
रायपुर। छत्तीसगढ़ में MBBS, पीजी एवं सुपरस्पेशलिटी डॉक्टरों की गंभीर समस्याओं को लेकर डॉ हीरा सिंह लोधी ; डॉ गंधर्व पांडे; डॉ पीयूष श्रीवास्तव; डॉ शिवम पांडे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया है।
मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं
1. बॉन्ड पोस्टिंग में विशेषज्ञता के अनुरूप पदस्थापना:
पीजी डॉक्टर्स को PHC/CHC में पोस्टिंग देने के बजाय जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में प्राथमिकता दी जाए, जिससे उनकी विशेषज्ञता का समुचित उपयोग हो सके।
2. बॉन्ड की संपत्ति गिरवी रखने की बाध्यता हटे:
डॉक्टर्स से 25-50 लाख की संपत्ति गिरवी रखने की शर्त को समाप्त करने की मांग की गई है, जिससे मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि के डॉक्टर्स को उच्च शिक्षा से वंचित न होना पड़े।
3. लंबित बॉन्ड पोस्टिंग शीघ्र शुरू की जाए:
जनवरी 2025 में पीजी परीक्षा पास कर चुके डॉक्टर्स अभी तक बॉन्ड पोस्टिंग के इंतजार में खाली बैठे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और व्यावसायिक विकास दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
4. बॉन्ड की अवधि में संशोधन:
मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी MBBS एवं PG के बाद क्रमशः 1-1 वर्ष का बॉन्ड किए जाने की मांग की गई है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कुल 4 वर्षों का बॉन्ड डॉक्टरों पर अनावश्यक बोझ डाल रहा है।
5. सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के लिए कैडर का निर्माण:
प्रदेश में सुपरस्पेशलिटी कैडर का गठन किया जाए और MCH रेसिडेंट्स के स्टाइपेंड तथा नियमित सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टरों के वेतन में वृद्धि की जाए, ताकि योग्य डॉक्टर राज्य की सेवा में रुचि लें और जन स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ हो।
CGDF (Chhattisgarh Government Doctors Federation ) ने विधानसभा अध्यक्ष से इन सभी विषयों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर त्वरित कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। यह मुद्दे राज्य के स्वास्थ्य ढांचे की रीढ़ को मजबूत करने हेतु अत्यंत आवश्यक है