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ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनी गोधन न्याय योजना

योजना से अब तक गोबर विक्रेता पशुपालकों, ग्रामीणों को 188.45 करोड़ रूपए का भुगतान

ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनी गोधन न्याय योजना
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By NPG News

रायपुर 21 दिसंबर 2022 I छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना देश-दुनिया के लिए नजीर बन गई है। देश के कृषि क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को एक सफल और मजबूत योजना के रूप में सराहा जा रहा है। गांव-गांव में की जा रही गोबर खरीदी और जैविक खाद के सतत निर्माण एवं उपयोग से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गोधन न्याय योजना की शुरुआत जिन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए की गई थी, इस योजना ने उन सभी लक्ष्यों में बहुत कम समय में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है। यह योजना गांवों में खुशहाली का सबब बन गई है।

जमा पूंजी से गोबर खरीदना योजना की बड़ी सफलता

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि गौठानों द्वारा खुद की जमा पूंजी से गोबर खरीदना गोधन न्याय योजना की बड़ी सफलता है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के आधे से अधिक गौठान स्वयं के संसाधनों से गोबर की खरीदी कर रहे हैं। राज्य शासन को इन गौठानों को गोबर खरीदने के लिए राशि देने की जरुरत नहीं पड़ती है।

किसान स्वयं पैरादान कर रहे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ में प्रदेश के युवाओं और महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की गतिविधियों में युवाओं और महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इससे युवाओं और महिलाओं को रोजगार और आमदनी का अच्छा जरिया मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुताबिक गौठानों में किसान स्वयं पैरादान कर रहे हैं। पैरादान के लिए किसानों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जब गौठानों में पशुओं के लिए चारा और पानी की व्यवस्था होगी, तो पशु खेती और सड़कों के बजाय गौठानों में रहेंगे। उन्होंने प्रदेश के अधिक से अधिक गौठानों में पैरा के बंडल बनाने के लिए बेलर मशीन उपलब्ध कराने के प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

ऐसे उत्पाद तैयार करें जिनकी डिमांड हो: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में ऐसे उत्पाद प्राथमिकता के आधार पर तैयार किए जाएं, जिनकी शासन को जरूरत है या जिनके मार्केट में अच्छी मांग है। गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि लगातार बढ़ रही है। लोग गौठानों से जुड़ रहे हैं, गोबर और वर्मी कम्पोस्ट का महत्व समझ रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात के दौरान कुछ गौठान समितियों ने स्वयं की राशि से आर्थिक गतिविधियों के लिए शेड बनाने की मांग की। राजिम विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के दौरान एक महिला ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट के लिए उपयोग में आने वाली बोरियों में उन्होंने प्रिंटिंग का काम कर 4 लाख रूपए की कमाई की है। उन्होंने कहा कि अच्छे उत्पादों को तैयार करने के लिए युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के जरिए आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में एक मजबूत अर्थव्यवस्था खड़ी होगी, जो देश और दुनिया के लिए उदाहरण होगी।

9 हजार 619 गौठान बनाए गए

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के मुताबिक प्रदेश में 11 हजार 252 गौठानों को स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 9 हजार 619 गौठान निर्मित किए गए हैं, इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 8440 गौठान निर्मित किए गए हैं। इन गौठानों में से 4270 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन और वितरण का काम विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा रहा है। आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन छत्तीसगढ़ में एक बड़ा अभियान बनेगा। उन्होंने कहा कि रीपा की गतिविधियों को युवाओं को जोड़कर और अधिक बढ़ाया जाएगा।

अब तक 188.45 करोड़ रूपए का भुगतान

गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली बताते हैं कि गोबर खरीदी के एवज में गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद से अब तक 188.45 करोड़ रूपए तथा गौठान समितियों और महिला स्व सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रूप में 170.05 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक गौठानों में 19.82 लाख क्ंिवटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। इसमें से 16.24 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। गौठानों में अब तक पैरादान से 2.25 लाख क्विंटल पैरा मिला है।

फैक्ट फाइल

21 जुलाई 2020 को शुरू हुई गोधन न्याय योजना

2 रूपये प्रति किलो की दर से गाय का गोबर ख़रीदी जा रही

राज्य की 2240 गोशालाओं को गोधन न्याय योजना से जोड़ा जा रहा

महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी 80 हजार से महिलाओं को रोजगार मिला

अब तक महिलाओं को 27.78 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान

गौठानों से 3,06,770 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन

1,44,320 क्विंटल से ज्यादा वर्मी कंपोस्ट की बिक्री हो चुकी

राज्य के 2200 से ज्यादा गांवों में गौशालाओं का निर्माण

योजना के तहत कुल 65,694 लाभार्थी पंजीकृत हुए

47 हजार से ज्यादा लोगों से लगभग 85 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी

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