एकात्म परिसर से चल रहा राजभवन-भूपेश बघेल
संजय के. दीक्षित: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने 17 दिसंबर 2022 को चार साल पूरे कर लिए। इन चार सालों के सफर, उपलब्धियों और चुनौतियों पर सीएम भूपेश बघेल ने NPG.News से खास बातचीत की। सीएम ने कहा कि चार साल का सफर राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा। परेशानियां आईं। कई तरह के संकट आए। सबका सामना किया। आगे पढ़ें, सीएम अपनी उपलब्धियां किसे मानते हैं और ढाई साल की बात पर उनका क्या कहना है।राज्यपाल अनुसुइया उइके के बारे में क्या राय है। 36 गढ़ में 36 जिले को लेकर सीएम का क्या कहना है...
सीएम हाउस में बड़ी हलचल है। तमाम मीडिया हाउस के प्रतिनिधियों से सीएम भूपेश बघेल चार साल की उपलब्धियों पर बात कर रहे हैं। शाम होने को है और सीएम को अभी कई कार्यक्रमों में जाना है। जो समय निर्धारित है, उससे कुछ विलंब हो चुका है। समय बचाने के लिए अलग-अलग कमरों में मीडिया का सेटअप है, जिससे बिना देरी किए दूसरे मीडिया में चर्चा में शामिल हो सकें। NPG.News के संपादक से बातचीत का समय आ चुका है। सीएम अपने ऑफिस में आते हैं। चेहरे पर हल्की थकान दिख रही है। एक घूंट ग्रीन टी पीते हैं और बताते हैं कि सुबह से ही आप (मीडिया) लोगों से ही संवाद हो रहा है। सीएम के रूटीन से ही बातें शुरू करते हैं...
आपकी सुबह कितने बजे होती है?
जब नींद खुल जाए। वैसे 7.30 बजे तक उठ जाता हूं।
फिर रात में कितने बजे सोते हैं?
12-1 बजे तक ही सोने जाता हूं।
सोने से पहले क्या करते हैं। फाइलों में दस्तखत या कुछ पढ़ते हैं?
कभी कभार पढ़ लेता हूं।
क्या पढ़ना पसंद करते हैं?
महापुरुषों की जीवनी से जुड़ी किताबें। कुछ आध्यात्मिक या इतिहास की किताबें।
फिल्में देखते हैं?
फिल्में पसंद हैं। पहले बहुत देखता था। आजकल कहां फुरसत है। तीन घंटे कहां बैठ पाएंगे।
कौन सी फिल्म पसंद है?
शोले। अभिमान भी पसंद है। चुपके-चुपके, आनंद भी अच्छी फिल्में हैं।
मैच देखते हैं। क्रिकेट, फुटबाल...?
मैच नहीं देख पा रहा। पहले खूब देखता था। कमेंट्री सुनता था। तब समय था।
कौन से क्रिकेटर पसंद हैं?
हम लोगों के समय गावस्कर थे। कपिल देव तब ऑलराउंडर बनकर आए थे। उस समय गावस्कर, वेंगसरकर, गुंडप्पा विश्वनाथ, कीर्ति आजाद, ये सब फेवरेट बैट्समेन।
आप क्रिकेट खेलते हैं?
मैं कभी कभार क्रिकेट खेल लेता था।
क्रिकेट की बात आने पर चर्चा का रुख बदलता है। जब सवाल करते हैं कि आप भी चार साल से क्रिज पर जमे हुए हैं। कैसा रहा यह चार साल का सफर...
सीएम बताते हैं कि चार साल का सफर राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा। परेशानियां आईं। कई तरह के संकट आए। सबका सामना किया। सबसे बड़ा संकट कोरोना का था। इसने दो साल का समय कम कर दिया। इस कारण कामकाज प्रभावित हुआ। विकास की जो रफ्तार होनी थी, वह धीमी हो गई।
दो साल की जब बात शुरू हुई, तब चर्चा ढाई साल की भी आती है। सीएम क्या यह मानते हैं कि ढाई साल की चर्चाओं के कारण काम प्रभावित हुआ। सरकार का जो आउटपुट होना था, वह नहीं हुआ? यह सवाल सुनकर सीएम कहते हैं, ढाई साल जैसी चर्चा के कारण काम प्रभावित नहीं हुआ है। अब यह तो राजनीति में चलते रहता है। जो सत्ता में रहेंगे उन्हें हटाने की कोशिश होगी। परेशान करने की कोशिश होगी। उससे सरकार के कामकाज या आउटपुट में फर्क नहीं पड़ा।
चार साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इन चार सालों में आप कौन सी उपलब्धियां मानते हैं। चार साल में चार उपलब्धियां... यह सुनकर सीएम के चेहरे में चमक आ जाती है, जैसे वे अपना रिपोर्ट कार्ड बता रहे हों, सीएम उत्साह से कहते हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों की आय में वृद्धि हुई। चाहे वह मजदूर हों, किसान हों, महिला हों या आदिवासी हों। सरकार ने सबकी आय में वृद्धि करने का काम किया है। यह पहला लक्ष्य था और सफल भी हुए हैं।
दूसरी?
दूसरी शिक्षा, तीसरी स्वास्थ्य और चौथी उपलब्धि संस्कृति है। छत्तीसगढ़ी अस्मिता के लिए काम कर रहे हैं।
क्या इन्हें सफल मानते हैं, पूछने पर सीएम कहते हैं, सारे काम ऑनगोइंग हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना का काम चल रहा है। यह सफल है। गोधन न्याय योजना ऑनगोइंग है। लघु वनोपज संग्रहण ऑनगोइंग है। हाट बाजार योजना सफल है। स्वामी आत्मानंद स्कूल हर साल बढ़ते ही जा रहा है। उसी प्रकार से राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत निर्माण कार्य चल ही रहा है। गोकुल, देवगुड़ी का निर्माण चल ही रहा है। ये सफल कार्यक्रम हैं।
राज्यपाल अच्छीं पर एकात्म परिसर...
आरक्षण के मुद्दे पर सीएम बोले, लगातार उनका (राज्यपाल अनुसुइया उइके) रुख बदलता रहा। पहले तो यह कहा कि जिस दिन बिल आएगा, उसी दिन हस्ताक्षर करुंगी। उसके बाद कहा कि मैं सोची थी आदिवासी के लिए बिल आएगा। उसके बाद 10 बिंदू आ गया। एकात्म परिसर में बैठकर बिंदू लिखे जा रहे हैं, उसी को भेजा जा रहा है। राज्यपाल व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छी हैं, लेकिन ये जो हो रहा है, वह सिर्फ राजनीति हो रही है।
राज्यपाल को यह अधिकार है कि वह असीमित समय तक बिल को रोककर रख सकती हैं। राज्यपाल राष्ट्रपति के पास भेज सकती हैं। राज्यपाल लौटा भी सकती हैं। तीनों ऑप्शन है। चौथा वाला अधिकार क्षेत्र में नहीं है। अभी जो 10 बिंदू भेजे हैं, वह अधिकार क्षेत्र के बाहर है। यही बोल रहा हूं कि यह एकात्म परिसर से आया है।
विधेयक की मंजूरी में देरी बिल्कुल गलत है। इसे नहीं रोकना चाहिए। युवाओं के भविष्य के साथ इस प्रकार खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
अब कोई नया जिला नहीं बनेगा
छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनाने के संबंध में अब सीएम का कहना है कि अब जिला नहीं बनेगा, क्योंकि स्टैब्लिशमेंट के लिए समय नहीं बचा है। जिला बना देने से ही काम नहीं चलता। सारे कार्यालय खोलने पड़ते हैं। पद स्वीकृत करना पड़ता है। सारी चीजें हैं। हम केवल चुनाव के हिसाब से राजनीति नहीं करते, बल्कि जो भौगोलिक व सामाजिक व्यवस्था और लोगों की सुविधा को देखकर काम करते हैं।
धान का समर्थन मूल्य...
धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि को लेकर सीएम का कहना है, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में प्रति एकड़ 9000 रुपए दे रहे हैं। समर्थन मूल्य बढ़ेगा तो रेट भी बढ़ जाएगा। पिछले समय 2540 पड़ा था। इस समय 2640 है। अगले साल समर्थन मूल्य में डेढ़ सौ रुपए की वृद्धि हो गई तो 2800 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास हो जाएगा।
नई उद्योग नीति का प्रभाव...
सीएम ने बताया, कांग्रेस सरकार नई उद्योग नीति लेकर आई। इससे नए उद्योग आए। भाजपा की सरकार में कितने उद्योग आए और हमारी सरकार में कितने उद्योग आए और कितने लोगों को रोजगार मिला, आप देख लें।
अपराध हुए पर अपराधी पकड़े गए...
राज्य में अपराधिक घटनाओं में वृद्धि पर सीएम ने कहा, अपराध हुए हैं। कोई इंकार नहीं कर सकता। आरोपी पकड़े भी गए हैं। पिछली सरकार में अपराधी पकड़े भी नहीं जाते थे। बैंक डकैती हो गई, कोई पकड़ा नहीं जाता था। जेल ब्रेक हो गया कोई पकड़ा नहीं गया। यह स्थिति थी। आज वह स्थिति नहीं है।
छत्तीसगढ़ के प्रति प्रेम ही ऊर्जा
सीएम की ऊर्जा का क्या राज है, जो सुबह से देर रात तक जुटे हुए हैं। भेंट मुलाकात में होते हैं, फिर रायपुर में कार्यक्रम में शामिल होते हैं, फिर दिल्ली-शिमला में...
छत्तीसगढ़ और पार्टी के प्रति प्रेम है। यहीं से काम करने की ऊर्जा मिलती है।