Begin typing your search above and press return to search.

जशपुर में गेंदे की खेती कम लागत में कमाए ज्यादा मुनाफा...

फूलों के खेती ने किसान मोती को बनाया सफल व्यवसायी... फूलों की डिमांड उड़ीसा झारखण्ड सहित अन्य राज्यों में हमेशा रहती बनी ...फूलों की माला फूल गुलदस्ता और बुके बनाकर 5 लाख तक की आमदनी

जशपुर में गेंदे की खेती कम लागत में कमाए ज्यादा मुनाफा...
X
By Sandeep Kumar

जशपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय किसानों को फल फूल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। गेंदे की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है किसानों को कम समय में अच्छा मुनाफा देती है। इसका लाभ भी किसानों को बढ़िया मिलता है। पत्थलगांव विकास खंड के ग्राम लोकेर के किसान मोती बंजारा गेंद की अच्छी खेती कर रहे हैं और दूसरे किसानों को गेंदे की खेती के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। किसान मोती बंजारा ने बताया कि वे 2014 से गेंदे की खेती करना शुरू किया अपने खेत के 20 डिसमिल जमीन में फूल की खेती की त्योहार के सीजन में गेंदे का अच्छा विक्रय होने से उनको अच्छा मुनाफा होने लगा।

उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र डूमरबाहर जशपुर के मार्गदर्शन से ड्रिप मल्चिंग में खेती करना शुरू किया और रकबा को एक एकड़ तक बढ़ाया जिसके बाद कृषि वैज्ञानिकों ने नेट हाउस में खेती करने का सलाह दिया गया। किसान ने बताया कि पत्थलगांव के उघान विभाग से संपर्क करके अपना आवेदन जमा किया और अब 0.2000 हेक्टेयर में नेट हाउस और 1 एकड़ में ड्रिप मलचिंग के माध्यम से अब साल भर गेंदे और गेलोडियस की खेती से अच्छा मुनाफा हो रहा है। किसान मोती ने बताया कि पिछले दीपावली में ही 15 दिन के भीतर गेंदे फूल के विक्रय से 3 लाख से अधिक की कमाई हो गई। एक सीजन में अच्छा मार्केट होने पर प्रति 1 एकड़ से 3 से 3 तीन लाख 50 हजार की कमाई हो जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले खरीब सीजन में 2.5 एकड़ में गेंदे की फसल से अच्छा मुनाफा लिया था। गेंदे की मार्केट जशपुर जिले भर में और आस पास जैसे सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर, उड़ीसा, झारखंड भी फूलों की सप्लाई किया जाता है। और अन्य जिलों के साथ अन्य राज्यों से भी मांग निरंतर बनी रहती है। जिले के कई किसान गेंदे की फूल लगाकर अच्छा आमदनी कर रहे हैं।

किसान ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न योजना का लाभ उन्हें मिला है। उन्होंने बताया कि अन्य किसान भी उनको देखकर गेंदे की खेती करना चालू कर दिया है। और अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन की योजना के तहत क्रेडा विभाग से सौर सूजला योजना का लाभ भी मिला है। कृषि विभाग से गोदाम निर्माण, उघान विभाग से पैक हाउस,नेट हाउस जैसे अन्य योजनाओं का भी लाभ उन्हें मिला उन्होंने बताया कि गेंदे फूल के अलावा बुके गुलदस्ता बनाकर साल में लगभग 2 लाख की अतिरिक्त कमाई कर लेते हैं। किसान मोती ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका परिवार बहुत खुश हैं।उनका पारिवारिक जीवन स्तर में सुखद बदलाव आया है।

उल्लेखनीय है कि फूलों खेती कम समय में तैयार हो जाता है। गेंदा लगभग 60-70 दिनों में फूल देना शुरू कर देता है, जिससे किसानों को जल्दी मुनाफा मिलता है। कम लागत, अधिक लाभ इसकी खेती में बहुत ज्यादा निवेश नहीं लगता, और इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे अच्छा लाभ मिलता है।

फूलों की उच्च मांग

शादी-विवाह और त्योहारों पर गेंदे के फूलों की मांग बहुत अधिक होती है।

मंदिरों, धार्मिक स्थलों और सजावट के लिए भी इसका उपयोग होता है।

बहुउपयोगी फसल

गेंदे का उपयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है।

बाजार में अच्छी कीमत गेंदा हर मौसम में बिकता है, खासकर दिपावली दुर्गा पूजा, गणेश चतुर्थी, होली जैसे त्योहारों पर इसकी कीमत बढ़ जाती है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story