Delhi Crime News: दिल्ली में JEE की तैयारी कर रही 17 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या की, सुसाइड नोट में माता-पिता से माफी मांगी
Delhi Crime News: दिल्ली के जामिया नगर में 17 वर्षीय एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली, जो टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) की तैयारी कर रही थी।
Delhi Crime News: दिल्ली के जामिया नगर में 17 वर्षीय एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली, जो टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) की तैयारी कर रही थी। पुलिस के अनुसार, छात्रा ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने अपने माता-पिता से JEE पास न कर पाने के लिए माफी मांगी है। पुलिस ने शनिवार, 26 अक्टूबर 2024 को यह जानकारी दी। छात्रा ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद JEE की तैयारी शुरू की थी, लेकिन परीक्षा में सफल न हो पाने का दुख सहन नहीं कर पाई।
घटना की जानकारी
दिल्ली पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात 11:25 बजे जामिया नगर पुलिस स्टेशन में एक PCR कॉल आई, जिसमें बताया गया कि 17 वर्षीय लड़की ने ओखला मेन मार्केट स्थित एक इमारत की सातवीं मंजिल की छत से छलांग लगा दी। पुलिस के अनुसार, छात्रा पढ़ाई के दबाव और उम्मीदों पर खरा न उतर पाने से बेहद तनाव में थी, जो उसकी मौत का मुख्य कारण माना जा रहा है। पुलिस ने मामले की जांच 194 BNSS के तहत शुरू की है।
3 दिन पहले IIT छात्र ने भी की आत्महत्या
पिछले तीन दिनों में यह दिल्ली में छात्रों द्वारा आत्महत्या का दूसरा मामला है। मंगलवार रात को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), दिल्ली के दूसरे वर्ष के मास्टर्स छात्र ने भी आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के अनुसार, उस छात्र का मानसिक उपचार चल रहा था, और वह उसी दिन IIT अस्पताल भी गया था। हालांकि, उसके कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। झारखंड निवासी छात्र के मेडिकल कार्ड से उसके मानसिक स्वास्थ्य उपचार की जानकारी मिली।
पहले भी IIT के छात्रों ने की आत्महत्या
इस साल फरवरी में, IIT दिल्ली के एक अन्य एमटेक छात्र ने भी आत्महत्या कर ली थी। उस मामले में छात्र के माता-पिता ने इसे आत्महत्या का स्पष्ट मामला नहीं माना और IIT से उनके बेटे के कोर्स गाइड और सीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
मानसिक दबाव के कारण बढ़ते आत्महत्या के मामले
JEE और IIT जैसे कठिन परीक्षाओं में छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है, जिसके चलते छात्रों में मानसिक तनाव की समस्या लगातार बढ़ रही है। शिक्षा और करियर की ऊंची उम्मीदें कई छात्रों को भारी मानसिक तनाव की ओर धकेल रही हैं, जिससे वे गंभीर कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं। माता-पिता और शिक्षकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सर्वोपरि मानते हुए उन्हें सहारा दें और अधिक दबाव से बचाएं।