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Satyender Jain Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ी, 14 दिसंबर को सुनवाई

Satyender Jain Money Laundering Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्‍येंद्र जैन को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत की अवधि 14 दिसंबर तक बढ़ा दी।

Satyender Jain Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ी, 14 दिसंबर को सुनवाई
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By Ragib Asim

Satyender Jain Money Laundering Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्‍येंद्र जैन को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत की अवधि 14 दिसंबर तक बढ़ा दी।

यह मामला जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और एस.सी. शर्मा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने शुरुआत में जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि याचिका नियमित अदालत में आई है।

सिंघवी ने स्थगन का अनुरोध करते हुए कहा कि मामले की आंशिक सुनवाई न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने की है और उन्हें उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष इसका उल्लेख करना होगा।

शीर्ष अदालत ने कार्यवाही 14 दिसंबर तक स्थगित करने का फैसला किया और अंतरिम राहत बढ़ा दी। पिछली सुनवाई में जस्टिस त्रिवेदी की अगुवाई वाली पीठ ने टिप्पणी की थी कि उसे यह देखना होगा कि मेडिकल आधार पर जमानत देने वाला अंतरिम आदेश इतने लंबे समय तक जारी रह सकता है या नहीं।

जवाब में सिंघवी ने तर्क दिया था कि एक "तर्कसंगत" अंतरिम आदेश को एक अलग पीठ द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता, जब सीजेआई द्वारा अधिसूचित एक विशेष पीठ ने आंशिक रूप से मामले की विस्तार से सुनवाई की थी।

इस साल मई में शीर्ष अदालत ने शुरू में जैन को छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था, यह कहते हुए कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है, लेकिन साथ में मीडिया से बात करने और बिना अनुमति के दिल्ली छोड़ने पर प्रतिबंध सहित कई शर्तें लगा दी थीं।

आप नेता ने ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। अप्रैल में दिल्ली उच्च न्यायालय ने जैन की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि आवेदक एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

Ragib Asim

Ragib Asim पिछले 8 वर्षों से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। क्राइम, पॉलिटिक्स और मनोरंजन रिपोर्टिंग के साथ ही नेशनल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है।

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