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मेगा परियोजनाएं बदलेंगी छत्तीसगढ़ की तस्वीर, बुनियादी ढांचे से समृद्धि की ओर बढ़ता विकसित छत्तीसगढ़ का सपना

मेगा परियोजनाएं बदलेंगी छत्तीसगढ़ की तस्वीर, बुनियादी ढांचे से समृद्धि की ओर बढ़ता विकसित छत्तीसगढ़ का सपना
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By Sandeep Kumar

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अधोसंरचना की तस्वीर बदलने वाली है। बुनियादी और जरूरी अधोसंरचनाएं और विकास के कार्यों से छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर रोजगार, उद्योग और समृद्धि की नई राहें खुलेंगी। केंद्र सरकार की मेगा परियोजनाएं और कार्यों की बदौलत छत्तीसगढ़ में विकास का नया आकार उभरेगा। रेल, सड़क, कोयला, पावर और स्टील जैसे अहम क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हो रहे निवेश से आने वाला समय विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। राज्य के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को जहां मजबूती मिलेगी वहीं लोगों के लिए रोजगार, व्यापार और आवाजाही सुगम होगी। इन परियोजनाओं की वजह से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी बल्कि "विकसित छत्तीसगढ़ 2047" के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाना है।

छत्तीसगढ़ में रेलवे क्षेत्र की बात करें तो करीब 12 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। यह परियोजनाएं विभिन्न क्षेत्रों की रेल सेवा को बेहतर और विस्तार से जुड़ी हैं। इसी तरह सड़क मार्ग को बेहतर बनाने के लिए 12 हजार 585 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम हो रहा है। इसमें उन प्रमुख सड़कों को भी शामिल किया गया है, जिससे लोग त्रस्त थे। या तो वहां ट्रैफिक जाम होते थे या फिर उन बदहाल सड़कों की वजह से लोगों को तकलीफें हुआ करती थीं। साथ ही जिन इलाकों से नई सड़कें शुरू हो रही हैं, उन इलाकों में विकास की रफ्तार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

रेलवे सेक्टर: 12,000 करोड़ रुपए का निवेश

रेलवे क्षेत्र में चल रहे 13 बड़े प्रोजेक्ट्स से राज्य की कनेक्टिविटी और व्यापारिक गतिविधियों में सुधार होगा।

प्रमुख परियोजनाएं

• किरंदुल-जगदलपुर डबलिंग: ₹1440 करोड़।

• रायपुर-धमतरी गेज परिवर्तन: ₹1171.3 करोड़।

• खरसिया-धरमजयगढ़ ईस्ट कॉरिडोर फेज वन: ₹3438.39 करोड़।

• दल्लीराजहरा-रावघाट रेल लाइन: 1627.56 करोड़।

• झारसुगुड़ा-बिलासपुर चौथी रेल लाइन- 2135.34 करोड़

प्रोजेक्ट लागत

किरंदुल-जगदलपुर डबल रेलवे लाइन 1440

- किरंदुल से जगदलपुर रूट पर ट्रेनों का दबाव बढ़ गया है। खनिज उत्पादन में वृद्धि की वजह से मालगाड़ियों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन यात्री गाड़ियों की संख्या बढ़ाने और यात्रियों की सहुलियत के लिए इस लाइन का दोहरीकरण किया जा रहा है।

निपनिया-भाटापारा चौथी रेलवे लाइन 170.49

भाटापारा-हथबंद चौथी रेलवे लाइन 177.03

दाधापारा- बिल्हा चौथी रेलवे लाइन 169.06

- बिलासपुर से रायपुर के बीच इस हिस्से में ट्रेनों और मालगाड़ियों की संख्या का दबाव अधिक होने के कारण कई बार ट्रेनें लेट होती हैं। निपनिया-भाटापारा के बीच 14.4 किमी चौथी रेल लाइन से गाड़ियों के दबाव में राहत मिलेगी। इसी तरह भाटापारा से हथबंध के बीच 8.8 किमी और दाधापारा से बिल्हा तक 9.2 किमी तक नई चौथी रेल लाइन बनाई जाएगी।

धमतरी-अभनपुर-केंद्री गेज परिवर्तन 1171.3

- रायपुर से धमतरी छोटी रेलवे लाइन अब बड़ी रेल लाइन में तब्दील हो रही है। इस दौरान रायपुर स्टेशन से नया रायपुर के केंद्री स्टेशन तक गेज परिवर्तन हो चुका है। अब केंद्री से अभनपुर और वहां से धमतरी तक बड़ी रेल लाइन बनाई जा रही है।

चिरमिरी-नागपुर हाल्ट 241

खरसिया-धरमजयगढ़ इस्ट कॉरिडोर-फेज वन 3438.39

- रायगढ़ क्षेत्र में खरसिया और धरमजयगढ़ के बीच बन रही रेलवे लाइन से रायगढ़ से घने जंगल क्षेत्र में बसे धरमजयगढ़ इलाके के लोगों को सहुलियत होगी। इस लाइन का पहले टेस्टिंग भी हो चुका है।

बोरीडांड-अंबिकापुर डबल रेलवे लाइन 775.82

- बोरीडांड से अंबिकापुर के बीच इस लाइन में दोहरीकरण होने से यहां के यातायाता को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। ज्यादा गाड़ियों के चलने की संभवनाएं बनेंगी।

राजनांदगांव-डोंगरगढ़ चौथी रेलवे लाइन 328.34

भिलाई- भिलाई नगर चौथी लाइन 177.34

रायपुर से नागपुर के बीच राजनांदगांव-डोंगरगढ़ के बीच चौथी रेल लाइन बनने से वर्तमान में प्रभावित हो रही ट्रेनों को राहत मिल सकेगी और यात्रियों के सुविधाओं में इजाफा किया जा सकेगा। भिलाई से भिलाई नगर में भी ऐसे ही लाइन का विकास होगा, जिससे ट्रेनों के संचालन में सहुलियत होगी।

दल्लीराजहारा- रावघाट रेलवे लाइन 1627.56

- दल्लीराजहरा से अंतागढ़ तक ट्रेनें शुरू हो चुकी हैं और अब रावघाट क्षेत्र तक इसका विस्तार होगा। इससे औद्योगिक विकास को मजबूती मिलेगी साथ ही उस दुर्गम क्षेत्र में भी रेल यातायात का विस्तार होगा।

झारसुगुड़ा-बिलासपुर चौथी रेलवे लाइन 2135.34

- बिलासपुर से ओडिशा रूट पर यात्रियों की ट्रेनों को मदद मिलेगी और भविष्य में रेल यातायात को विस्तार करने में सहुलियत प्रदान होगी।

सरगबुंदिया-मड़वारानी तीसरी व चौथी रेलवे लाइन 167.64

- यह रेल लाइन चांपा से कोरबा के मध्य रेल यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी, जिससे बिलासपुर-रायगढ़ और बिलासपुर-कोरबा रूट में भी रेल यातायात व्यवस्थित और सुचारू होगा और साथ ही रेलवे को राजस्व बढ़ने के साथ-साथ सहुलियत भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

रेलवे क्षेत्र में निवेश और रोजगार सृजन

• इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण: ₹12,000 करोड़ के निवेश के तहत रेलवे परियोजनाओं के निर्माण और संचालन में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे।

• क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा: किरंदुल-जगदलपुर डबलिंग, रायपुर-धमतरी गेज परिवर्तन, और खरसिया-धरमजयगढ़ ईस्ट कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं माल ढुलाई और यात्री परिवहन को सुगम बनाएंगी, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

• लॉजिस्टिक्स का सुधार: कनेक्टिविटी बढ़ने से उद्योगों के लिए कच्चे माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही अधिक तेज और सस्ती होगी।

सड़क विकास: 12,585 करोड़ की परियोजनाएं

राज्य में 14 बड़े सड़क प्रोजेक्ट्स प्रक्रियाधीन हैं, जिनसे यातायात और परिवहन सुविधाओं में जबरदस्त सुधार होगा।

बिलासपुर-मुंगेली राष्ट्रीय राजमार्ग 188.8

- बिलासपुर से मुंगेली की सड़क बहुत ही खराब थी। अब इसे नए सिरे से बनाने का काम शुरू हो चुका है। इसकी चौंड़ाई भी बढ़ाई जाएगी और इसे दुर्घटनारहित तैयार किया जा रहा है।

4 ग्रेड सेपरेटर निर्माण 349.03

- रायपुर-भिलाई फोरलेन में कुम्हारी के पास इस सड़क की मरम्मत की जा रही है। ग्रेड सेपरेटर के जरिए इसे ठीक करने का काम किया जा रहा है, ताकि ट्रैफिक जाम और बेहतर ड्राइविंग हो सके।

रायपुर-विशाखापटनम एक्सप्रेस-वे

एनएच 130 सिक्सलेन 1368.19

ब्सनवाही-मरांगपुर एनएच 130 सिक्सलेन 1307.16

सरगी-बसनवाही सिक्सलेन एनएच 130 1470

- रायपुर-विशाखापटनम भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत झनकी से सरगी के बीच सिक्सलेन का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही ब्सनवाही से मरांगपुर के बीच भी यह काम होगा।

पत्थलगांव-कुनकुरी राष्ट्रीय राजमार्ग 435.61

- पत्थलगांव से कुनकुरी के बीच बरसात के दिनों में सबसे ज्यादा जाम लगता था। अब यह सड़क बेहतर ढंग से बनाई जा रही है। इसे एनएच-78 रूट कहा जाता है।

कांकेर-बेड़मा राष्ट्रीय राजमार्ग 572.66

- नेशनल हाईवे 43 में कांकेर से बेड़मा के बीच मरम्मत का कार्य कर इस सड़क को बेहतर बनाया जा रहा है।

दुर्ग-रायपुर-आरंग बायपास सिक्सलेन 3786.94

- दुर्ग से रायपुर और आरंग को जोड़ते हुए सिक्सलेन बनाई जा रही है। इसे दो हिस्सों में बांटकर इसका निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत पहले पैकेज में 1828 करोड़ रुपए और दूसरे पैकेज में 1958.94 करोड़ रुपए सेंक्शन किए गए। इसके ही इस चरण में इस नए बजट से काम होगा और सड़क बनाने का कार्य आगे बढ़ेगा।

शेरपार-कोहका अपग्रेडेशन एनएच 930 278.97

- मोहला-मानपुर क्षेत्र की इस सड़क को मरम्मत कर बेहतर ढंग से तैयार किया जा रहा है। यह सड़क आने वाले समय में ट्रैफिक जाम से बाहर कहलाएगी। यहां आवागमन सहुलियतभरा होगा।

अंबिकापुर-पत्थलगांव अपग्रेडेशन 731.5

- अंबिकापुर से जशपुर जिले के पत्थलगांव के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 78 को अपग्रेड किया जा रहा है। इस सड़क को बेहतर बनाने से लोगों को सहुलियत के साथ-साथ दुर्घटनाओं में कमी लाने में मदद मिलेगी।

बिलासपुर उरगा फोरलेन 2523.86

- बिलासपुर-उरगा फोरलेन एनएच 130ए का निर्माण किया जा रहा है। यह सड़क बिलासपुर से कोरबा के आउटर तक जाएगी, जिससे यहां खदानों से चलने वाली गाड़ियों के जाम से निजात मिलेगी और लोगों को भी सहुलियत होगी।

मुंगेली-पोंडी राष्ट्रीय राजमार्ग अपग्रेडेशन 218.57

- मुंगेली से मध्यप्रेदश के डिंडोरी को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग मुंगेली-पोंडी एनएच 130 ए को अपग्रेड किया जा रहा है। इस काम से खासकर बरसात के दिनों में यहां से गुजरने वालों को सहुलियत होगी और मध्यप्रदेश को मुंगेली के रास्ते जोड़ने वाली इस सड़क बेहतर बनेगी।

अभनपुर- पौंड़ राष्ट्रीय राजमार्ग अपग्रेडेशन 193.16

- एनएच 130 सी में अभनपुर से पौंड़ तक इस हाइवे का अपग्रेडेशन किया जा रहा है। यह सड़क बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से रायपुर-धमतरी, रायपुर विशाखापटनम के अलावा रायपुर से दुर्ग को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण में सड़क के दोनों ओर लचीले फुटपाथ का निमार्ण भी होगा।

सड़क विकास से उद्योगों को प्रोत्साहन

• परिवहन का विस्तार: ₹12,585 करोड़ की सड़क परियोजनाओं से राज्य के अंदरूनी और बाहरी क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित होगी।

• व्यापारिक केंद्रों का जुड़ाव: एनएच-130 और दुर्ग-रायपुर-आरंग बायपास जैसी परियोजनाओं से औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र एक-दूसरे से अधिक प्रभावी ढंग से जुड़ेंगे।

• सामान्य नागरिकों और MSMEs को लाभ: बेहतर सड़क नेटवर्क से माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) को किफायती परिवहन विकल्प मिलेंगे, जिससे उनका विकास तेज होगा।

कोयला क्षेत्र: 34,015 करोड़ का योगदान

भारत के कोयला भंडार का 16% हिस्सा रखने वाले छत्तीसगढ़ में कोल सेक्टर का विस्तार रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण को नई ऊंचाई देगा।

• गेवरा एक्सपेंशन: ₹11,816.4 करोड़।

• कुसमुंडा एक्सपेंशन: ₹7612.33 करोड़।

कोयला क्षेत्र से आर्थिक सशक्तिकरण

• रोजगार के अवसर: ₹34,015 करोड़ की कोयला परियोजनाएं खनन, परिवहन, और कोल आधारित व्यवसायों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेंगी।

• औद्योगिक विकास: कोयला उत्पादन में वृद्धि से राज्य के ऊर्जा और इस्पात उद्योगों को कच्चे माल की सतत आपूर्ति होगी।

• राजस्व वृद्धि: कोयला उत्पादन से राज्य को रॉयल्टी और अन्य राजस्व स्रोतों से बड़ी आय होगी।

पावर और स्टील सेक्टर: 16,446 करोड़ और 7262 करोड़

पावर सेक्टर में लारा थर्मल पावर स्टेज-2 जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। स्टील सेक्टर में एनएमडीसी स्लरी पाइपलाइन और भिलाई स्टील प्लांट का पुनर्निर्माण प्रमुख प्रोजेक्ट्स हैं।

पावर और स्टील सेक्टर से औद्योगिक विस्तार

• बिजली उत्पादन में वृद्धि: लारा थर्मल पावर स्टेज-2 (₹15,530 करोड़) जैसी परियोजनाओं से ऊर्जा क्षेत्र मजबूत होगा, जिससे उद्योगों की बिजली जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।

• स्टील सेक्टर का विकास: एनएमडीसी स्लरी पाइपलाइन और भिलाई स्टील प्लांट के पुनर्निर्माण से स्टील उत्पादन बढ़ेगा, जो राज्य के निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सहायक होगा।

2047 का विजन: विकसित छत्तीसगढ़

इन परियोजनाओं से न केवल कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे का विकास होगा, बल्कि रोजगार सृजन, व्यापार और पर्यटन को भी मजबूती मिलेगी। बेहतर सार्वजनिक सुविधाओं और आर्थिक प्रगति के साथ छत्तीसगढ़ "विकसित भारत" का अहम हिस्सा बनेगा।

• छत्तीसगढ़ सरकार की "विकसित छत्तीसगढ़ 2047" की परिकल्पना को साकार करने में सड़क, रेल, कोयला और स्टील क्षेत्रों की ये विशाल परियोजनाएं अहम भूमिका निभा रही हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक संरचना में बड़े बदलाव होंगे।

• आर्थिक दृष्टिकोण से, बेहतर सड़क और रेल नेटवर्क राज्य की कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगे, जिससे व्यापार और वाणिज्य में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। इन परियोजनाओं से परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्से और अन्य क्षेत्र अधिक सुगमता से जुड़ सकेंगे।

• रोजगार सृजन की दृष्टि से, ये परियोजनाएं निर्माण और रखरखाव के दौरान हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं। इसका सीधा लाभ स्थानीय समुदायों को मिल रहा है और आने वाले समय में इससे राज्य के लोगों की आय और जीवन स्तर में सुधार होगा।

• बुनियादी ढांचे के विकास में, इन परियोजनाओं के तहत शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक पार्क, सिक्स लेन हाईवे, और बेहतर सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण होगा। इससे न केवल शहरी क्षेत्रों का विकास होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों तक आवश्यक सेवाओं और संसाधनों की पहुंच भी आसान होगी।

• सामाजिक दृष्टि से, बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे का सीधा प्रभाव नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता पर पड़ेगा। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी।

• इसके अतिरिक्त, बेहतर कनेक्टिविटी पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगी। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने के अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य का पर्यटन उद्योग और मजबूत होगा। इन सभी प्रयासों से छत्तीसगढ़ 2047 तक एक विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है।

जीडीपी को मिलेगी रफ्तार

• आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि: बेहतर कनेक्टिविटी और कोयला उत्पादन से औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी, जिससे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में वृद्धि होगी।

• निवेश को प्रोत्साहन: मजबूत बुनियादी ढांचे और ऊर्जा आपूर्ति से विदेशी और घरेलू निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा।

• स्थानीय अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण: इन परियोजनाओं से रोजगार और व्यापार में बढ़ोतरी के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, जिससे राज्य की समग्र आर्थिक प्रगति होगी।

उच्च शिक्षा में विकास की खुली राहें

- केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए भिलाई आईआईटी के स्थायी कैंपस निर्माण हेतु ₹808 करोड़ की मंजूरी दी है, जिसमें से ₹640.7 करोड़ की राशि पहले चरण के तहत खर्च की जा चुकी है।

पेट्रोलियम और शहरी विकास में प्रगति

- पेट्रोलियम सेक्टर में रायपुर डिपो के लिए ₹456 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है, जिसके तहत ₹354.13 करोड़ का व्यय किया गया है। इसी तरह, शहरी विकास के लिए ₹299.97 करोड़ की योजना संचालित हो रही है, जिसमें अब तक ₹246.42 करोड़ का उपयोग किया जा चुका है।

डबल इंजन सरकार की ताकत

- छत्तीसगढ़ में केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त नीतियां विकास को गति दे रही हैं। केंद्र सरकार जहां बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाओं से प्रदेश को मजबूत बना रही है, वहीं मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने "विकसित छत्तीसगढ़" के लक्ष्य को अपनाकर उल्लेखनीय प्रगति की है।

विकास कार्यों में अभूतपूर्व तेजी

- वर्ष 2024 प्रदेश के लिए विकास की नई ऊंचाइयों का गवाह बना है। राज्य सरकार ने जनहित से जुड़े विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए उनकी गति को भी तेज किया है। अगस्त से मध्य अक्टूबर 2024 के दौरान मुख्यमंत्री साय ने ₹801 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

साल के अंत तक दिखेगी तस्वीर

- नवंबर और दिसंबर 2024 के मात्र दो महीनों में राज्य में लगभग ₹4,000 करोड़ के विकास कार्य शुरू किए गए हैं। इन परियोजनाओं में आधारभूत संरचनाओं का विकास, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार, और मानव संसाधन के विकास को प्रमुखता दी गई है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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