मण्डल ने रोजगार गारंटी योजना के तहत वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त हितग्राहियों के लिए मनरेगा से 200 दिनों तक रोजगार देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर हाथ में रोजगार उपलब्ध हो, इस हेतु राज्य सरकार द्वारा योजनाएं बनाईं गई है, इसका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। वन धन योजना के अंतर्गत सभी वनवासियों से लघु वनोंपज की खरीदी वन धन केन्द्रों के माध्यम से शत प्रतिशत उचित दाम में खरीदने की व्यवस्था जाए। प्रत्येक जिले के 10 गांवों में स्व सहायता समूहों को मुर्गी पालन से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना के तहत उक्त अण्डों से कुपोषण को दूर करने में उपयोग हो सकेगा।
मुख्य सचिव श्री मण्डल ने कहा कि जिलों में खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। नरवा योजना के अंतर्गत नरवा डीपीआर तैयार कर पंचायत विभाग में प्रस्तुत किया जाए। इसी प्रकार गोठान समितियों के माध्यम से गोबर की खरीदी की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाए। इस हेतु सभी नागरिकों को मास्क पहनने, दो गज की दूरी रखने और बार-बार हाथ धोने के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना, पीसीसीएफ, राकेश चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।