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अघोरेश्वर भगवान राम की जयंती पर बाबा संभव राम का आशीर्वचन... धन-संपत्ति लूटने के साथ ही मुगलों और अंग्रेजों ने हमारे विचारों पर भी की चोट

अघोरेश्वर भगवान राम की जयंती पर बाबा संभव राम का आशीर्वचन... धन-संपत्ति लूटने के साथ ही मुगलों और अंग्रेजों ने हमारे विचारों पर भी की चोट
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By NPG News

पड़ाव आश्रम (वाराणसी)। मुगलों और अंग्रेजों ने हमारे देश से न केवल संपत्ति और धन की लूट की बल्कि हमारे विचारों और संस्कारों पर भी कुठाराघात कर समाज को दूषित कर दिया। आज समाज में व्याप्त विसंगतियां उसी की देन हैं। इसी दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए महाराजश्री कीनाराम बाबा और अघोरेश्वर महाप्रभु समय-समय पर अवतरित हुए। ये बातें श्री सर्वेश्वरी समूह के अध्यक्ष पूज्यपाद औघड़ गुरुपद संभव राम जी ने कहीं। वे शनिवार को अघोरेश्वर महाप्रभु की 86वीं जयंती पर आयोजित गोष्ठी में शिष्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजाद होने के बाद भी हमें लूटा जा रहा है। हम सभी यह अनुभव करते हैं कि ऊपर से लेकर नीचे तक बिना कुछ लेन-देन के कोई काम नहीं होता। इसका कारण यह है कि हम सभी लोभी हो गए हैं और उस लोभ की वजह से ही हमारे अन्न, जल व पर्यावरण की भी बलि चढ़ रही है। इन सभी चीजों में मिलावट के चलते परिवार में बच्चे से लेकर बड़े तक को बीमारी घेरे है। बाबा ने कहा कि पहले से ही हमारा देश सुसंस्कृत और संस्कारयुक्त रहा है। हजारों वर्ष पहले सूर्य-चन्द्रमा तक के दूरी की गणना हमारे ऋषी-मुनियों ने कर ली थी जिसे बाद में बाहरी लोग चुरा ले गए और उनकी खोज को अपना नाम दे दिया। इसी तरह कुष्ठ का इलाज हजारों वर्ष पहले चरक और सूश्रूत द्वारा सफलतापूर्वक कर दिया गया था मगर कुछ सौ वर्ष पहले इसे एक विदेशी के नाम से हेंसन डिजीज नाम दे दिया गया। जबकि हमारा यह देश संत-महात्माओं, औघड़-अघोरेश्वर का देश रहा है और उनके विचारों को आत्मसात करने से ही हमारा उद्धार होगा। बाबा ने कहा कि लोकतंत्र अच्छा है मगर आज हम इसमें बहुत सी कमियाँ देख रहे हैं। हमारे देश में ऐसे-ऐसे कानून बन गए हैं जो आपस में ही संघर्ष करा रहे हैं। अत्यधिक महत्वाकांक्षा अहंकार को जन्म देती है। अंत में पूज्य बाबा ने कहा कि संत-महात्मा पथ बताते हैं मगर चलना तो हमें ही पड़ेगा।

आयोजित गोष्ठी में अघोर शोध संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश के एमएलसी बृजेश सिंह 'प्रिन्सू', गोरखपुर जीआरपी एसपी डॉ. अवधेश सिंह, दलबहादुर सिंह, डॉ. कमला मिश्र, राकेश सिंह, अरविन्द सिंह, शशि गुप्ता आदि ने अपने विचार रखे।

मनाई गई अघोरेश्वर महाप्रभु की 86वीं जयंती

दर्शन-पूजन के साथ अघोरेश्वर महाप्रभु की 86वीं जयंती संस्था के अध्यक्ष पूज्यपाद औघड़ गुरुपद संभव राम जी के सान्निध्य में मनाई गई। शनिवार को पड़ाव स्थित अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम के पुनीत प्रांगण में प्रातःकाल 5:30 बजे प्रभातफेरी से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। श्रद्धालु बड़ी संख्या में अघोरेश्वर महाप्रभु का जयकारा लगाते हुए अघोरेश्वर महाविभूति स्थल पहुंचे। वहाँ से कलश में गंगाजल लिया और पड़ाव आश्रम वापस आये। आगे भक्तों ने आश्रम परिसर में सफाई-श्रमदान किया। सुबह 8:00 बजे पूज्य गुरुपद बाबा जी ने अघोरेश्वर बाबा भगवान राम जी के चिरकालिक आसन का विधवत् पूजन संपन्न किया। पृथ्वीपाल जी ने सफलयोनि का पाठ किया। पाठ के उपरांत पूज्यपाद बाबा द्वारा मन्दिर परिसर में हवन किया। श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन कर अघोरेश्वर महाप्रभु से आशीर्वाद लिए और अन्नपूर्ण नगर में जाकर प्रसाद ग्रहण किया। मालूम हो कि पड़ाव आश्रम पर दो दिवसीय लोलार्क षष्ठी व अघोरेश्वर जयंती पर्व का आयोजन किया गया था। इससे पूर्व दो दिनों से चल रहे "अघोरान्ना परो मन्त्रः नास्ति तत्त्वं गुरो: परम्" के अखंड संकीर्तन का समापन अपराह्न 3:30 बजे पूज्य बाबा द्वारा पूजन के साथ किया गया।

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