DGP ने नौकरी छोड़ी : चर्चित डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरएस लिया….. चुनाव लड़ने की लग रही है अटकलें….अगले साल होने वाले थे रिटायर, पार्टी ज्वाइन करने पर कही ये बात…
पटना 23 सितंबर 2020। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरएस ले लिया है। वो फरवरी, 2021 में वे रिटायर होने वाले थे, लेकिन सेवानिवृत्ति से पांच महीने पूर्व ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी। अब डीजी होमगार्ड एसके सिंघल को डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी है। माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडेय आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इस बात कि अटकलें लग रही है कि जेडीयू उन्हें चुनाव में टिकट दे सकती है, लेकिन खुद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस बात का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि …
I have not joined any political party as of now and I have not taken any decision on it yet. As far as social work is concerned, I can do it without entering politics too: Gupteshwar Pandey
He recently took VRS from his services in Bihar Police as Director General of Police(DGP) pic.twitter.com/z23isehv12
— ANI (@ANI) September 23, 2020
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं। संयुक्त बिहार में कई जिलों के एसपी और रेंज डीआईजी के अलावा वे मुजफ्फरपुर के जोनल आईजी भी रहे हैं। एडीजी मुख्यालय और डीजी बीएमपी का भी उन्होंने पद संभाला था। केएस द्विवेदी के सेवानिवृत होने के बाद फरवरी, 2019 में बिहार के डीजीपी नियुक्त किए गए थे।
गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 22 सितंबर, 2020 के अपराह्न से उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है। उन्होंने मंगलवार को ही इसके लिए आवेदन दिया था। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए कम से कम तीन महीने पूर्व आवेदन किए जाने के नियम को शिथिल करते हुए राज्य सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया।
2009 में भी छोड़ी थी नौकरी
आईजी रहते गुप्तेश्वर पांडेय ने साल 2009 में वीआरएस ले लिया था। तब उनके बक्सर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। हालांकि बाद में वे किसी भी दल से चुनावी मैदान में नहीं उतरे और वीआरएस को भी वापस ले लिया था।
एसके सिंघल रहे हैं एडीजी मुख्यालय
गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने के बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और डीजी होमगार्ड एसके सिंघल को डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। डीजी में प्रोन्नत होने से पहले एसके सिंघल एडीजी मुख्यालय के पद पर लम्बे समय तक तैनात थे।
पांडेय के इस्तीफ़े और वीआरएस की ख़बर पिछले कई दिनों से चल रही थी. दो दिन पहले ही पांडेय ने अपने गृह ज़िले बक्सर का दौरा किया था. वे वहा के ज़िला जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष से मिले थे. हालांकि उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज़ में चुनाव और राजनीति में शामिल होने की खबरों को अफ़वाह बताया था. उन्होंने तो यहां तक कहा था कि संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति चुनाव कैसे लड़ सकता है.
इसके बाद उनके पटना आने के बाद उनकी मुलाक़ात कुछ और नेताओं से हुई. लेकिन जब उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन दे दिया तो इस बात की पुष्टि हो गई कि नीतीश कुमार से हरी झंडी मिलने के बाद अब वे राजनीति में पदार्पण ही नहीं कर रहे बल्कि जल्द ही चुनावी मैदान में कूदने वाले हैं. गुप्तेश्वर पांडेय के एनडीए के नेताओं से मधुर सम्बंध रहे हैं. सन 2009 के लोकसभा चुनाव से पूर्व भी उन्होंने वीआरएस लिया था लेकिन टिकट न मिलने पर वे नीतीश कुमार की कृपा से सर्विस में वापस आने में कामयाब हुए थे.