रायपुर. महिलाएं हर क्षेत्र में खुद को साबित कर रही हैं. बागवानी में भी उनके काम को सराहा जा रहा है. उनकी इसी खासियत को देखते हुए एग्जिस्टेंस ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संवाद का आयोजन किया. इसमें राज्य की 30 महिला किसानों को शामिल किया गया. कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय कंपनी जीवाग्रो के सीईओ परमानंद पांडे समेत अन्य सदस्य जुड़े थे. पश्चिम अफ्रीका घाना स्टेट से 2019 की मिस एग्रीकल्चर मार्गरेट एफरिए और टोरंटो कनाडा से डॉ. अश्विनी फलनीकर, पोस्ट डॉक्टरेल फेलो एससीएएन हैल्थ ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
इन गांवों की महिला किसान ने साझा किए अनुभव
गोइंदा, निसदा, चौबेबांधा, रावण, लिमतरा, नारधा, गोपालपुर और कांपा से 30 महिला बागवानी किसानों ने अपने अनुभव साझा किए. गोइन्दा की वेणु ने कहा, आमतौर पर मेल फार्मर को ट्रेनिंग दी जाती रही है लेकिन एग्जिस्टेंस और जीवाग्रो ने पहली बार फीमेल फॉर्मर के लिए सोचा. हमें बहुत सी जानकारियां मिली. इतना ही नहीं हमें एक वाट्सएप ग्रुप से भी जोड़ा गया है, जिसमें फसल संबंधित समस्या का समाधान फौरन मिल जाएगा. लिमतरा से आई किरण वर्मा ने कहा, कीटनाशक के छिड़काव के समय सावधानी, उपयोग और रखरखाव का तरीका बताया गया.
आईजीकेवी के चार स्टूडेंट भी शामिल
एग्जिस्टेंस की फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. बिजियाश्री सतपथी ने बताया, हमने जीवाग्रो के साथ मिलकर आरंग, महासमुंद, गरियाबंद और दुर्ग जिले के आठ गांवों की लगभग 350 महिलाओं को तीन सत्र स्वास्थ्य सुरक्षा और उत्पाद प्रबंधन, अद्यतन फसल की जानकारी और उद्यमिता विकास और वित्तीय स्वतंत्रता पर जानकारी दी. इस प्रोजेक्ट में आईजीकेवी के चार स्टूडेंट ऊषा पटेल, शशिकला लाकरा, ज्ञानेश्वर जायसवाल और गुलशन पांडे शामिल थे. कृषि संबंधित ज्ञान और तकनीकी सहायता के लिए आईजीकेवी का सहयोग रहा.