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क्या है CAA? इतना विवाद क्यों, किसे मिलेगा इसका फायदा... जानिए सब कुछ...

What is CAA?: 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए वहां के अल्पसंख्यकों को इस कानून के जरिए यहां भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी।

क्या है CAA? इतना विवाद क्यों, किसे मिलेगा इसका फायदा... जानिए सब कुछ...
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पीएम मोदी 

By Sandeep Kumar Kadukar

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा लागू किया जा चुका है। इसके लिए सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए पोर्टल भी तैयार है। इस पोर्टल पर नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार तीन मुल्कों के गैर-मुस्लिम (अल्पसंख्यकों) को भारत की नागरिकता देने के लिए कानून को लागू करने की तैयारी कर चुकी थी। एक तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि CAA धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को आसरा देने के लिए लाया गया है। तो दूसरी तरफ CAA के विरोध में कहा जा रहा है कि यह मुसलमानों को बेघर करने के मकसद से लाया गया कानून है। जब 2019 में इस कानून पर लोकसभा में बहस चल रही थी तब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया था कि कानून का इरादा मुसलमानों को बेघर करना है।सीएए को एनआरसी से जोड़कर देखे जाने पर समस्या खड़ी होती है, कहा जाता है अगर एक मुसलमान NRC के दौरान अपने नागरिकता से जुड़े दस्तावेज दिखाने में नाकामयाब होता है तो उसे मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। इसके जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने इंडिया टूडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि सीएए को एनआरसी से जोड़कर ना देखा जाए।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। सीएए के तहत इन देशों से आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान शामिल है। संसद के दोनों सदनों से सीएए 11 दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था। इसके एक दिन बाद राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी दे दी गई थी।

ध्यान दें, यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए वहां के अल्पसंख्यकों को इस कानून के जरिए यहां भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। ऐसी स्थिति में आवेदनकर्ता को साबित करना होगा कि वो कितने दिनों से भारत में रह रहे हैं। उन्हें नागरिकता कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा।

सीएए को काफी पहले ही लागू कर दिया जाता, लेकिन कोरोना की वजह से इसमें देरी हो गई। वहीं, इससे पहले केंद्रीय अमित शाह ने भी संकेत दे दिए थे कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू कर दिया जाएगा।

Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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