Pakistani Spy Arrested: नौसेना मुख्यालय में सेंध! ISI की महिला एजेंट को गुप्त जानकारी दे रहा था क्लर्क, अब हुआ गिरफ्तार 'ऑपरेशन सिंदूर' में बड़ा खुलासा
Pakistani Spy Arrested: ISI को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में दिल्ली नौसेना मुख्यालय का क्लर्क विशाल यादव गिरफ्तार। महीनों की निगरानी के बाद राजस्थान पुलिस ने पकड़ा।

Pakistani Spy Arrested: देश की राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था उस वक्त सवालों के घेरे में आ गई जब नौसेना मुख्यालय में क्लर्क पद पर कार्यरत विशाल यादव को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। राजस्थान पुलिस की खुफिया शाखा ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। विशाल यादव पर आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संवेदनशील सैन्य अभियानों से जुड़ी गोपनीय जानकारी लीक कर रहा था।
कौन है आरोपी और कैसे हुआ खुलासा?
आरोपी की पहचान हरियाणा के रेवाड़ी जिले के पुनसिका गांव निवासी विशाल यादव के रूप में हुई है। वह नौसेना भवन के डायरेक्टोरेट ऑफ डॉकयार्ड विभाग में अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) के रूप में तैनात था। पुलिस महानिरीक्षक विष्णु कांत गुप्ता के अनुसार, कई महीनों की निगरानी के बाद 25 जून 2025 को उसे Official Secrets Act 1923 के तहत गिरफ्तार किया गया।
‘प्रिया शर्मा’ नाम की पाक हैंडलर से संपर्क
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि विशाल सोशल मीडिया के माध्यम से एक पाकिस्तानी महिला के संपर्क में था, जिसका कोड नाम ‘प्रिया शर्मा’ बताया गया है। प्रिया ने विशाल को पैसों का लालच देकर संवेदनशील दस्तावेज और जानकारियां हासिल कीं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि महिला उसे क्रिप्टोकरेंसी (USDT) और बैंक अकाउंट में पेमेंट भेजा करती थी।
ऑनलाइन गेमिंग और लालच बना देशद्रोह की वजह
विशाल यादव ऑनलाइन गेमिंग का शौकीन था और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए जासूसी में फंस गया। मोबाइल डाटा, चैट, और डिजिटल ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड से साफ हुआ है कि आरोपी ने रक्षा मंत्रालय और नौसेना से जुड़ी जानकारियां लगातार पाक एजेंट को भेजीं, जिनमें से कई ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी थीं एक ऐसा अभियान जिसकी जानकारी अत्यंत गोपनीय मानी जाती है।
ISI के लिए था काम, अब पूछताछ जारी
फिलहाल विशाल यादव को जयपुर स्थित केंद्रीय पूछताछ केंद्र में रखा गया है, जहां देश की कई बड़ी खुफिया एजेंसियां उससे संयुक्त पूछताछ कर रही हैं। इस केस ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है कि किस तरह सॉफ्ट टारगेट जैसे क्लर्क, सोशल मीडिया फ्रेंडशिप और पैसों के लालच में आकर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
विशाल यादव की गिरफ्तारी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह दिखाता है कि सोशल मीडिया पर होने वाली बातचीत अब सिर्फ चैट नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे में बदल सकती है। अब इस केस से जुड़े कई और खुलासे आने बाकी हैं और पूरे देश की नजरें इस पर टिकी हुई हैं कि कितनी गहरी है ये जासूसी की जड़ें।