छत्तीसगढ़ में विकास की नई लकीरः एक साल के भीतर विष्णु देव साय सरकार के कई फैसले नजीर बने
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं। इस एक साल में सरकार ने कई जनकल्याणकारी फैसले किए। सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग सरकार की पहली प्राथमिकता बना।

रायपुर। दिसंबर महीने की 13 तारीख को छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार के एक साल पूरे हो गए। इस दौरान सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। सभी की सहभागिता और विश्वास के साथ विकास के लिए सरकार का पिछला एक साल समर्पित रहा। बीते 12 महीनों में छत्तीसगढ़ प्रदेश ने विकास के नये आयाम स्थापित किए हैं। विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के अपने संकल्प को पूरा करने की दिशा में विष्णु देव साय की सरकार सफलता के साथ लगातार आगे बढ़ रही है। इस दौरान सरकार ने प्रदेश के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम किया और उपलब्धियां हासिल की। सरकार की प्राथमिकता में वे लोग रहे जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं।
शराब में बिचौलियों को बाहर करना उनका एक बोल्ड फैसला था। किसी सरकार की उपलब्ध्यिं के लिए एक साल का टाईम बहुत लंबा नहीं होता। फिर भी विष्णुदेव साय सरकार ने साल भर में कुछ अहम फैसले किए हैं। एफएल-10 समाप्त कर शराब खरीदी में बिचौलियों को बाहर किया। इससे पहले बड़ी कंपनियों की बजाए कंपनी बनाकर बिचौलियों के जरिये शराब खरीदी जाती थी। इसमें मल्टीनेशनल कंपनियों को इसलिए मौका नहीं दिया जाता था कि वे कमीशन नहीं देती। इससे राज्य के खजाने को कम-से-कम हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू बढ़ेगा। साथ ही शराब में माफियाओं की इंट्री बंद हो जाएगी। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना, जहां आदिवासियों को वन अधिकार पट्टा देने के साथ ही उनका नामंतरण, बटांकन की व्यवस्था की गई है। यह योजना देश के लिए रोल मॉडल बनेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसके ड्राफ्ट को बुलवाया है, ताकि अन्य राज्यों में इसे लागू किया जा सके। गुजरात के बाद छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य बन गया, जहां विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से अपना-अपना विजन डॉक्यूमेंट बनाने की इच्छा व्यक्त की थी। इसमें छत्तीसगढ़ सबसे आगे निकल गया। मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार जैसे बडे़ राज्य अभी इसकी तैयारी चल रही है। धान मीलिंग में गड़बड़ी की वजह से मार्कफेड के पूर्व एमडी से लेकर कई अधिकारी, दलाल और राईस मिलर जेल में है। ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इसको देखते सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मीलिंग चार्ज को 120 रुपए से घटाकर 60 रुपए कर दिया है। बता दें, ईडी ने कोर्ट को बताया था कि मीलिंग चार्ज का आधा हिस्सा सरकार में बैठे बड़े लोगों की जेब में घूमफिर कर चला जाता है। सरकार ने धान के माफियाओं को कंट्रोल करने के लिए प्रदेश की तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी ऋचा शर्मा को एसीएस फूड बनाया। उनके साथ एक एक्सट्रा आईएएस तैनात करते हुए अंबलगन पी को सचिव बनाया है। रजिस्ट्री सिस्टम में व्यापक सुधार करते हुए एनजीडीआरएस लागू किया। सुगम ऐप से संपत्ति के रजिस्ट्री में बढ़ी पारदर्शिता। सुगम ऐप से मोबाइल से अपने आप जमीन का अक्षांश और देशांश निकल जा रहा। इससे पंजीयन दलालों का रैकेट परेशान है। संपत्ति की चौहदी और उसके स्ट्रक्चर को लेकर दलालों द्वारा तगड़ी वसूली की जाती था। सरकार फेसलेस और घर बैठे रजिस्ट्री सुविधा प्रारंभ करने पर भी काम कर रही है। विष्णुदेव साय सरकार ने नया सुशासन विभाग का गठन किया। इससे सारे विभागों की मानिटरिंग करने के लिए एक नया विभाग अस्तित्व में आ गया है। इसका मकसद यह है कि किस तरह से काम किया जाए, जिससे अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
विष्णुदेव सरकार ने मंत्रालय में ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर दिया है। धीरे-धीरे अब फाइलें कंप्यूटराइज्ड हो जाएंगी। कंप्यूटर से ही फाइले मूव होंगी। सीएम सचिवालय इसकी मानिटरिंग करेगा। ई-आफिस पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद अब फाइलें कहीं पेंडिंग नहीं रह पाएगी। सीएम सचिवालय के बोर्ड में शो होते रहेगा कि कौन सी फाइल कहां पर रुकी हुई है।8. प्रतियोगी परीक्षाओं की भर्तीप्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शित के लिए विष्णुदेव सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। सरकार बनते ही सबसे पहले पीएससी स्कैम को सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की गई। इसमें पीएससी के पूर्व चेयरमैन समेत कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इसके साथ ही पारदर्शिता के लिए सरकार ने पुलिस भर्ती का काम भी पीएससी को दे दिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विष्णुदेव सरकार ने एसीबी को मजबूत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से बात कर दिल्ली से तेज-तर्रार आईपीएस अमरेश मिश्रा को डेपुटेशन से वापस बुलाया। अमरेश को ईओडब्लू और एसीबी चीफ बनाया गया। इसका असर दिखा भी। अमरेश ने अप्रैल में ज्वाईन किया। इसके बाद नौ महीने में 40 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी रिश्वत लेते हुए ट्रेप होकर सलाखों के पीछे जा चुके हैं।
इनमें दो एसडीएम, दो ज्वाइंट डायरेक्टर, टीआई, एसआई से लेकर कई अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावे दो दर्जन से अधिक आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी ने छापेमारी भी की है। छत्तीसगढ़ में प्रायमरी एजुकेशन अभी तक उपेक्षित था। मगर विष्णुदेव सरकार ने सुधार के कदम उठाते हुए कई बड़े फैसले किए हैं। इनमें पांचवीं और आठवीं की परीक्षा भी शामिल है। शिक्षकों का भी मूल्यांकन किया जा रहा है। राइट टू एजुकेशन का लाभ दिलाने के लिए प्रायवेट स्कूलों की मानिटरिंग करने के लिए बकायदा एक समिति बना दी गई है। कलेक्टरों को स्कूलों का मुआयना करने कहा जा रहा है। पहली बार सरकारी स्कूलों में प्रायवेट की तरह टीचर-पैरेंट्स मीट आयोजित किए जा रहे हैं। वैसे तो हर पांच साल में एक बार उद्योग नीति बनती है। मगर इस बार की उद्योग नीति कई मायनों में अलग है। इसमें सेक्टर तय कर दिया गया है कि किस जगह पर किस उद्योग को क्या सहूलियतें दी जाएगी। राज्य बनने के बाद पहली बार पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। इससे छत्तीसगढ़ के पर्यटन में तेजी से ग्रोथ होगा। प्रायवेट होटल और मोटल बनने में तेजी आएगी। आदिवासी इलाकों के गांवों के विकास के लिए सरकार ने नियद नेल्लार योजना शुरू की है। हल्बी में नियद नेल्लार को अच्छा गांव कहा जाता है। नक्सल प्रभावित इलाकों के गांवों के लिए सर्वांगीण विकास के लिए सरकार यह योजना लाई है। सरकारी मशीनरी टॉप प्रायरिटी से इस पर काम कर रही है।
साय सरकार के 24 बड़े फैसले
1. महतारी वंदन योजना- 70 लाख माताओं और बहनों को प्रतिमाह एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता।
2. रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 नगरीय निकायों में सर्वसुविधायुक्त हाईटेक लाइब्रेरी का निर्माण।
3. 68 लाख गरीब परिवारों को 5 साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय।
4. नक्सल ऑपरेशन में सफलता- 213 से अधिक माओवादी ढेर।
5. तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 4000 रूपए से बढ़ाकर 5500 रूपए प्रति मानक बोरा तथा बोनस का भुगतान।
6. सीजी पीएससी में पारदर्शिता- सीजीपीएससी घोटाले की सीबीआई जांच, दोषियों पर कड़ी कार्यवाही।
7. नई औद्योगिक नीति- सिंगल विंडो सिस्टम 2.0।
8. नियद नेल्ला नार- सुरक्षा कैम्पों के 5 किमी की परिधि में स्थिति गांवों में, 17 विभागों के 53 कल्याणकारी योजनाओं और 28 सामुदायिक सुविधाओं के तहत मूलभूत सुविधाओं का विकास।
9. नवा रायपुर में आईटी हब बनाने की प्रक्रिया शुरू, कंपनियों से हुआ एमओयू।
10. भ्रष्टाचार जीरो टॉलरेंस नीति- सुशासन एवं अभिसरण विभाग, ई-ऑफिस, सुगम एप, अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, सीएमओ पोर्टल, स्वागतम एप, बस संगवारी एप की शुरुआत।
11. श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना- 20 हजार श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम और काशी धाम की निःशुल्क यात्रा।
12. लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन बहाल, 5 साल के एरियर्स का भुगतान, पेंशन राशि में बढ़ोत्तरी, राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि।
13. कृषक उन्नति योजना- 21 क्विंटल प्रति एकड़ और 3100 रूपए में धान की खरीदी, दो साल के बकाया धान बोनस का भुगतान।
14. राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू-18 स्थानीय भाषा में पढ़ाई शुरू हुई।
15. गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाईगर रिजर्व का गठन, देश का तीसरा सबसे बड़ा टाईगर रिजर्व।
16. हवाई सेवाओं का विस्तार- अम्बिकापुर से हवाई सेवाओं का प्रारंभ, जगदलपुर-बिलासपुर-रायपुर में हवाई सेवाओं और सुविधाओं का विस्तार।
17. राजिम कुंभ (कल्प) का पुनः आयोजन प्रारंभ।
18. बस्तर पर्यटन कॉरिडोर का निर्माण, धुड़मारास, इको टूरिज्म और नेचरोपेथी को बढ़ावा।
19. प्रधानमंत्री आवास योजना- 18 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति।
20. एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में, चिकित्सों और पैरामेडिकल स्टॉफ की भर्ती।
21. डेढ़ हजार से अधिक माओवादी आत्मसमर्पित या जेल, आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए 15 हजार प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति।
22. खनिजों का ऑनलाईन ट्रांजिट पास, जेम पोर्टल से शासकीय खरीदी/सेवा, लकड़ियों का ई-ऑक्शन।
23. पीएम श्री स्कूल, एआई रोबोटिक एवं कौशल विकास की पढ़ाई, न्योता भोज, पैरेंट-टीचर मीटिंग, 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा।
24. शासकीय सेवाओं में भर्ती के लिए आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट, ट्रायबल यूथ हॉस्टल दिल्ली में सीटों की वृद्धि, 9 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू।