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Charre-marre waterfall, kanker Chhattisgarh : छुट्टियाँ शुरू हो गई हैं,बेहतरीन समय है, देख आइए कांकेर का ताज 'चर्रे-मर्रे झरना'...

Charre-marre waterfall, kanker Chhattisgarh : छुट्टियाँ शुरू हो गई हैं,बेहतरीन समय है, देख आइए कांकेर का ताज चर्रे-मर्रे झरना...
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By NPG News

दिव्या सिंह

Charre-marre waterfall, kanker Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ बेहद सुंदर झरनों का घर है। इन्हीं में से एक है कांकेर जिले का चर्रे-मर्रे झरना। कांकेर जिले का ताज कहे जाने वाले इस झरने का सौंदर्य बाकी झरनों से काफी अलग है। इसमें एक सरलता है, अजब-सी सौम्यता है। यहाँ पानी की बूंदें यूं लगती हैं जैसे किसी वाद्य यंत्र की धुन पर मध्यम गति से नृत्य कर रही हों। जोगीमारा नदी पर बनने वाला ये झरना बहुत ऊंचाई से नहीं गिरता, इसलिए भय भी पैदा नहीं करता। बल्कि यूं लगता है जैसे एक मासूम लेकिन शैतान सा बच्चा है जो कभी यहां दौड़ता है कभी वहां और आखिर में खूब दूर दौड़ने के बाद कोटरी नदी की गोद में विश्राम पाता है। इसलिए वाॅच टाॅवर से इस झरने का फैलाव भी खूब नज़र आता है। आइए थोड़ा विस्तार से जानते हैं इस खूबसूरत झरने के बारे में।

यहाँ है चर्रे मर्रे झरना

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में जिला मुख्यालय कांकेर से 85 किलोमीटर दूर है चर्रे मर्रे झरना। अंतागढ़ ब्लाक से इसकी दूरी 17 किलोमीटर है। अंतागढ़-आमाबेड़ा मार्ग पर पिंजारिन घाटी में यह जलप्रपात स्थित है। इस झरने की ऊँचाई करीब 16 मीटर है।झरने के निकट पहुंचने के लिए आपको करीब 400 सीढ़ियों से नीचे उतरना होगा। वहां से आप देखेंगे कि वृहद प्रस्तर खंडों पर से होकर गुजरता पानी कभी पोधों के ऊपर से गुजरता है तो कभी मानो सीढ़ी उतरने लगता है। यहाँ पानी एकदम साफ नजर आता है और ऐसा लगता है जैसे पानी के कंचे बना रहा हो।

गति के बीच ठहराव को महसूस करिए यहां

जैसे कि हमने बताया कि ये झरना इतना ऊंचा नहीं है कि घबराहट पैदा करे, इसलिए आप इसके आसपास इधर-उधर बिखरे बड़े-बड़े पत्थरों पर आराम से परिवार के साथ बैठ सकते हैं। नीचे ताल के बेहद ठंडे पानी में पैर डालकर पानी के छींटे उड़ा-उड़ाकर मज़े कर सकते हैं। नहा भी सकते हैं और ताज़गी को भीतर तक महसूस कर सकते हैं। रोज़ की व्यस्त दिनचर्या के बीच ऐसा ठहराव मन को बहुत सुकून देगा।

ये है जाने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो आप चर्रे-मर्रे जलप्रपात को देखने साल भर में कभी भी जा सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा लोग सितंबर से लेकर मई तक यहां जाना पसंद करते हैं। बारिश के दिनों में यहां पहुंचना और मज़े लेना दोनों ही थोड़ा खतरनाक हो जाता है।

कहां ठहरें

आप कांकेर में पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में ठहर सकते हैं। या फिर कांकेर पैलेस हैरिटेज होटल में भी ठहर सकते हैं। यहाँ केपी काॅटेजेस भी हैं। इसके अलावा बजट के अनुसार विभिन्न प्राइवेट होटलों में से भी किसी का चयन कर सकते हैं।

चर्रे- मर्रे झरने के पास देखने योग्य जगहें-

गड़िया पर्वत

गड़िया पर्वत यहां का एक रोमांचक पर्यटन स्थल है । कहते हैं कि कंदरा वंश के राजा धर्म देव ने पर्वत के ऊपर मैदान में किले का निर्माण करवाया। जहां राजा सपरिवार रहते थे। राजा ने ही यहां पर तालाब का निर्माण कराया था। अपनी बेटियों सोनई और रुपई का नाम उन्होंने तालाब को दिया। बताया जाता है कि यह तालाब कभी नहीं सूखता और साल भर पानी से भरा रहता है।इस तालाब की खासियत यह भी है कि सुबह और शाम के वक्त इसका आधा पानी सोने और आधा चांदी की तरह चमकता है।

छुरी पगार गुफा

सोनई-रूपई तालाब के दक्षिणी भाग में 'छुरी पगार' नाम की एक गुफा है। इस गुफा का प्रवेश द्वार बहुत ही संकरा है। लेकिन अंदर जाने पर सैंकड़ो लोग इसमें बैठ सकते हैं। किसी भी हमले के दौरान राजा, उनका परिवार और अन्य करीबी लोग इस गुफा में सुरक्षित रहते थे।

मलाजकुडुम झरना

जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर एक छोटा सा पहाड़ है।इस पर्वत पर नील गोंडी नाम का एक स्थान है जहाँ से दूध नदी निकलती है।इसी नदी पर मलाजकुडुम जलप्रपात स्थित है।इस जलप्रपात का ढाल सीढ़ी के समान है। जिसपर पानी का बहाव बहुत ही आकर्षक लगता है।

माँ शिवानी मंदिर

यह कांकेर जिले के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। बताया जाता है कि माँ शिवानी, माँ काली और माँ दुर्गा का अर्द्ध अवतार हैं।यह दुर्लभ देवी प्रतिमा कोलकाता के अलावा केवल यहां कांकेर में ही मिल सकती है।नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भीड़ देखने लायक होती है।

कांकेर पैलेस

आप कांकेर जाएं तो कांकेर पैलेस देख सकते हैं। महल के कई भाग अब हैरिटेज होटल के रूप में परिवर्तित कर दिए गए हैं। यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। लेकिन ध्यान रहे, भीतर से देखने के लिए पैलेस सिर्फ दशहरे के दिन खुलता है।

कैसे पहुँचे चर्रे-मर्रे झरना

प्लेन से

राजधानी रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा है। यहाँ से आप कांकेर के लिए कैब कर सकते हैं।

ट्रेन से

रायपुर रेलवे स्टेशन निकटवर्ती प्रमुख स्टेशन है। वहीं भानुप्रतापपुर रेलवे स्टेशन जिला मुख्यालय कांकेर से करीब 45 किमी की दूरी पर स्थित है ।

बाय रोड

कांकेर रायपुर से 140 किलोमीटर दूर और जगदलपुर से 160 किलोमीटर दूर है। कांकेर बस स्टैंड से आप टैक्सी वगैरह ले सकते हैं।

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