Begin typing your search above and press return to search.

डीईओ का बयान-शिक्षको का अपमान…. हराम का वेतन पर मचा बवाल, भड़के शिक्षक संगठन ने कहा- अधिकारी पद से हटे या मांगे माफी

डीईओ का बयान-शिक्षको का अपमान…. हराम का वेतन पर मचा बवाल, भड़के शिक्षक संगठन ने कहा- अधिकारी पद से हटे या मांगे माफी
X
By NPG News

रायपुर 14 अक्टूबर 2020. दरअसल आज बालोद डीईओ आर एल ठाकुर द्वारा बीईओ व एबीईओ शिक्षा विभाग के नाम से बने एक वाट्सएप ग्रुप में एक निर्देश डाला गया है. जिसमें उन्होंने सभी बीईओ को ध्यान देना व 400 से अधिक प्राथमिक, मिडिल स्कूलों में नेशनल स्कालरशिप पोर्टल में KYC नही करने पर नाराजगी जताते हुए विवादित व आपत्तिजनक तरीके से लिखा है कि-“हराम का वेतन पाने की प्रवृत्ति बढ़ गई है ” कल अंतिम तिथि है. उनके इस निर्देश को कुछ विकास खंड शिक्षा अधिकारियों ने ग्रुपों में पोस्ट भी कर दिया है! डीईओ के इस तेजी से वायरल हो रहे आपत्तिजनक टिप्पणी पर जिले, प्रदेश के शिक्षकों व टीचर्स एसोसिएशन ने गहरी आपत्ति व्यक्त की है. टीचर्स एसोसिएशन के जिला व सभी ब्लॉक इकाई ने इस बयान पर विरोध जताया है! वही इस खबर से अब विरोध का स्वर पूरे प्रांत स्तर पर पंहुच गया.

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी, हरेन्द्र सिंह, देवनाथ साहू, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढय, प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारिक ने डीईओ के इस बयान पर सख्त विरोध जताया है. पदाधिकारियों ने कहा कि शासकीय निर्देश का पालन कराने व नही करने पर कार्रवाई की जिम्मेदारी अधिकारियों की है. परंतु इस तरह गाली गलौज की भाषा का प्रयोग कर व दबाव पूर्वक कार्य कराने की तरीके से सख्त नाराजगी है. पदाधिकारियों ने कहा कि जारी निर्देश चाहे किसी संबंधित नीचे के अधिकारियों या किसी शिक्षकों के लिए हो,,भाषा आपत्तिजनक है.

इस पर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा शिक्षा जैसे पवित्र सेवा को हराम बताने वाले अधिकारी शिक्षक ही थे, अब पूरे कौम को गाली दे रहे है, यह शिक्षा विभाग में अफसरशाही, बदजुबानी व निरंकुशता का परिचायक है, यह अधिकारी शिक्षक व गुरु का सम्मान नही कर सकता,,एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग के उच्च प्रशासकों से ऐसे अधिकारी पर कार्यवाही की मांग करते हुए कहा है कि अधिकारी को पद से हटाएँ या अधिकारी सार्वजनिक रूप से माफी मांगे.

Next Story