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Interesting Facts: आखिर कितने लीटर फ्यूल में फुल होती है हवाई जहाज की टंकी, अगर बीच में बंद हो जाए इंजन तो क्या होगा ?

कभी-कभी हमारे मन में कुछ सवाल आते हैं, जिनके जवाब हमें पता नहीं होते। हम सबने अक्सर आसमान में हवाई जहाज को देखा है, लेकिन कभी ये सोचा है कि आखिर हवाई जहाज की टंकी कितने लीटर फ्यूल में फुल हो जाती है, साथ ही अगर बीच आसमान में ही इसका इंजन बंद हो जाए, तो क्या होगा?

Interesting Facts: आखिर कितने लीटर फ्यूल में फुल होती है हवाई जहाज की टंकी, अगर बीच में बंद हो जाए इंजन तो क्या होगा ?
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By Pragya Prasad

रायपुर, एनपीजी न्यूज। कभी-कभी हमारे मन में कुछ सवाल आते हैं, जिनके जवाब हमें पता नहीं होते। हम सबने अक्सर आसमान में हवाई जहाज को देखा है, लेकिन कभी ये सोचा है कि आखिर हवाई जहाज की टंकी कितने लीटर फ्यूल में फुल हो जाती है, साथ ही अगर बीच आसमान में ही इसका इंजन बंद हो जाए, तो क्या होगा?

आजकल अधिकतर लोग अपना समय बचाने, असुविधा और परेशानी से बचने के लिए फ्लाइट से सफर करना पसंद करते हैं। उड़ान से पहले हमेशा फ्लाइट में फ्यूल भरा जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि एक फ्लाइट के टैंक की कैपेसिटी कितनी होती है।

विमानों के साइज के मुताबिक लगता है फ्यूल

आपको बता दें कि एयरबस A380 के फ्यूल टैंक में 3 लाख 23 हजार 591 लीटर, बोइंग 747 में 1 लाख 82 हजार लीटर फ्यूल लगता है। वहीं छोटे जहाजों की फ्यूल टैंक कैपिसिटी 4000–5000 लीटर की होती है। वहीं मीडियम साइज के विमानों के फ्यूल टैंक की कैपेसिटी 26 हजार से 30 हजार लीटर होती है। टेक ऑफ के दौरान हवाई जहाज के फ्यूल की ज्यादा खपत होती है, जबकि उतरने के समय कम ईंधन लगता है।


हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाला ईंधन ATF कहलाता है

हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले ईंधन या फ्यूल को विमान टर्बाइन फ्यूल (ATF) कहते हैं। हवाई जहाज में 2 तरह के फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है- जेट ईंधन और एविगैस। जेट ईंधन का इस्तेमाल जेट इंजन को पावर करने के लिए किया जाता है। वहीं छोटे टर्बोप्रॉप विमानों में इंजन पिस्टन को ड्राइव करने के लिए एविगैस का इस्तेमाल किया जाता है। एरोप्लेन में खास जेल फ्यूल का इस्तेमाल होता है, इसे एविएशन केरोसिन के नाम से जाना जाता है।

हवाई जहाज के पंखों में भरा जाता है फ्यूल

गौरतलब है कि हवाई जहाज के पंखों में फ्यूल भरा जाता है, ताकि प्लेन का बैलेंस बना रहे। अगर फ्यूल प्लेन के पीछे हिस्से में होगा, तो ये उड़ते वक्त आगे की ओर उठ जाएगा। वहीं जब फ्यूल खत्म होगा, तो फिर आगे का हिस्सा झुक जाएगा। फ्लाइट में बैलेंस बनाकर रखने के लिए फ्यूल को पंखों में भरा जाता है।

फ्लाइट की माइलेज कितनी होती है?

बोइंग 747 की निर्माता कंपनी के मुताबिक, फ्लाइट को एक किलोमीटर उड़ान भरने के लिए लगभग 12 लीटर फ्यूल की जरूरत होती है। वहीं प्लेन की रफ्तार 900 किलोमीटर/घंटा होती है। बोइंग 747 में एक बार में 568 लोग बैठकर यात्रा कर सकते हैं। एक घंटे में फ्लाइट 2400 लीटर फ्यूल की खपत करती है। सामान्य तौर पर एक घंटे में फ्लाइट 900 किलोमीटर तक की दूरी तय कर लेती है।

अगर बीच आसमान में फ्यूल खत्म हो जाए, तो क्या होगा?

हवा में उड़ रहे प्लेन का पेट्रोल खत्म होने से पहले ही इंडिकेटर की मदद से पायलट को पता चल जाता है। जिसके बाद पायलट ये जानकारी कंट्रोल रूम तक भेजता है। इस स्थिति में सबसे पास के इलाके से एक फ्यूल भरे दूसरे फ्लाइट को आसमान में भेजा जाता है। जब फ्यूल से भरा प्लेन पहले वाले प्लेन के पास पहुंचता है, तो दोनों प्लेन एक-दूसरे के साथ पैरेलल एक ही स्पीड में उड़ान भरते हैं। इस वक्त फ्यूल वाले प्लेन से एक नोजल निकाला जाता है, जिसमें सेंसर लगा होता है। इसकी मदद से वो फ्यूल टैंक को खोजकर उसमें फ्यूल भरने का काम करता है।

अगर बीच आसमान में बंद हो जाए इंजन तो क्या होगा?

जब विमान का इंजन बंद हो जाता है, तो विमान को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी थ्रस्ट खत्म हो जाता है, ऐसी हालत में हवाई जहाज हवा में ही ग्लाइड करने लगता है। ग्लाइडिंग का मतलब है कि विमान हवा के प्रतिरोध के खिलाफ उड़ान भरता रहता है। बड़े विमान छोटे विमानों के मुकाबले ज्यादा दूर तक ग्लाइड कर सकते हैं। अगर विमान ज्यादा ऊंचाई पर हो तो वो ज्यादा दूर तक जा सकता है। हवा की दिशा भी ग्लाइडिंग को प्रभावित करती है। वैसे तो अनुभवी पायलट विमान को सुरक्षित रूप से लैंड करा लेते हैं, जिसमें एयर ट्रैफिक कंट्रोल मदद करते हैं।

आजकल विमानों में होते हैं 2 या 2 से अधिक इंजन

आजकल अधिकांश विमानों में 2 या 2 से अधिक इंजन होते हैं। अगर एक इंजन खराब भी हो जाता है, तो विमान दूसरे इंजन की मदद से उड़ान भर सकता है। इसकी वजह से ज्यादा दिक्कत नहीं होती।

Pragya Prasad

पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव। दूरदर्शन मध्यप्रदेश, ईटीवी न्यूज चैनल, जी 24 घंटे छत्तीसगढ़, आईबीसी 24, न्यूज 24/लल्लूराम डॉट कॉम, ईटीवी भारत, दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद अब नया सफर NPG के साथ।

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