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CG News: कलिंगा यूनिवर्सिटी का संकाय विकास कार्यक्रम, 'पायथन और बुद्धिमान मशीनों के साथ अगली पीढ़ी के STEM शिक्षण' रहा विषय

Kalinga University: हैदराबाद स्थित गीतांजली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में 30 जून से 4 जुलाई 2025 तक एक अत्यंत महत्वपूर्ण 5 दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (FDP) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था- “पायथन और बुद्धिमान मशीनों के साथ अगली पीढ़ी के STEM शिक्षण”, जिसका नेतृत्व कलिंगा यूनिवर्सिटी की IEEE छात्र शाखा ने किया। इसमें भारत ड्रोन सिस्टम और IEEE मध्य प्रदेश अनुभाग का सहयोग रहा।

CG News: कलिंगा यूनिवर्सिटी का संकाय विकास कार्यक्रम, पायथन और बुद्धिमान मशीनों के साथ अगली पीढ़ी के STEM शिक्षण रहा विषय
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By Chitrsen Sahu

Kalinga University: हैदराबाद स्थित गीतांजली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में 30 जून से 4 जुलाई 2025 तक एक अत्यंत महत्वपूर्ण 5 दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (FDP) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था- “पायथन और बुद्धिमान मशीनों के साथ अगली पीढ़ी के STEM शिक्षण”, जिसका नेतृत्व कलिंगा यूनिवर्सिटी की IEEE छात्र शाखा ने किया। इसमें भारत ड्रोन सिस्टम और IEEE मध्य प्रदेश अनुभाग का सहयोग रहा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक और प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग को शिक्षकों और छात्रों के शिक्षण अनुभव में शामिल कर उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त बनाना था। कार्यक्रम में 35 फैकल्टी सदस्यों सहित कुल 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

उद्घाटन और तकनीकी स्थापना

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर डॉ. विजयलक्ष्मी बिरादर (डायरेक्टर, IQAC, कलिंगा यूनिवर्सिटी व सचिव IEEE MP सेक्शन) और राहुल पिन्नामनेनी (CEO, बहुभुज भूस्थानिक) की गरिमामयी उपस्थिति में "AI, रोबोटिक्स और ड्रोन पर उत्कृष्टता केंद्र" की स्थापना की गई। यह केंद्र भविष्य में उच्च स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण और शोध का आधार बनेगा।

व्यावहारिक प्रशिक्षण और नवाचार आधारित शिक्षण

डॉ. बिरादर ने प्रतिभागियों को एमब्लॉक 5 सॉफ़्टवेयर, ब्लॉक आधारित कोडिंग (कोडी रॉकी, एमबॉट), Arduino प्रयोग, CyberPi प्रोग्रामिंग, ड्रोन संचालन, और इलेक्ट्रॉनिक किट्स के अनुप्रयोग जैसे मॉड्यूल्स में गहराई से प्रशिक्षित किया। प्रत्येक दिन सुबह 9:30 से दोपहर 3:30 बजे तक हैंड्स-ऑन वर्कशॉप्स, टीम चैलेंज, लाइव डेमो और शिक्षण मूल्यांकन सत्रों का आयोजन हुआ, जिनमें परियोजना आधारित शिक्षण (PBL) को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।

छात्रों की भूमिका और भागीदारी

कार्यक्रम में कलिंगा यूनिवर्सिटी, नया रायपुर के छात्र—सिम्पी कुमारी, कोड़ा आयुषी राव, वेदांत राज, पीयूष श्रीवास्तव, प्रियांशु सिंह और मो. ऐमन शफी—ने प्रशिक्षण समिति के रूप में सत्रों के संचालन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई। सभी छात्र IEEE के सक्रिय सदस्य भी हैं।

समापन और प्रभाव

कार्यक्रम के अंतिम दिन आयोजित लिखित परीक्षा से प्रतिभागियों के सीखने का मूल्यांकन किया गया। समापन समारोह में प्रतिभागियों को स्मृति-चिह्न और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से अब तक 5000 से अधिक छात्र, जो 7 से अधिक राज्यों में फैले हैं, उन्नत STEM शिक्षण पद्धतियों से लाभान्वित हो चुके हैं।

निभाएगी महत्वपूर्ण भूमिका

यह प्रशिक्षण न केवल उत्कृष्टता का केंद्र की नींव को सुदृढ़ करता है, बल्कि यह शिक्षकों को कोडिंग, रोबोटिक्स एवं ड्रोन तकनीक में सशक्त बनाते हुए व्यापक छात्र सहभागिता के माध्यम से इंजीनियरिंग शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन की दिशा में प्रेरित करता है। यह कार्यक्रम इस तथ्य को सशक्त रूप में प्रस्तुत करता है कि स्टेम शिक्षा भविष्य में तकनीकी दक्षता, रचनात्मकता और पेशेवर कौशलों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी—जो आज की तेज़ी से बदलती वैश्विक दुनिया में अत्यंत आवश्यक है।

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