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Raghav Chadha News: AAP सांसद राघव चड्ढा को कोर्ट से लगा बड़ा झटका, सरकारी बंगला खाली करने का दिया आदेश

Raghav Chadha News: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की सरकारी बंगले को लेकर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि चड्ढा बंगले पर कब्जे के अधिकार का दावा नहीं कर सकते

Raghav Chadha News: AAP सांसद राघव चड्ढा को कोर्ट से लगा बड़ा झटका, सरकारी बंगला खाली करने का दिया आदेश
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By S Mahmood

Raghav Chadha News: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की सरकारी बंगले को लेकर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि चड्ढा बंगले पर कब्जे के अधिकार का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि उन्हें बंगले में रहने का विशेषाधिकार दिया गया था। अब इस मामले में चड्ढा की टिप्पणी भी आई है। उन्होंने इसे परेशान करने की कोशिश बताई है। बता दें कि चड्ढा को पंडारा रोड पर टाइप-7 बंगला मिला हुआ है।

क्या है मामला?

चड्ढा को 6 जुलाई, 2022 को दिल्ली के पंडारा पार्क स्थित टाइप-6 बंगला दिया गया था। चड्ढा ने राज्यसभाे के अध्यक्ष से अपने लिए टाइप-7 बंगले की मांग की थी। इसके बाद उन्हें सितंबर, 2022 में पंडारा रोड पर टाइप-7 बंगला दिया गया। नवंबर, 2022 से चड्ढा यहां रह रहे हैं। हालांकि, इसी साल मार्च में राज्यसभा सचिवालय ने चड्ढा से टाइप-7 बंगला खाली करने को कहा। सचिवालय ने कहा कि उन्हें टाइप-6 बंगला ही आवंटित किया जा सकता है।

कोर्ट ने बंगला खाली करने पर लगी अंतरिम रोक हटा दी है और राज्यसभा सचिवालय के बंगला खाली करने के नोटिस को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा, "राघव चड्ढा का बंगला आवंटन 3 मार्च, 2023 को रद्द कर दिया गया था। वे ये दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद भी राज्यसभा सदस्य के तौर पर अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उन्हें सरकारी आवास पर रहने का अधिकार है। ये केवल उन्हें दिया गया विशेषाधिकार है।"

चड्ढा ने बंगला खाली करने के नोटिस के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट का रुख किया था। 18 अप्रैल को कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर कहा था कि चड्ढा को उनके सरकारी आवास से बेदखल नहीं किया जा सकता है। इसके बाद सचिवालय ने एक आवेदन दायर कर कोर्ट से अपील की थी कि वो उसका पक्ष सुने बिना आदेश पारित न करे। 6 अक्टूबर को कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को वापस ले लिया।

चड्ढा ने कहा, "राज्यसभा के इतिहास में ये पहला मौका है, जब एक मौजूदा सांसद को उसके विधिवत आवंटित आवास से हटाने की मांग की जा रही है। बिना किसी कारण के आवास रद्द करना यह संकेत देता है कि पूरी कार्रवाई मुझे परेशान करने के लिए की गई है। भाजपा मुखर सांसदों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मेरे कई पड़ोसी पहली बार सांसद बने, सभी को पात्रता से बढ़कर आवास आवंटित किया गया है।"

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