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भूविस्थापित मजदूर के जहर सेवन के बाद आक्रोश, प्लांट प्रबन्धन और श्रम पदाधिकारी के खिलाफ FIR की मांग

भूविस्थापित मजदूर के जहर सेवन के बाद आक्रोश, प्लांट प्रबन्धन और श्रम पदाधिकारी के खिलाफ FIR की मांग
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By NPG News

जांजगीर चाम्पा 17 अगस्त 2020. विगत साल भर से जारी के एस के महानदी पावर कम्पनी के 20 भूविस्थापित मजदूरो का मुद्दा अब तेज हो गया है, कल जिला श्रम पदाधिकारी कार्यालय में पुलिस अधीक्षक जांजगीर चाम्पा पारुल माथुर की अध्यक्षता में बैठक हुई है जिसमे अपर कलेक्टर लीना कोसम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह, एसडीएम मेनका प्रधान, एसडीओपी जितेंद्र चंद्राकर कम्पनी प्रबन्धन की ओर से वेणुगोपाल, अजय अग्रवाल के ओझा राजू कुमार एवँ श्रमिक संघ एच एम एस से बलराम गोस्वामी शेरसिंह राय लोभन साहू की उपस्थिति में बैठक हुई जिसमें मजदूरो की बहाली सम्बन्धी मुद्दे पर नतीजा नही निकला और अधिकारी वापस चले गए जिसके बाद साल भर से बहाली के लिए जद्दोजहद करने वाले रामनाथ केवट नाम के बर्खास्त मजदूर की बर्दाश्त की सीमा उस समय ख़त्म हो गयी जब उसे यह पता चला कि आज भी बहाली नही हुई है फिर उसने अचानक आत्मघाती कदम उठाते हुए श्रम पदाधिकारी के कार्यालय में के के सिंह के सामने ही जहर सेवन कर लिया जिसके बाद वहाँ स्थिति अनियंत्रित हो रही थी, एम्बुलेंस के इंतजार में भी समय बर्बाद किया जा रहा था मजदूरो के हंगामे के बाद के के सिंह की निजी गाड़ी से जिला अस्पताल भिजवाया गया फिर रात में उसे अपोलो रिफर कर दिया गया, जिसके बाद जैसे ही यह बात मजदूरो को पता चला तो छ ग पावर मजदूर संघ (एच एम एस) के द्वारा कारखाना का काम बन्द करने का आह्वान आज किया गया था जिसके बाद मजदूरो ने जमकर नारेबाजी किया और प्लांट प्रबंधक वेणु गोपाल और श्रम पदाधिकारी के के सिंह के खिलाफ एफ आई आर कर गिरफ्तारी की मांग किया गया जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया बाद में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह एस डी एम मेनका प्रधान एस डी ओ पी जितेंद्र चंद्राकर पहुँच कर आश्वासन दे रहे थे तभी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य मंजू सिंह भी पहुँची और उनके उपस्थिति में प्रशासन के द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि कल शाम तक प्रबन्धन से चर्चा करके मजदूरो के पक्ष में फैसला लिए जाने के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त किया गया, संघ के बलराम गोस्वामी ने बताया कि हम मजदूर कानून व्यवस्था के खिलाफ नही है किंतु हमारे साथ लगातार नियम कानूनों को ताक में रख कर अन्याय किया जा रहा है जिसके वजह से हमारे बीच के मजदूर साथी रामनाथ केवट ने इस तरह का बड़ा कदम उठाया है जिसके जिम्मेदार कारखाना प्रबंधक है और जिला श्रम पदाधिकारी है, इसलिए हमारी मांग है कि दोषियों के ऊपर सख्त कार्यवाही हो जिसके उकसाने से यह घटना घटी है, प्रशासन के सभी निर्देशों का हम लगातार सम्मान कर रहे है किंतु अब भी परिणाम हमारे पक्ष में नही आया तो हमारे लिए सारे विकल्प खुले है हम किसी भी हद तक जाकर संघर्ष करेंगे, अगर जल्द ही सभी भुविस्थापित मजदूरो की बहाली नही होती है तो कुछ भी होता है तो सारी जवाबदारी प्रबन्धन एवं प्रशासन की होगी।

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