Chhattisgarh: शहरी क्षेत्रों में बनेंगे अर्बन रूरल इंडस्ट्रियल पार्क
Chhattisgarh: गांवों में साकार हो रही महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना
Chhattisgarh रायपुर 20 फरवरी 2023। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की तरह शहरी क्षेत्रों में भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 'अर्बन रूरल इंडस्ट्रियल पार्क' की स्थापना की जाएगी। राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में युवाओं को स्वयं के छोटे-छोटे उद्योग प्रारंभ करने के लिए विकसित भू-खंड, बिजली, पानी सहित अन्य जरूरी अधोसंरचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। छत्तीसगढ़ में गौठनों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने की परिकल्पना अब धीरे-धीरे पहले ही आकार लेने लगी है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरुप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गांवों में छोटे-छोटे कुटीर उद्योग स्थापित कर लोगों को रोजगार और आमदनी के साधन से जोड़ा जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि गांव को समृद्ध, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए जरूरी है, कि गांव के लोगों को छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के माध्यम से गांव में ही रोजगार और आय के अवसर उपलब्ध कराए जाएं. छत्तीसगढ़ के गांव उत्पादन का केंद्र बने और व्यापार जैसी गतिविधियों का संचालन शहरों से हो. कृषि और उद्यानिकी फसलों के साथ-साथ लघु वनोपजों के संग्रहण के साथ-साथ की वैल्यू एडिशन का काम भी गांव में हो. कच्चे माल की उपलब्धता के अनुसार इंडस्ट्रियल पार्क की होगी स्थापनासीएम भूपेश बघेल ने हालही में सीएम हाउस में आयोजित एक बैठक में अधिकारियों को बोले कि हर विकासखण्ड में चार-चार रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जाए, इसमें स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता का ध्यान रखा जाए. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोण्डागांव जिले में जहां महुआ, इमली, तिखुर के साथ विभिन्न लघु वनोपजें होती है, वहां इनके प्रसंस्करण की इकाईयां स्थापित की जाएं. इसी तरह कोरबा से सरगुजा तक के गौठानों में वनौषधियों के प्रसंस्करण के लिए, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बस्तर में कोसे का काम होता है, यहां कोसे के कपड़े तैयार करने की इकाईयां स्थापित की जाएं.ट्रेनिंग हॉल की भी होगी व्यवस्थारूरल इंडस्ट्रियल पार्कों में काम करने वाली महिलाओं और ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनिंग हॉल की व्यवस्था करने का भी सीएम भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है. सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्कां में बिजली, पानी और वर्किंग स्पेस विकसित करें.रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में तैयार किए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ उनकी मार्केटिंग की भी पुख्ता व्यवस्था की जाए और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मांग के अनुसार उत्पाद तैयार किए जाने चाहिए, ताकि उत्पादों की खपत आसानी से हो सके.
कांकेर जिले के कुलगांव बना गांधी ग्राम
छत्तीसगढ़ के ऐसे पहले रूरल इंडस्ट्रियल पार्क ने कांकेर जिले के कुलगांव में आकार ले लिया है, जिसे गांधी ग्राम का नाम दिया गया है, वहां गौठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने का काम जिला प्रशासन कांकेर ने महिला स्वसहायता समूह के साथ बखूबी कर दिखाया है. यहां छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के लिए जरुरी अधोसंरचना विकसित की गई है और ग्रामीणों को जोड़कर उत्पादन का काम भी प्रारंभ हो चुका है. इस पार्क में 13 से अधिक आजीविका संबंधी गतिविधियां संचालित की जा रही है. जिसमें महिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. कुलगांव में वन विभाग ने ग्रामीणों के लिए लघु वनोपजों के वैल्यू एडिशन पर आधारित आवासीय प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान कुलगांव गांधीग्राम में छत्तीसगढ़ के प्रथम रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का लोकार्पण किया. कुलगांव परिसर में कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से मछली आहार बनाने की इकाई, मशरूम उत्पादन, स्पान उत्पादन की इकाइयां स्थापित की गई है. इसके अलावा यहां मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन और वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है. ये सभी कार्य स्थानीय स्व सहायता समूह के लोगों के द्वारा किए जा रहे हैं. वन विभाग ने इंदिरा वन मितान समूह कुलगांव को गांधीग्राम ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए चक्रीय निधि से 50 लाख रुपए का लोन दिया था. इस रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की संकल्पना और यहां आर्थिक गतिविधियों के सफल संचालन को देखते हुए समूह के लोन को माफ करने की घोषणा की. गांधी ग्राम के इस गौठान में बनाए गए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के लिए अधोसंरचना भी विकसित की गई है. इनमें इंटरलॉकिंग, सीसी रोड, डारमेट्री, रेसीडेंसियल रूम, किचन हॉल, महिला स्व-सहायता समूह के कार्यशाला के लिए शेड का निर्माण, चबूतरा निर्माण, प्रशिक्षण कक्ष का निर्माण किया गया है. भूमिगत सिंचाई पाइप लाइन भी बिछाई गई है, अलंकृत उद्यान तैयार किया जा रहा है.
8 क्विंटल मछली आहार का निर्माण
मुर्गी पालन और अंडा उत्पादन का काम आधुनिक तरीके से किया जा रहा है. यहां महिला समूह द्वारा लेयर फार्मिंग व अंडा उत्पादन हो रहा है. अभी यहां उत्पादन प्रारंभिक स्थिति में है, इसकी खपत भी आंगनबाड़ियों में हो जा रही है. इससे शीतला समूह को 50 हजार रुपए की आमदनी हुई है. यहां मछली आहार तैयार करने की इकाई में प्रतिदिन लगभग 8 क्विंटल आहार का निर्माण किया जा रहा है. पूजा समूह की महिलाएं इस इकाई का संचालन कर रही हैं. अब तक 18 क्विंटल आहार के विक्रय से 60 हजार की आमदनी समूह को हुई है. पूजा स्वसहायता समूह द्वारा यहां रागी आटा तैयार किया जा रहा है. इसे पूरक पोषण आहार के जरिए बच्चों को खिलाया जा रहा है.
मशरूम और स्पान उत्पादन
एकीकृत राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन अंतर्गत मशरूम उत्पादन एवं स्पान उत्पादन इकाई का निर्माण किया गया है, जिसका क्रियान्वयन लक्ष्मी स्व सहायता समूह कुलगांव द्वारा किया जा रहा है समूह द्वारा अब तक 40 किग्रा. मशरूम उत्पादन कर स्थानीय ब्रिकी कर 8000 रुपए की आमदनी प्राप्त की गई है.
दाल मिल एवं मसाला उद्योग
कृषि विभाग द्वारा दाल मिल एवं मसाला उद्योग स्थापित किया गया है. जिसका संचालन जय सरस्वती महिला समूह के सदस्यों द्वारा की जा रही है. अब तक मूंग दाल 80 किलो, उड़द 70 किलो तैयार कर 15 हजार में विक्रय किया गया है. मसाला उद्योग में हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर तैयार कर 7500 किलोग्राम मसलों का विक्रय किया गया है. इसी प्रकार मिनी राइस मिल में 2600 रुपये का धान कुटाई किया गया है.
युवाओं को मिलेगा रोजगार: भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की तरह शहरी क्षेत्रों में भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अर्बन रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जाएगी। राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में युवाओं को स्वयं के छोटे-छोटे उद्योग प्रारंभ करने के लिए विकसित भू-खंड, बिजली, पानी सहित अन्य जरूरी अधोसंरचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका एवं रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन इंडस्ट्रियल पार्क में निजी उद्यमियों को उद्यम लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में स्थानीय आवश्यकता और बाजार की संभावनाओं के आधार पर विभिन्न् प्रकार के उद्यम स्थापित किए जाएंगे। ग्रामीण उद्योग स्थापित करने के लिए इच्छुक हितग्राहियों को सरकार की योजनाओं के तहत ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
मुंगेली के छह गौठान बन रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क
मुंगेली विकासखंड अंतर्गत लिम्हा और संबलपुर के गौठान, लोरमी विकासखंड अंतर्गत चंदली व सांवतपुर के गौठान और पथरिया विकासखंड अंतर्गत सिलतरा व धरदेई के गौठान को महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने के लिए चयन किया गया है। इन गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना होने से ग्रामीण परिवारों को आजीविका के नए अवसर मिलेंगे। स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलने से उन्हें आय का अतिरिक्त साधन मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका एवं रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन इंडस्ट्रियल पार्क में निजी उद्यमियों को उद्यम लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में स्थानीय आवश्यकता और बाजार की संभावनाओं के आधार पर विभिन्न् प्रकार के उद्यम स्थापित किए जाएंगे। ग्रामीण उद्योग स्थापित करने के लिए इच्छुक हितग्राहियों को सरकार की योजनाओं के तहत ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। मुंगेली जिले के छह गौठानों को महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे जिले को लाभ होगा विकास होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय रायपुर से राज्य के प्रत्येक विकासखंड के दो-दो गौठानों में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया था। इसमें मुंगेली जिले के प्रत्येक विकासखंड के दो-दो गौठान भी शामिल है। इस अवसर पर जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में जिला पंचायत अध्यक्ष लेखनी चंद्राकर, नपा अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी, आत्मासिंह क्षत्रिय, अंबालिका साहू, अपर कलेक्टर तीर्थराज अग्रवाल, जिला पंचायत मुंगेली के सीईओ डीएस राजपूत, संयुक्त कलेक्टर नवीन भगत, एसडीएम मुंगेली अमित कुमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारी और स्व सहायता समूह के सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय शिलान्यास कार्यक्रम में जुड़े रहे।