2023 I हमारे देश में गरीब परिवारों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान पैसों की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओ को सहायता देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है, जिसका नाम मिनीमाता महतारी जतन योजना हैं। इस योजना के माध्यम से उन गर्भवती महिलाओ को सहायता प्रदान कराई जा रही है, जो भवन निर्माण तथा असंगठित क्षेत्र में निर्माण के कार्य में मजदूरी करती है या जिनके पति मजदूरी करते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की मिनीमाता महतारी जतन योजना से श्रमिक परिवार में जच्चा और बच्चा की देखभाल अब आसान हो गई है। सरकार गर्भवती महिलाओं की संस्थागत डिलीवरी के लिए 20 हजार की सहायता देती है। सुकमा जिले में मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ जनवरी 2018 से दिसंबर 2022 तक 703 हितग्राही महिलाओं को मिला है। हितग्राही महिलाओं ने योजना की तारीफ में कसीदे गढ़े हैं। मिनीमाता महतारी जतन योजना के अंतर्गत पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसूति सहायता राशि के रूप में 20 हजार रूपये एकमुश्त देने का प्रावधान है। यह राशि महिला श्रमिकों को बच्चे के जन्म के बाद प्रदान किया जाता है। इस योजना का लाभ केवल पहले दो बच्चों के प्रसव के लिए दिया जाता है। यह योजना श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित है छत्तीसगढ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत पंजीकृत हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया जाता है। गरीबी के कारण लोगो को काफी समस्या का सामना करना पड़ता था। सबसे बड़ी समस्या गरीब परिवारों में गर्भवती महिला के प्रसव के दौरान आती था। ऐसी परिस्थिति को देखते हुए योजना की शुरुआत की गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर ग़र्भवती महिलाओ को प्रसूति सहायता राशि प्रदान करना हैं। जिससे महिलाओ को मदद मिल रही है और परिवार को लाभ भी मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ मिनीमाता महतारी जतन योजना से यह कोशिश की जा रही हैं की इस योजना का लाभ राज्य की अधिकतर जरूरतमंद महिलाओ को दिया जा सके।


फिक्स डिपॉजिट करा दी राशि

मेहरूनिशा ने बताया कि मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत 20 हजार रुपए मिलने पर बहुत खुशी हुई। योजना की राशि को बच्चे के भविष्य की खातिर बैंक में फिक्स डिपॉजिट करा दिया है। सुकमा निवासी हितग्राही प्रियंका हलधर ने का कहना है कि डिलीवरी के कुछ दिनों बाद अकाउंट में राशि आ गई थी। गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के बाद स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना जरूरी होता है। आर्थिक स्थिति खराब होने से जच्चा और बच्चा को पोषण आहार नहीं मिल पाता। पोषण आहार नहीं मिलने से मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। बच्चे को कुपोषण की प्रमुख समस्या से गुजरने का डर रहता है।

बच्चे की सेहत का देखभाल आसान

सुकमा की निवासी हितग्राही प्रियंका हलधर ने बताया कि बच्चे के जन्म के कुछ ही दिनों बाद हमारे एकाउंट में पैसा जमा हो गया। गर्भवती माताओं को बच्चे के जन्म के बाद बच्चे और मां दोनों का स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। कई परिवारों में आर्थिक रूप से सक्षम न होने के कारण समय पर पोषण आहार न मिलने से बच्चें और मां के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस योजना से हमें आर्थिक सहायता मिलने से बच्चें और मां के स्वास्थ्य की देखभाल अच्छे से हो जाती है। उन्होंने कहा कि यकीनन यह योजना हमारे लिए बहुत ही मददगार साबित हो रही है।

पूर्वी को मिला पोषण का आधार

रोजी मजदूरी करने वाली रेखा साहू बताती है कि दो वर्ष पूर्व उसकी शादी मिस्त्री का काम करने वाले नारायण साहू से हुई थी। विवाह के बाद 4 माह पूर्व उसने एक बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम उसने बड़े ही प्यार से पूर्वी रखा है। रेखा ने बताया कि पूर्व में इसे इस योजना की जानकारी नहीं थी। लेकिन विभाग और च्वाईस सेंटर के जरिये उन्हें यह जानकारी मिली कि श्रमिक का काम करने वाले परिवारों को शासन द्वारा प्रथम दो बच्चों के जन्म पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है। रेखा समझदार महिला थी उसने तुरंत ही अपना पंजीयन श्रम विभाग में जाकर कराया और निर्धारित अवधि के पश्चात विभाग द्वारा उसे 20 हजार रूपये का चेक प्रदान किया गया। प्रसवकाल होने के कारण रेखा मेहनत का काम नहीं कर सकती थी, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ा था, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में मिली यह मदद उसके परिवार के लिए संजीवन का काम किया। रेखा कहती है कि वह इस राशि को बच्ची के नाम से बैंक में जमा करेंगी ताकि उसके भविष्य में काम आ सके।

बच्चे का भविष्य सुरक्षित

जशपुरनगर के मधुबन टोली निवासी सोनम देवी को मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ प्रदान करते हुए 20 हजार सहायता राशि प्रदान की गई है। हितग्राही सोनम ने बताया कि वह छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत रेजा प्रवर्ग में पंजीकृत महिला श्रमिक है। वह अपने पति के साथ मजदूरी कर अपने परिवार का पालन करते है। उन्होंने योजना की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार प्रारंभ से ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। सोनम ने बताया कि उनके द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग बच्चे के रहन-सहन एवं उचित देखभाल में किया जा रहा है। हितग्राही ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोगों के कल्याणकारी योजना का संचालन करने हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं जिला प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया। राजनांदगांव की सुरेखा का कहना है कि मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ मिलने से बच्चों की सेहत का देखभाल ठीक ढंग से हो जाता है। यकीनन छत्तीसगढ़ सरकार की योजना श्रमिक परिवार की गर्भवती महिलाओं को बहुत मदद पहुंचा रही है।

90 दिन के भीतर आवेदन, 30 दिन में पैसे खाते में

मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ लेने के लिए महिला श्रमिकों का छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत महिला निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीयन होना अनिवार्य है। योजना के तहत बच्चे के जन्म के 90 दिनों तक इसके लिए आवेदन किया जा सकता है। 90 दिन से अधिक होने के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। योजना के तहत आवेदन किसी भी च्वाईस सेंटर अथवा संबंधित क्षेत्राधिकारिता के श्रम कार्यालय में बच्चे के जन्म के 90 दिवस से पहले प्रस्तुत करना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए शिशु का जन्म प्रमाण पत्र एवं भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल का पंजीयन प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा। आवेदन जमा करने के 30 दिवस बाद आवेदक के खाते में 20 हजार रूपये जमा कर दिया जायेगा।

आवेदन के लिए जरुरी दस्तावेज

इस योजना के लिए आवेदक के पास भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल का पंजीयन नंबर पंजीयन कार्ड की स्कैन कॉपी अथवा फोटो कॉपी, महिला के गर्भवती होने की प्रमाण पत्र, प्रमाण पत्र के रूप में किसी भी डॉक्टर द्वारा जारी गर्भवती होने का प्रमाण अथवा मितानिन एनएम या फिर किसी भी स्वास्थ्य केंद्र द्वारा जारी गर्भवती होने का प्रमाण पत्र, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र होना सबसे अनिवार्य है, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद ही इस योजना का लाभ मिलेगा। गर्भवती महिला का आधार कार्ड बैंक खाते की पासबुक की फोटो कॉपी अथवा स्कैन कॉपी होना अनिवार्य है। क्योंकि पैसा सीधे खाते में ट्रांसफर किया जाता है, इसके लिए मोबाइल नंबर की आवश्यकता पड़ती है, तो गर्भवती महिला के पास या उसके परिवार में किसी के पास भी एक मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। योजना के तहत जारी घोषणा प्रमाण पत्र हितग्राही द्वारा स्व घोषणा पत्र जिसमें जीवित बच्चों के नाम, उसकी आयु, लिंग तथा जिस बच्चे हेतु आवेदन किया जा रहा है उसका क्रमांक अंकित कर घोषणा पत्र में हस्ताक्षर देना अनिवार्य है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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