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PM Modi Cathedral Church Visit : PM मोदी आखिर दिल्ली के इसी चर्च क्यों पहुंचे? जानें 100 साल पुराने वायसराय चर्च का वो रहस्य जो बहुत कम लोग जानते हैं

PM Modi Cathedral Church Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के सबसे पुराने और भव्य चर्चों में से एक, कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन पहुंचे।

PM Modi Cathedral Church Visit : PM मोदी आखिर दिल्ली के इसी चर्च क्यों पहुंचे? जानें 100 साल पुराने वायसराय चर्च का वो रहस्य जो बहुत कम लोग जानते हैं
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PM Modi Cathedral Church Visit : PM मोदी आखिर दिल्ली के इसी चर्च क्यों पहुंचे? जानें 100 साल पुराने वायसराय चर्च का वो रहस्य जो बहुत कम लोग जानते हैं

By UMA

PM Modi Cathedral Church Visit : नई दिल्ली। आज पूरी दुनिया के साथ भारत में भी क्रिसमस का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के सबसे पुराने और भव्य चर्चों में से एक, कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन पहुंचे। पीएम मोदी ने यहाँ आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में भाग लिया, मोमबत्ती जलाई और देश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।

PM Modi Cathedral Church Visit : प्रधानमंत्री की इस यात्रा ने न केवल देश में आपसी भाईचारे का संदेश दिया है, बल्कि दिल्ली की इस ऐतिहासिक धरोहर को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है। आइए जानते हैं कि यह चर्च आखिर क्यों इतना खास है और इसका इतिहास क्या रहा है।

PM Modi Cathedral Church Visit : दिल्ली का सबसे बड़ा और भव्य चर्च

राष्ट्रपति भवन के बेहद करीब स्थित यह चर्च दिल्ली के सबसे बड़े और प्रमुख चर्चों में गिना जाता है। इसकी विशाल इमारत और ऊंचे गुंबद दूर से ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं। क्रिसमस के मौके पर यहाँ की सजावट देखते ही बनती है। चर्च के अंदर का शांत और पवित्र वातावरण श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक अलग ही शांति का अनुभव कराता है।

क्यों कहा जाता है इसे वायसराय चर्च?

इस चर्च का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है। इसका निर्माण कार्य साल 1927 में शुरू हुआ था और यह पूरी तरह से 1935 में बनकर तैयार हुआ। हालांकि, आम लोगों के लिए इसे 18 जनवरी 1931 को ही खोल दिया गया था।

अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन यहाँ नियमित रूप से प्रार्थना करने आया करते थे, इसी कारण इसे 'वायसराय चर्च' के नाम से भी जाना जाता है। उस समय के महत्वपूर्ण ब्रिटिश अधिकारी इसी चर्च में अपनी धार्मिक रस्में पूरी करते थे। आज भी चर्च के भीतर उस दौर की कई ऐतिहासिक यादें और पुरानी चीजें संजोकर रखी गई हैं।

वास्तुकला की खासियत

कैथेड्रल चर्च अपनी अद्भुत बनावट और यूरोपीय वास्तुकला शैली के लिए जाना जाता है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं: ठंडा वातावरण: चर्च की दीवारें और छत इस तरह बनाई गई हैं कि दिल्ली की भीषण गर्मी में भी इसके अंदर का तापमान काफी कम और ठंडा रहता है। रंगीन कांच की खिड़कियां: यहाँ लगी सुंदर रंगीन कांच की खिड़कियां इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। जब सूरज की रोशनी इन कांचों से होकर अंदर आती है, तो पूरा हॉल रंगीन रोशनी से भर जाता है। विशाल गुंबद: चर्च की विशाल संरचना और सुंदर नक्काशी इसे दिल्ली के अन्य ऐतिहासिक स्मारकों से अलग बनाती है।

देश को दिया शांति का संदेश

क्रिसमस के मौके पर पीएम मोदी का यहाँ पहुंचना केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि देश की 'विविधता में एकता' को प्रदर्शित करने वाला कदम है। उन्होंने वहाँ मौजूद ईसाई समुदाय के लोगों से मुलाकात की और सभी को क्रिसमस की बधाई दी। आज के समय में जब लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यस्त हैं, ऐसे में कैथेड्रल चर्च जैसा ऐतिहासिक और शांत स्थल हमें हमारे गौरवशाली अतीत और शांति की शिक्षा देता है।

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