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Durg District: दुर्ग जिले को जानिए: दुर्ग जिले का इतिहास और सामान्य परिचय...

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Durg District: दुर्ग जिले को जानिए: दुर्ग जिले का इतिहास और सामान्य परिचय...
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By NPG News

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Durg District: भिलाई स्टील प्लांट दुर्ग जिले का शान है तो समृद्ध सांस्कृतिक विरासत इसकी पहचान। यह सुप्रसिद्ध पंडवानी गायिका तीजन बाई और छत्तीसगढ़ में लोककला के उद्धारक रामचंद्र देशमुख का जन्म स्थान है तो छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन्म भी यहीं हुआ। यहां 35 से अधिक प्रकार की जनजातियां रहती हैं जो अपने अनूठे संस्कारों, परंपराओं, नृत्य, गीत आदि से छत्तीसगढ़ को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाती हैं। शिवनाथ नदी के पूर्व में स्थित दुर्ग छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास का आईना है। दुर्ग जिले से संबंधित विस्तृत विवरण आपको इस लेख में मिलेगा।

दुर्ग जिले का इतिहास

दुर्ग जिला प्राचीन महाकौशल का भाग था। यहां जैन , बौद्ध, गुप्त वंश, हैह्य वंश आदि अनेक राजवंशों ने शासन किया। अंग्रेजी आधिपत्य के दिनों में साल 1906 से पहले दुर्ग रायपुर जिले की एक तहसील हुआ करता था। 1 जनवरी, 1906 को दुर्ग जिले का गठन रायपुर और बिलासपुर जिलों के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर किया गया। 26 जनवरी, 1973 को जिला दुर्ग को विभाजित किया गया और राजनंदगांव जिला अस्तित्व में आया। 6 जुलाई, 1998 को जिला राजनंदगांव भी विभाजित किया गया और नया कबीरधाम जिला अस्तित्व में आया। 1 जनवरी 2012 को इसे फिर विभाजित किया गया और दो नए जिले बेमेतरा और बालोद अस्तित्व में आए।

प्रशासनिक जानकारी

दुर्ग जिले का क्षेत्रफल 2718.62 वर्ग किमी है। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 17,21,948 है। इसमें अनुसूचित जनजाति के 101188 और अनुसूचित जाति के 245587 लोग शामिल हैं। जिले में 6 तहसील, 3 ब्लाॅक और 389 गांव हैं। जिले का मुख्यालय दुर्ग है।

कृषि

दुर्ग के ज़्यादातर हिस्सा मैदानी भाग में आता है। यहाँ सबसे ज्यादा पैदावार धान की होती है। इसके अलावा गेहूं, सोयाबीन, चना, अरहर, अलसी और सब्जी-भाजी की भी अच्छी खेती होती है। जिले के विभिन्न हिस्सों में गेंदे, रजनीगंधा आदि फूलों की भी अच्छी पैदावार होती है।


उद्योग

भिलाई स्टील प्लांट प्रदेश का एकमात्र स्टील कारखाना है। प्रदेश का पहला सीमेंट कारखाना 'एसोसिएट सीमेंट कंपनी ' भी जामुल, दुर्ग में है। यहाँ राइस मिलों के अलावा धान की भूसी से तेल निकालने (राइस ब्रान ) के अनेक संयंत्र स्थापित हैं। इमारती लकड़ियों को आरा मिल में चीरने के कारखाने, कुम्हारी क्षेत्र में धर्म सी मोरारजी केमिकल फैक्ट्री स्थापित है। निजी क्षेत्र का सिगरेट कारखाना, सोयाबीन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट, ब्रास और बेल मेटल कास्टिंग, गारमेंट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट, मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, पाटन में गुलाल यूनिट, एनीमल फूड यूनिट,बारदाना निर्माण इकाई आदि दुर्ग के प्रमुख उद्योग हैं।

जिले में उच्च गुणवत्ता वाले चूना पत्थर का समृद्ध भंडार है। चूना पत्थर का उत्खनन मुख्‍यत: नंदिनी, सेमरिया, खुदंनी, पिथौरा, अहिवारा आदि इलाकों में होता है और स्टील, सीमेंट फैक्ट्री आदि में उसका उपयोग होता है।

दुर्ग जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल

नागपुरा में श्री उवासग्गहरम पार्श्व तीर्थ

नगपुरा का जैन मंदिर श्री पार्श्वनाथ जी को समर्पित है। पार्श्वनाथ जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर थे। जैन पुराणों के अनुसार तीर्थंकर बनने के लिए पार्श्वनाथ को पूरे नौ जन्म लेने पड़े थे। पूर्व जन्म के संचित पुण्यों और दसवें जन्म के तप के फलत: ही वे तेईसवें तीर्थंकर बने।


संगमरमर से निर्मित नगपुरा के जैन मंदिर को अद्भुत नक्काशी से सजाया गया है। इसका द्वार 30 फीट ऊंचा है। यह मंदिर ज्ञान, आत्मनिरीक्षण, अच्छे आचरण और तपस्या की शिक्षा देता है जो प्रायश्चित के लिए बहुत आवश्यक हैं। परिसर में मंदिर के साथ-साथ गेस्ट हाउस, बगीचा और एक प्राकृतिक चिकित्सा व योग केंद्र शामिल हैं। दर्शन और चिकित्सा लाभ के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।


भिलाई स्टील प्लांट

भिलाई स्टील प्लांट से दुर्ग को देश-दुनिया में पहचान मिली है। देश के सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात कारखाने के तौर पर इसे दस बार प्रधानमंत्री ट्रॉफी से नवाज़ा जा चुका है। रेल की पटरियों और भारी इस्पात प्लेटों के अलावा यह कारखाना वायर रॉड तथा मर्चेन्ट उत्पाद जैसे सामान भी तैयार करता है। यह प्लांट सेना के अनेक महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक स्टील प्लेट भी उपलब्ध कराता है। पर्यटक संयंत्र का भ्रमण कर और टैक्नोलाॅजी देखकर बहुत उत्साहित होते हैं।


मैत्री बाग

भिलाई स्थित मैत्री बाग भारत और रूस की मित्रता का प्रतीक है। 1972 में स्थापित इस बागीचे का रखरखाव भिलाई स्टील प्लांट करता है।यहाँ लोगों के आकर्षण के लिए एक विशाल चिड़ियाघर है जिसमें सफेद बाघ के अलावा बहुत से देशी-विदेशी जानवर, पक्षी आदि हैं। चिड़ियाघर के अलावा यहां एक बेहद सुंदर कृत्रिम झील है जिसमें पर्यटक बोटिंग का मज़ा ले सकते हैं। झील के बीच एक द्वीप पर म्यूज़िकल फाउंटेन है। नए-पुराने गानों की धुन पर नाचते फव्वारे लोगों का मन मोह लेते हैं। बच्चों के लिए 'मैत्री एक्सप्रेस' नाम की एक टाॅय ट्रेन भी है। इसके अलावा एक ऊंची मीनार है जिसे प्रगति मीनार कहा जाता है। इसपर से आप मैत्री बाग के विहंगम दर्शन के अलावा स्टील प्लांट की झलक भी देख सकते हैं। हरियाली से परिपूर्ण मैत्री बाग छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख आकर्षण है।


धमधा फोर्ट

दुर्ग का धमधा फोर्ट भी अपनी अनोखी सुरक्षा व्यवस्था के कारण कौतूहल का विषय है। गोंड राजाओं के इस किले के चारों तरफ पूरे 126 तालाबों का घेरा हुआ करता था। इनके कारण धमधा को "छह कोरी, छह आगर तरिया" यानी 126 तालाबों वाला गांव कहा जाता रहा। इन तालाबों ने गोंड राजाओं के इस किले को अभेद्य बनाया था। दुश्मन के लिए इस किले पर आक्रमण करना आसान नहीं था। इतने प्राचीन समय में भी इन 126 तालाबों को लबालब रखने की इतनी उम्दा व्यवस्था की गई थी जो आज भी हैरान करती है। अब इनमें से कोई 25 तालाब ही शेष रहे हैं। बाकी व्यवसाय आदि के उद्देश्य से पट चुके हैं।


तांदुला बांध

दुर्ग से लगभग 70 किमी दूर सुंदर तांदुला बांध 1921 में तंदुला और सूखा नाला नदियों के संगम पर बनाया गया था। चारों ओर फैली हरियाली और जलराशि के सामिप्य में पर्यटक एक यादगार पिकनिक का मजा लेते हैं। इनके अलावा शिव मंदिर, गंगा मैया मंदिर,बालाजी मंदिर भिलाई, शिर्डी साईं बाबा मंदिर, चतुर्भुजी मंदिर तितुरघाट, दुर्गबूढ़ेश्वर शिव मंदिर तथा चतुर्मुखी मंदिर, तरीघाट ऐतिहासिक धरोहर आदि भी दर्शनीय हैं।


दुर्ग जिले के शैक्षणिक संस्थान

दुर्ग में तीन विश्वविद्यालय हैं -

1.हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी

2. स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय

3 .कामधेनु विश्वविद्यालय

इसके अलावा प्रमुख काॅलेज निम्न हैं -

शासकीय पॉलीटेक्‍निक काॅलेज

शासकीय दानवीर तुलाराम महाविद्यालय

शासकीय डॉ. वामन वासुदेव पाटणकर कन्‍या स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय

डॉ. खूबचंद बघेल शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय

चन्दूलाल चंद्राकर शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय

इंदिरा गांधी शासकीय कला और वाणिज्‍य महाविद्यालय

स्कूल

जिले के प्रमुख स्कूल ये हैं -

गवर्नमेंट हायर सेकंडरी स्कूल

गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल

विश्वदीप सीनियर सेकंडरी स्कूल

वामन राव लाखे स्कूल

गवर्नमेंट आदर्श गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल

महर्षि विद्या मंदिर

विद्यापीठ स्कूल

केंद्रीय विद्यालय

दुर्ग पब्लिक स्कूल

दिल्ली पब्लिक स्कूल

कृष्णा पब्लिक स्कूल

सेंट जेविएर्स हाई स्कूल आदि

अस्पताल

जिला अस्पताल दुर्ग, जिले का प्रमुख सरकारी अस्पताल है। भिलाई के सेक्टर हाॅस्पिटल के अलावा अनेक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। निजी क्षेत्र के अनेक अस्पताल हैं जैसे श्री बालाजी हॉस्पिटल, स्टील सिटी मेडिकल सेंटर, मेरी हॉस्पिटल, मंगलम हॉस्पिटल, आरोग्य हॉस्पिटल, सहयोग हॉस्पिटल, माँ चण्डिका हॉस्पिटल आदि।

कैसे पहुँचे

प्लेन से

दुर्ग जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा रायपुर का विवेकानंद हवाई अड्डा है जो करीब 54 किलोमीटर दूर है।

रेल द्वारा

दुर्ग रेलवे स्टेशन मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे लाइन पर स्थित है। जो जिले को देश भर से जोड़ता है।

सड़क मार्ग द्वारा

राष्ट्रीय राजमार्ग - 6 जिले से होकर गुजरता है। अन्तर राज्यीय सड़कों से भी दुर्ग भली प्रकार जुड़ा हुआ है।

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