फोर्टिफाइड चावल से संवरती सेहत
बेहतर स्वास्थ्य और सुपोषण स्तर के लिए शुरु हुई फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना

रायपुर 24 दिसंबर 2022 I छत्तीसगढ़ के खासतौर से ग्रामीण इलाकों के बच्चों के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है। इसके साथ कुछ बच्चे जन्म से ही कुपोषित होते हैं। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और सुपोषण स्तर बना रहे इसके लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मध्याह्न भोजन में फोर्टिफाइड चावल वितरण की शुरूआत कोण्डागांव जिले से हुई है। फिलहाल इस योजना के लिए 5 करोड़ 80 लाख रूपए का बजट तय किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के सभी लोगो को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए योजना को जारी किया गया है। देश के उन राज्यों में फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना को लागू किया है, जहां सबसे अधिक लोग कुपोषण से ग्रसित है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आयरन और विटामिन से युक्त फोर्टिफाइड राइस वितरण योजना को जारी किया गया है। इस योजना के तहत सभी लोगो को पौष्टिक चावल प्रदान किए जा रहे हैं।
पोषण सुरक्षा के लिए कोई चमत्कारिक उपाय नहीं हैं। लेकिन कुछ लोग अनुभव के आधार पर एनीमिया और पोषण संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए फोर्टिफिकेशन को एक चमत्कार के रूप में पेश करते रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक फूड फोर्टीफिकेशन का मतलब होता है टेक्नोलॉजी के माध्यम से खाने में विटामिन और मिनरल के स्तर को बढ़ाना। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि आहार में पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सके और इससे लोगों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिले।
ऐेसे फोर्टिफाइड होता है चावल
टूटे हुए चावल के दानों को पीस कर आटे में मिला लिया जाता है। फिर इस आटे को आवश्यक पोषक तत्वों के साथ पानी से गूंथ लिया जाता है। इस गुंथे हुए आटे को फिर एक एक्सट्रूडर के जरिए फोर्टिफाइड दाने में तब्दील कर दिया जाता है। फिर इसे नियमित चावल के साथ आम तौर पर 0.5-2 प्रतिशत के अनुपात में मिला देते हैं। आमतौर पर चावल की मिलिंग और पॉलिशिंग के समय फैट और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परतें हट जाती है। चावल की पॉलिश करने से 75-90% विटामिन भी निकल जाते हैं, जिसकी वजह से चावल के अपने पोषक तत्व खत्म हो जाते है। इसलिए चावल को फोर्टिफाई करने से उनमें सूक्ष्म पोषक तत्व न सिर्फ फिर से जुड़ जाते हैं, बल्कि और ज्यादा मात्रा में मिलाये जाते हैं, जिससे चावल और ज्यादा पौष्टिक बन जाता है। चावल को फोर्टिफाइड करने के लिए सबसे पहले सामान्य चावल का पाउडर बनाया जाता है। फिर चावल को आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन ए और विटामिन बी12 का लेप चढ़ाया जाता है। चावल को FRK के साथ 100-1 के अनुपात में मिलाकर फोर्टीफाइड चावल तैयार किया जाता है। FRK को चावल के आटे और प्रीमिक्स से तैयार किया जाता है जिसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 होता है जिसे एक साथ मिश्रित किया जाता है। इसकी मात्रा इतनी होगी कि धोने और पकाने पर माइक्रो न्यूट्रियंट्स की पर्याप्त मात्रा चावल में मौजूद रहेगी और चावल फोर्टिफाइड करने के लिए इसमें 15 पैसे प्रति किलोग्राम का खर्च आएगा। राज्य के सभी गरीब व्यक्तियों को फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना का लाभ दिया जाएगा।
कुपोषण से लड़ाई के लिए जरूरी
छत्तीसगढ़ देश का प्रमुख चावल उत्पादक राज्य है। विश्व में 22 प्रतिशत चावल का उत्पादन भारत करता है और हमारे देश में 65% आबादी रोज़ चावल का सेवन करती है। इतना ही नहीं, भारत में प्रति व्यक्ति चावल की खपत प्रति माह 6.8 किलोग्राम है। भारत में खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों में चावल का वितरण भी बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। इसलिए देश की ज्यादातर आबादी के लिए चावल ऊर्जा और पोषण का एक बड़ा स्रोत है और कुपोषण से लड़ने के लिए चावल का फोर्टीफिकेशन एक कारगर रणनीति है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के कई देश चावल के फोर्टीफिकेशन की रणनीति को लागू कर रहे है।
फोर्टीफाइड चावल के फायदे
फोर्टीफाइड चावल में कई पोषक गुण है क्यूंकि इसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B 12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व या माइक्रोन्युट्रिएंट्स मिलाये जाते है। ये पोषक तत्व अनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से बचाता है। आयरन अनीमिया से बचाव करता है, फोलिक एसिड खून बनाने में सहायक होता है और विटामिन B 12 नर्वस सिस्टम के सामान्य कामकाज में सहायक होता है। फोर्टीफाइड चावल के नियमित सेवन से बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है।
ऐसे पकाया जाता है फोर्टीफाइड चावल
फोर्टीफाइड चावल सरकारी राशन की दुकानों पर मिलता है। यह चावल आंगनवाड़ी केंद्रों पर दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार और स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में भी दिया जाता है। अधिकतम पौष्टिक लाभ के लिए फोर्टीफाइड चावल को पर्याप्त पानी में पकाना चाहिए और बचे हुए पानी को फेंकना नहीं चाहिए। अगर चावल को बनाने से पहले पानी में भिगोया गया हो तो चावल को उसी पानी में पकाना चाहिए। फोर्टीफाइड चावल को हर बार इस्तेमाल करने के बाद साफ और सूखे हवा-बंद डब्बे में रखना चाहिए।
नहीं है प्लास्टिक चावल
कई लोग इस भ्रम में आ जाते हैं कि फोर्टीफाइड चावल प्लास्टिक चावल है। लेकिन हम बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है। इसमें प्लास्टिक जैसा कुछ भी नहीं होता और यह उपभोग करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक है। स्वाद, सुगंध और दिखने में फोर्टीफाइड चावल सामान्य चावल के जैसा ही होता है। इसे सामान्य चावल की तरह ही पकाकर सेवन करना चाहिए। फोर्टीफाइड चावल पकाने के दौरान अपने पोषक तत्वों को बरकरार रखता है। अत्यधिक पानी में धोने और पकाने के दौरान भी पोषक तत्व अवशेष बरकरार रहते हैं।
राशन कार्ड धारकों को मिलेगा फोर्टिफाइड चावल
फोर्टिफाइड राइस वितरण योजना का लाभ केवल राज्य के राशन कार्ड धारकों को मिलेगा। साथ ही मिड डे मिल योजना के तहत स्कूलों में मिलने वाले भोजन में भी फोर्टिफाइड राइस का इस्तेमाल किया जायेगा। इस योजना का लाभ सीधे 1.34 लाख राशन कार्ड धारक परिवारों को मिलेगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पंजीकृत होना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के पास राशन कार्ड नहीं है तो वह व्यक्ति राशन कार्ड के लिए आवेदन करने के बाद इस योजना का लाभ ले सकता है।
फोर्टिफाइड' चावल वितरण योजना राज्य के कोण्डागांव जिले में प्रायोगिक आधार पर शुरू की गई है। इसके बाद इस योजना को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
