भरोसे के बजट से उद्योग एवं व्यापार जगत में बंधी उम्मीदें, व्यापारियों ने कहा बिजनेस बढ़ाने वाला साबित होगा बजट
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पेश भरोसे के बजट की वजह से उद्योग एवं व्यापार जगत को भी काफी भरोसा बंधा है। उद्योग व व्यापार जगत से जुड़े लोग मान रहे हैं कि इस बजट से उद्योग व व्यवसाय में विकास होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ ही जीडीपी बढ़ेगी जिससे प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी होगी। आइए हम जानते हैं कि उद्योग एवं व्यापार जगत से जुड़े लोगों का भरोसे के बजट पर कितना भरोसा कायम होता है।
बिलासपुर मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील सोंथालिया का कहना है कि किसी भी किस्म का नया कर राज्य में नहीं लगाया गया है जिससे उद्योग एवं व्यवसाय जगत को काफी राहत मिली है। नए टैक्स के रूप में जो राशि देनी पड़ती उसे उद्योग एवं व्यवसाय बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इससे व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को भी काफी राहत है।
ट्रांसपोर्ट कारोबारी व ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके सुनील चौहान का कहना है कि पेट्रोल डीजल की कीमतों पर राज्य द्वारा लगाए जाने वाले कर की दर नहीं बढ़ाई गई है। जिससे ट्रांसपोर्टिंग का चार्ज नहीं बढ़ेगा। पेट्रोल-डीजल पर कर की दर बढ़ने से पेट्रोल डीजल की कीमतों पर उछाल होता है। इसका सीधा सा असर जनता की जेब पर पड़ता है। पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से सामानों की कीमत पर भी असर पड़ता है और महंगाई बढ़ती है। टैक्स की दरें ना बढ़ाकर व्यापारियों के साथ ही आम आदमियों को भी राहत प्रदान की गई है।
ठेकेदार नरेश शुक्ला का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए पांच सौ करोड़ रुपये और आवास योजना के लिए 3238 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा भी कई अन्य सड़क व निर्माण कार्यों के लिए बजट जारी किया गया है। जिसके चलते निर्माण उद्योग में उछाल आने और रोजगार की अपार संभावनाओं के रास्ते खुल गए हैं।
छत्तीसगढ़ लघु उद्योग एवं व्यापार संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया व उद्योगपति सुनील मारदा का कहना है कि 36 आईटीआई के लिए 101 करोड़ बजट का प्रावधान किया गया है। इससे युवाओं के कौशल में उन्नयन होगा व उद्योगों को ट्रेंड स्टाफ मिलेगा। इससे प्रदेश की युवाओं के हाथों में रोजगार बढ़ेंगे।
मेडिकल व्यवसायी दिनेश कक्कड़ का कहना है कि राज्य सरकार ने 4 मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। मेडिकल कॉलेज खुलने से प्रदेश के युवाओं को प्रदेश में ही चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध होगी। साथ ही मेडिकल सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी। इसका लाभ मेडिकल व्यवसाय को भी होगा। दिनेश कक्कड़ का मानना है कि गीदम जैसे सुदूर बिहड़ क्षेत्र में मेडिकल कालेज खुलने से आसपास के लोगों को हाई लेवल की चिकित्सा सुविधाएं वही उपलब्ध हो जाएंगी और उन्हें रायपुर बिलासपुर जैसे शहरों की दौड़ भी नहीं लगानी पड़ेगी। साथ ही उस क्षेत्र के मेडिकल व्यवसाइयों को भी इसका फायदा मिलेगा।
ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े अयोध्या पांडे कहते हैं कि पिछले 2 वर्षों में गोबर खरीदी के एवज में सरकार ने लगभग 138 करोड रुपए का भुगतान किया था। पर इस बार एक ही साल में ही गोबर खरीदी के लिए 175 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। जिससे गौ पालकों को प्रोत्साहन मिलेगा व गौ पालन के अलावा बुजुर्ग हो चुकी गायों को भी संरक्षण मिलेगा और उन्हें कसाई खाने जाने से बचाया जा सकेगा। गोबर बेचने की कमाई से ग्रामीणों व पशु पालकों की भी आमदनी बढ़ेगी जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था तो मजबूत होगी ही साथ ही बाजार में भी धन का प्रवाह होगा।
होटल व्यवसायी संदीप ठाकरे व देवेश पांडेय का मानना है कि राजधानी रायपुर में विश्व स्तरीय बैडमिंटन अकादमी खोलने से व कवर्धा में नया जंगल सफारी बनाने से होटल इंडस्ट्रीज को बूम मिलेगी। प्रदेश का कैपिटल होने के नाते राजधानी में वैसे तो कई जगह से लोगों का आना जाना लगा रहता है पर अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम खुलने से दुनिया भर के खिलाड़ी यहां आएंगे। इसी तरह कवर्धा में जंगल सफारी बनने से पर्यटक वहां भी जाएंगे जिससे होटल व्यवसाय को फायदा मिलेगा।
महर्षि ट्रेडर्स के संचालक व बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर ऋषि चौहान का मानना है कि सरकार ने आवास योजना, सड़क योजना, कालेजों के निर्माण, स्कूलों के निर्माण व आईटीआई के निर्माण के लिए काफी बजट दिया है। जिससे निर्माण सामग्रियों की मांग बढ़ेगी व बिक्री में भी जमकर इजाफा होगा जो बिल्डिंग मटेरियल सप्लायरों के लिए खुशी की बात है।
सर्राफा कारोबारी राहुल सोनी व विवेक तिवारी का मानना है कि कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ाने, गन्ना का बोनस देने, अनियमित कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि से व गोधन न्याय योजना जैसी सामाजिक योजनाओं व राजीव गांधी किसान सम्मान निधि योजना से सरकार घर घर में पैसा पहुंचा रही है। यह पैसा मार्केट में आएगा और व्यापार जगत फायदे में रहेगा।
सीएसईबी में ठेकेदारी करने वाले एएसके फर्म के संचालक खिलेंद्र सिंह कहते हैं कि विद्युत व्यवस्था मजबूत करने हेतु राज्य सरकार ने काफी बजट दिया है। बिजली वितरण कंपनियों के लिए 508 करोड रुपए सौर सुजला योजना के लिए 600 करोड़ व 5 एचपी कृषि पंपों के लिए 2900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जिससे हमारे पास काम भी भरपूर है और हम से जुड़े लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। हम कमाई पर टैक्स पटा कर देश के विकास में योगदान भी कर रहे हैं। कृषि क्षेत्रों में 5 एचपी पंप देने से सिंचाई व्यवस्था सुदृढ़ होगी और इसका सीधा लाभ खेती को मिलेगा जिससे किसान भी समृद्ध बनेंगे।