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Raghav Chadha News: ‘बीजेपी EC पर चाहता है कब्जा’, AAP सांसद राघव चड्ढा ने CEC नियुक्ति बिल पर उठाया सवाल

Raghav Chadha News: मंगलवार को राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 के पारित होने से पहले हंगामाखेज सत्र के दौरान आप सांसद राघव चड्ढा ने इसका कड़ा विरोध किया और भाजपा पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके चुनाव आयोग को कब्‍जे में करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

Raghav Chadha News: ‘बीजेपी EC पर चाहता है कब्जा’, AAP सांसद राघव चड्ढा ने CEC नियुक्ति बिल पर उठाया सवाल
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By Manish Dubey

Raghav Chadha News: मंगलवार को राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 के पारित होने से पहले हंगामाखेज सत्र के दौरान आप सांसद राघव चड्ढा ने इसका कड़ा विरोध किया और भाजपा पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके चुनाव आयोग को कब्‍जे में करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

चड्ढा ने कहा, "यदि विधेयक पारित हो जाता है, तो मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पूरी तरह से केंद्र सरकार के नियंत्रण में हो जाएगी, जिससे उसे अपनी पसंद के उम्मीदवारों को चुनने का अधिकार मिल जाएगा।"

चड्ढा ने निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) काे विश्‍वसनीय बनाने और चुनाव संबंधी निर्णय लेने में चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर प्रस्तावित कानून के संभावित परिणामों पर प्रकाश डालते हुए चड्ढा ने कहा, "भाजपा इस विधेयक को पेश करके चुनाव आयोग को नियंत्रित करना चाहती है।"

उन्होंने तर्क दिया कि यह विधेयक न केवल सुप्रीम कोर्ट का, बल्कि भाजपा के संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी का भी अपमान करता है, जिन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त के लिए निष्पक्ष नियुक्ति प्रक्रिया की वकालत की थी।

चड्ढा ने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया और सरकार पर चुनाव आयोग को अपने नियंत्रण में कठपुतली बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि यह विधेयक साल की शुरुआत में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के सर्वसम्मत फैसले काे नकारता है, जिसने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ फैसला सुनाया था।

चड्ढा ने कहा, "प्रस्तावित विधेयक में चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश की जगह कैबिनेट मंत्री को शामिल करके सरकार संतुलन बिगाड़ रही है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह विधेयक उच्चतम न्यायालय के अधिकार को चुनौती देता है और संवैधानिक पीठ के फैसले को कमजोर करता है।

आप सांसद ने तर्क दिया कि विधेयक भारत के प्रधान न्यायाधीश का भी अपमान करता है, क्योंकि यह सीजेआई को चयन समिति से हटा देता है, जिससे प्रक्रिया में न्यायिक दृष्टिकोण नहीं रह जाएगा। चड्ढा ने अपने भाषण के अंत में विधेयक को "लोकतंत्र की दिनदहाड़े लूट" बताया और सरकार से इसे वापस लेने का आग्रह किया।

हालांकि, विपक्ष के बहिर्गमन के बावजूद मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 मंगलवार को राज्यसभा में पारित हो गया। विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यालय की अवधि और चुनाव आयोग द्वारा व्यापार के लेनदेन की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।विधेयक में चुनाव आयोग के सदस्यों का चयन करने के लिए प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री की एक समिति गठित करने का भी प्रस्ताव है।

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