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छत्तीसगढ़ में सेहत-समृद्धि का संगम मिलेट

राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही

छत्तीसगढ़ में सेहत-समृद्धि का संगम मिलेट
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By NPG News

रायपुर 19 फरवरी 2023। मिलेट्स छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय के दैनिक आहार का पारंपरिक रूप से अहम हिस्सा रहे हैं। आज भी बस्तर में रागी का माड़िया पेज बचे चाव से पिया जाता है। छत्तीसगढ़ के वनांचलों में मिलेट्स की खेती भी भरपूर होती है। लेकिन कई पीढ़ियों से भारतीय खान-पान का अहम हिस्सा रहे मिलेट्स कब थाली से गायब हो गए पता ही नहीं चला। मिलेट्स की पौष्टिकता और उसके फायदों को देखते हुए फिर से उसका महत्व लोगों तक पहुंचाने की कोशिश सरकारों द्वारा की जा रही है। इसे देखते हुए मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर मिलेट मिशन चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया, अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एंव रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर उपार्जन किया जा रहा है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है। छत्तीसगढ़ में शुरू हुए मिलेट मिशन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में मिलेट यानी कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार इत्यादि की खेती के साथ-साथ मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण दूर करना है। प्रदेश में आंगनबाड़ी और मिड-डे मील में भी मिलेट्स को शामिल किया गया है। स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील में मिलेट्स से बनने वाले व्यंजन परोसे जा रहे है। इनमें मिलेट्स से बनी कुकीज, लड्डू और सोया चिक्की जैसे व्यंजनों को शामिल किया गया है। आज दाल, चांवल, सब्जियों के साथ-साथ मिलेट्स को भी खाने में शामिल करना जरूरी है, ताकि हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पूरा पोषण मिल सके। मिलेट्स में मिनरल, विटामिन, एंजाइम और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। मिलेट्स में मैक्रो और माइक्रो जैसे बेहतरीन पोषक तत्व भी हैं। बीटा-कैरोटीन, नाइयासिन, विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जैसे पोषक तत्वों की प्रचुरता मिलेट्स को सुपरफूड बनाते है।


मध्यान्ह भोजन में शामिल हुआ मिलेट्स

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स को शामिल करने के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में सोया चिक्की के स्थान पर सप्ताह में चार दिन स्कूली बच्चों को मिलेट्स से निर्मित खाद्य पदार्थ वितरित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा केन्द्र सरकार को इस योजना को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स से बने खाद्य सामग्री वितरित किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार के डायरेक्टर पीएम पोषण द्वारा मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की वार्षिक कार्ययोजना में केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में बच्चों को पूरक पोषण आहार के अंतर्गत 55 दिनों के लिए सोया चिक्की प्रदान करने के लिए केन्द्रांश के रूप में 1787.20 लाख रूपए और राज्यांश के रूप में 1198.14 लाख रूपए इस प्रकार कुल 2995.34 लाख रूपए की मंजूरी दी गई थी।

मोबाइल मिलेट कैफे और मिलेट ऑन व्हील्स

रायगढ़ जिले के खरसिया में प्रदेश के पहले मोबाईल मिलेट कैफे 'मिलेट ऑन व्हील्स का शुभारंभ भी किया है। मोबाइल कैफे का संचालन करने वाली महिला समूह ने महज 8 महीनों में कैफे की मासिक आमदनी 3 लाख रूपये को पार कर गयी है। इस चलते फिरते मिलेट कैफे में रागी का चीला, डोसा, मिलेट्स पराठा, इडली, मिलेट्स मंचूरियन, पिज्जा, कोदो की बिरयानी और कुकीज जैसे लजीज व्यंजन परोसे जा रहे हैं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों, फूड ब्लॉगर्स और युवाओं की यह पहली पसंद बन गए हैं।


10 जिलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है, जो कि एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है। अब तक राज्य के 10 जिलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं। गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं। आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी हो चुका है। छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है। सीएसआईडीसी ने मिलेट आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ चुंनिदा ब्लॉक में भूमि, संयंत्र एवं उपकरण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की योजना पेश की है।

राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड

छत्तीसगढ़ में मिलेट्स की खेती के लिए राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है। मिलेट मिशन के चलते राज्य में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को लेकर किसानों का रूझान बहुत तेजी से बढ़ा है। पहले औने-पौने दाम में बिकने वाला मिलेट्स अब छत्तीसगढ़ राज्य में अच्छे दामों में बिकने लगा है। बीते एक सालों में प्रमाणित बीज उत्पादक किसानों की संख्या में लगभग 5 गुना और इससे होने वाली आय में चार गुना की वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी की खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मिलेट उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी दिया जा रहा है। इस किसानों को भी 9000 रूपए प्रति एकड़ की मान से आदान सहायता दी जा रही है।


मिलेट कार्निवाल में 7 राज्यों के स्टॉल

रायपुर के मिलेट कार्निवाल में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के 7 राज्यों के स्टार्टअप द्वारा मिलेट उत्पादों की बिक्री सह प्रदर्शनी लगाई गई। स्टार्टअप द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में मिलेट से तैयार केक, कुकीस, सूप, लड्डू सहित विभिन्न उत्पाद रखे गए। इन उत्पादों के संबंध में आम लोगों द्वारा उत्साह से जानकारी ली गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्निवाल में स्टार्टअप द्वारा लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही लाईव फूड कांउटर का शुभारंभ भी किया। इस काउन्टर में स्व सहायता समूह के महिलाओं के द्वारा मिलेट के भजिए, पकौड़े, कटलेट आदि तैयार किए गए, जिसका सभी अतिथियों ने आनंद लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री को महिलाओं ने मिलेट से तैयार किए गए आकर्षक डॉल भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इसकी सराहना करते हुए उत्साहवर्धन किया।

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